कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए सभी विकल्पों पर विचार शुरू – विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली – कुलभूषण जाधव ने उन्हों सुनाई गई फ़ाँसी की सज़ा के विरोध में पुनर्विचार याचिका दायर करने से इन्कार किया है, ऐसा पाकिस्तान ने घोषित किया। लेकिन पाकिस्तान का यह दावा यानी आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फ़ैसले पर अमल करना टालने के लिए किया हुआ नया नाटक है, ऐसा बयान भारत ने किया है। भारत सरकार कुलभूषण जाधव मामले में सभी क़ानूनी विकल्पों का विचार कर रही है। जाधव की सुरक्षा के लिए और और उन्हें भारत में वापस लाने के लिए भारत सरकार हर संभव प्रयास करेगी, ऐसा विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया।

Kulbhushan-Jadhavकुलभूषण जाधव पर जासूसी और आतंकी हमले के आरोप पाकिस्तान ने लगाये हैं। कुलभूषण जाधव पिछले चार सालों से पाकिस्तानी लष्कर की जेल में होकर, तीन साल पहले जाधव को पाकिस्तान की लष्करी अदालत ने फ़ाँसी की सज़ा सुनाई थी। लेकिन जाधव को ईरान के बलुचिस्तान प्रांत से अपहरण करके पाकिस्तान में लाया गया और बाद में उनपर झूठे आरोप लगाकर मुक़दमा चलाया गया, ऐसा भारत का कहना है।

पाकिस्तान ने व्हिएन्ना समझौते का उल्लंघन किया होकर, कुलभूषण जाधव को क़ानूनी सहायता भी मिलने नहीं दी है। इस मामले में भारत ने आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था। इस मुक़दमे में आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने भारत का समर्थन किया था। कुलभूषण जाधव की पुनर्विचार याचिका पर जब तक निर्णय नहीं होता, तब तक फ़ाँसी स्थगित करने के और उन्हें क़ानूनी सहायता प्रदान करने के आदेश पिछले साल आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने दिए थे।

लेकिन इस आदेश का पालन पाकिस्तान ने नहीं किया होकर, बुधवार को अचानक, कुलभूषण जाधव ने उन्हें सुनाई गई सज़ा के विरोध में पुनर्विचार याचिका दायर करने से इन्कार किया होने की जानकारी पाकिस्तान के अतिरिक्त अटर्नी जनरल अहमद इरफान ने दी। साथ ही, पुनर्विचार याचिका के बदले ‘दया याचिका’ दायर करने की इच्छा व्यक्त की है, ऐसा अहमद ने कहा। लेकिन यह सबकुछ कुलभूषण जाधव पर दबाव डालकर ज़बरदस्ती से उनसे कहलवाया जा रहा है। आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फ़ैसले पर अमल करना टालने के लिए पाकिस्तान ने रचा हुआ यह एक और नाटक होने की प्रतिक्रिया भारत के विदेश मंत्रालय ने दी।

जाधव की मुलाक़ात पाकिस्तान के बाहर के वक़ील से करा दी जायें, ऐसी विनती भारत द्वारा बार बार की गयी है। लेकिन पाकिस्तान ने उसे कभी भी नहीं माना। साथ ही, इस मामले के कागज़ात भी पाकिस्तान ने अब तक नहीं दिये हैं, इसपर भी विदेश मंत्रालय ने ग़ौर फ़रमाया। इस कारण, जाधव को बचाने के लिए विभिन्न विकल्प टटोले का रहे हैं, ऐसा विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया।

भारत की तीव्र प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान ने, उन्हें फिर से पुनर्विचार याचिका दायर करने का अवसर प्रदान किया जायेगा, ऐसा कहा है। साथ ही, इसके लिए विशेष अध्यादेश जारी करना पड़ेगा, ऐसा भी पाकिस्तान के अतिरिक्त अटर्नी जनरल अहमद इरफान ने कहा। उसीके साथ, कुलभूषण जाधव को उनके पिताजी से भी मिलने की अनुमति दी जायेगी, ऐसा भी पाकिस्तान ने कहा है। लेकिन, यह सब दिखावा होकर, तीन साल पहले जाधव की माँ और पत्नी के साथ पाकिस्तान ने किस प्रकार अपमानास्पद सुलूक़ किया था, इसकी याद विश्लेषक दिला रहे हैं।

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