यूरोप में लष्करी तैनाती के मुद्दे को लेकर रशिया और नाटो के बीच विवाद

ब्रुसेल्स/मॉस्को: नाटो की तरफ से यूरोप में चल रही गतिविधियाँ पूरी तरह से बचावात्मक, प्रमाणबद्ध और नाटो के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबद्धता से संबंधित हैं, इन शब्दों में नाटो ने रशिया को प्रत्युत्तर दिया है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने, नाटो पूर्व यूरोप में लष्करी क्षमता बढ़ाकर धमका रहा है, ऐसा आरोप किया था। दो हफ़्तों पहले पुतिन ने नाटो को ‘जोर्जिया’ के समावेश को लेकर गंभीर परिणामों की चेतावनी दी थी।

यूरोप, लष्करी तैनाती, मुद्दे, रशिया, नाटो, विवाद, ब्रुसेल्स, मॉस्को, व्लादिमिर पुतिनबुधवार को रशिया के सोची शहर में पुतिन ने फ़िनलैंड के राष्ट्राध्यक्ष ‘सॉली निनिस्तो’ से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद हुई संयुक्त पत्रकार परिषद में पुतिन ने नाटो की जोरदार आलोचना की। ‘रशिया की सीमा के पास सैनिक और हथियारों की तैनाती दिन ब दिन बढ़ रही है। नाटो की तरफ से अधिकाधिक लष्करी अभ्यासों का आयोजन किया जा रहा है। सोची से कुछ ही दूरी पर स्थित यूरोपीय देशों में नाटो के भव्य युद्धाभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। बाल्टिक क्षेत्र में भी युद्धाभ्यास लिए जा रहे हैं’, इन शब्दों में पुतिन ने नाटो की गतिविधियों को निशाना बनाया।

‘रशिया ने अपनी सीमा से दूर और नाटो देशों के पास कहीं भी लष्कर तैनात नहीं किया है। उल्टा नाटो ही अधिकाधिक रशियन सीमा के पास आ रहा है’, इन शब्दों में पुतिन ने नाटो उकसा रहा है ऐसा कहा है। उन्होंने रशियन सीमा के पास तैनात की गई अमरिका की मिसाइल भेदी यंत्रणाओं का खास करके उल्लेख किया है। यह सिर्फ मिसाइल भेदी यंत्रणा नहीं हैं, बल्कि इसका इस्तेमाल मध्यम दूरी के मिसाइल दागने के लिए भी सो सकता है, ऐसा पुतिन ने दावा किया है।

यूरोप, लष्करी तैनाती, मुद्दे, रशिया, नाटो, विवाद, ब्रुसेल्स, मॉस्को, व्लादिमिर पुतिनरशियन राष्ट्राध्यक्ष के इन आरोपों को नाटो ने स्पष्ट शब्दों में ख़ारिज किया है। ‘नाटो ने पूर्वी यूरोप में संभाव्य आक्रमण का मुकाबला करने के लिए ४००० सैनिक तैनात किए हैं। रशिया ने तैनात की बड़ी लष्करी टुकड़ियों के बारे में सोचा जाए तो नाटो की तैनाती की तुलना ही नहीं हो सकती है। उल्टा रशिया ने युक्रेन, जोर्जिया और मोल्दोवा जैसे देशों में स्थानीय सरकार की इच्छा के खिलाफ रक्षा बल तैनात किए हैं’, इन शब्दों में नाटो की प्रवक्ता ओना लुन्गेस्क्यु ने पलटवार किया है।

नाटो ने २० अगस्त से लाटविया में भव्य युद्धाभाय्स का आयोजन किया है और उसमें विविध नाटो सदस्य देशों के १०००० से अधिक सैनिक शामिल हुए हैं। यह युद्धाभ्यास 2 सितंबर तक शुरू रहने वाला है। उसके बाद अक्टूबर महीने में ‘ट्रायडन्ट जन्क्चर’ नामके इस भव्य युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया है और उसका नेतृत्व जर्मनी को सौंपा गया है। २० से अधिक सदस्य देशों का समावेश वाले इस भव्य युद्धाभ्यास में ४० सैनिकों के साथ साथ १२० लड़ाकू विमान और ७० युद्धपोत शामिल होने वाले हैं।

इसके पहले अप्रैल महीने में पुतिन ने नाटो की कार्रवाइयों को लेकर कडी चेतावनी दी थी। नाटो की कार्रवाइयों की वजह से रशिया के सामने की चुनौतियों में बढ़ोत्तरी होगी और इस वजह से नया संघर्ष निर्माण होने वाला है, ऐसा कहकर पुतिन ने नाटो की इन गतिविधियों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, ऐसा कहा था।

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