पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और लष्करप्रमुख के बीच संघर्ष भड़केगा

इस्लामाबाद – भारत के प्रधानमंत्री भी कर नहीं सकेंगे, इतना पाकिस्तान का नुकसान प्रधानमंत्री इम्रान खान ने किया है, ऐसे गंभीर आरोप करके पाकिस्तान के विरोधी पार्टी नेताओं ने देश में चुनाव की माँग की। ‘पाकिस्तान डेमोक्रॅटिक अलायन्स’ (पीडीएम) के छत्र के तले एकसाथ आए विरोधी पार्टी नेताओं ने की यह माँग पाकिस्तान में सनसनी मचा रही है। इम्रान खान के साथ तीव्र मतभेद हुए पाकिस्तान के लष्करप्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, ये विरोधी पार्टियों के साथ सहयोग कर रहे हैं, ऐसे दावे किए जाते हैं। इस कारण, ऊपरी तौर पर सरकार बनाम विरोधी पार्टियाँ, ऐसा दिख रहा यह संघर्ष वास्तव में प्रधानमंत्री इम्रान खान और लष्करप्रमुख जनरल बाजवा के बीच ही भड़का है, ऐसा कुछ पत्रकारों का कहना है।

लष्करप्रमुखमौलाना फझलूर रेहमान और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ इन दोनों ने, इम्रान खान पाकिस्तान के लष्कर की बहुत बड़ी हानि कर रहे होने का आरोप किया। पाकिस्तान के लष्करप्रमुख जनरल बाजवा ने, आईएसआई के प्रमुख पद से लेफ्टनंट जनरल फैज हमीद को हटाया था। उनके स्थान पर लेफ्टनंट जनरल नदीम अंजूम की नियुक्ति की गई। लष्कर प्रमुख को बिना बताए फैज हमीद ने अफगानिस्तान में हस्तक्षेप किया था। उसकी सजा के रूप में उन्हें आईएसआई के प्रमुख पद से हटाया गया होने की चर्चा पाकिस्तान में शुरू हुई थी। लेकिन प्रधानमंत्री इम्रान खान लेफ्टनंट जनरल फैज हमीद के साथ डटकर खड़े रहे और उन्होंने इस संदर्भ में आदेश पर हस्ताक्षर करने से इन्कार किया।

यह प्रधानमंत्री इम्रान खान ने लष्करप्रमुख जनरल बाजवा पर किया ठेंठ हमला साबित होता है, ऐसा पाकिस्तानी विश्लेषकों ने कहा था। इससे पाकिस्तान के लष्कर में ही दरार पैदा हुई होकर अब पाकिस्तानी लष्कर का एक गुट प्रधानमंत्री इम्रान खान के समर्थन में खड़ा रहा है और दूसरा गुट इम्रान खान के विरोध में गया दिख रहा है। जल्द ही यह संघर्ष तीव्र होगा ऐसी गहरी संभावना व्यक्त की जा रही है। लष्करप्रमुख जनरल बाजवा ने इम्रान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाने की तैयारी की है, ऐसी जानकारी पाकिस्तान के ही कुछ पत्रकारों ने इससे पहले दी थी। लेकिन आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति पर विवाद पैदा होने के बाद, जनरल बाजवा ने इम्रान खान को सबक सिखाने के लिए विपक्षियों से मिलीभगत करने के दावे किए जाते हैं।

इसीलिए मौलाना फझलूर रेहमान और शाहबाज शरीफ ने की चुनाव की माँग गौरतलब साबित हो रही है। उसी में, भारत के प्रधानमंत्री भी कर नहीं सकेंगे, इतना पाकिस्तान का नुकसान इम्रान खान ने किया होने के गंभीर आरोप करके, इन विरोधी पार्टी नेताओं ने इम्रान खान की जमकर आलोचना की। विदेश नीति, आर्थिक समस्याएँ, अंतर्गत सुरक्षा ऐसे सभी मोरचों पर इम्रान खान असफल साबित हुए होकर, अगर अभी चुनाव नहीं लिए, तो पाकिस्तान की हालत भयंकर बनेगी, ऐसा ये नेता बता रहे हैं। इस कारण क्या पाकिस्तान का लष्कर फिर एक बार इस देश की सत्ता हाथ में लेगा, ऐसी चर्चा भी शुरू हुई है। अथवा ठेंठ अपने हाथ में सत्ता लेने के बजाय जनरल बाजवा विरोधी पार्टियों को आगे करके इम्रान खान को हटाने की गहरी संभावना जताई जाती है।

लेकिन पाकिस्तानी लष्कर के फैज हमीद जैसे असंतुष्ट अधिकारियों के कारण, इम्रान खान के विरोध में कार्रवाई करना जनरल बाजवा के लिए आसान नहीं रहा है, यह बात भी अब सामने आ रही है। इस कारण अगर पाकिस्तान में यह संघर्ष भड़का ही, तो वह पाकिस्तान के लिए अंतर्गत स्तर पर अब तक की सबसे बड़ी चुनौती साबित होगी।

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