‘डिमॉनेटायझेशन’ की वजह से आम जनता परेशान

नई दिल्ली: आठ नवंबर की मध्यरात्रि से ५०० और १००० रुपये के नोट खारिज़ करने की घोषणा की जाने के बाद देशभर के बैंकों एवं एटीएम के बाहर लगीं कतारें बढ़ती ही चली जा रही हैं| इस घोषणा के बाद देशभर में जान गँवानेवालों की संख्या २५ पर गई हुई ऐसा सामने आ रहा है| इनमें से सात लोग कतार में खड़े थे, तभी उनकी मौत हुई| आम किसानों से लेकर बाज़ार में माल पहुँचानेवालें ट्रक ड्रायव्हर तक, छोटे व्यापारियों से लेकर ग्राहकों तक सभी लोगों को पर इस फैसले का गहरा असर दिखाई दे रहा है| ख़ास तौर पर बैंक और एटीएम की सुविधा का अभाव रहनेवाले ग्रामीण क्षेत्र की जनता को इस निर्णय से काफी तकलीफ़ हो रही है|

जनतासौ रुपये का नोट हाथ में ना होने कारण ज़रूरी चीजें खरीदने में दिक्कत हो रही है, ऐसी शिकायत आम जनता कर रही है| समय के अभाव के कारण हज़ार और पाँचसौ के नोट बदलने के लिए बैंक के बाहर लगीं कतारों में खड़ा रहना कठिन हो रहा है| शुरुआत के दिनों में इसके लिए लंबी कतारें लगेंगी, लेकिन इसके बाद यह भीड़ क़ाबू में आ जायेगी, ऐसा आम जनता को लग रहा था| सरकार की ओर से भी ऐसा ही भरोसा दिलाया जा रहा था| लेकिन बैंक और एटीएम के बाहर लगीं कतारें दिनबदिन बढती ही चली जा रही हैं| इन कतारों में कई घंटे खडे होने के बाद भी पैसे हाथ आयेंगे, इसका यक़ीन नहीं दिलाया जा सकता| क्योंकि कुछ ही समय में, एटीएम और बैंकों की शाखा में, ‘नोट खतम हो गये हैं’ ऐसी घोषणा की जाती है| इस वजह से पुन: कतार में खड़े होने की चुनौती आम जनता के सामने खड़ी हो रही है|

५०० और १ हज़ार रुपये के पुराने नोट रद करने के बाद, अब तक २५ लोगों की जानें गई हैं| कतार में खड़े होने की वजह से पैदा हुए तनाव के चलते सात लोगों की जानें गई हैं| अस्पताल में इलाज चल रहे मरीज़ो के रिश्तेदारों को, बिल का भुगतान करने में बड़ी दिक्कत हो रही है| साथ ही, अस्पताल में दाखिल होते समय भी कई मरीज़ो को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है|

देशभर में, इलाज ना मिलने के कारण चार बच्चों की मौत हुई है, ऐसा कहा जा रहा है| नई दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर गुस्सा हुए ग्राहकों ने, माल देने से इन्कार करनेवाले दुकानदारों पर हमला बोल दिया, ऐसी भी खबरे आ रही हे| वहीं, दिल्ली में कुछ एटीएम की कतारों में हुई झडप की वजह से पुलिसवालों को दखल देने की नौबत आयी| देश के कई शहरों में इस तरह की घटना हुई हैं ऐसा कहा जा रहा है|

‘शादियों के मौसम में यह समस्या खड़ी हुई होने के कारण हमारी मुश्किलें बढ़ी हैं| कोई भी चेक से व्यवहार करने को तैयार नहीं है और उन्हें नकद देने के लिए हमारे पास पैसा बचा नहीं है’ ऐसी आलोचना, जिन घरों में शादी है वे कर रहे हैं| वहीं, कुछ जगहों पर तो दुल्हनें ही पैसा निकालने के लिए अपने रिश्तेदारों के साथ बैंक के बाहर कतार में खड़ी रहीं, ऐसी ख़बरें आ रही हैं|

सब्ज़ी से लेकर अन्य ज़रूरी चिजों की सप्लाई पर विपरीत असर पड़ रहा होकर, इस माल को बाजार तक पहुँचानेवाले ट्रक ड्रायव्हरों पर भूखा रहने की नौबत आई है| किसानों को, अपने खेतों में मज़दूरी करनेवालों को पैसा देने में दिक्कत हो रही है| उसी समय, छोटे किसानों कों बाज़ार में खेती का माल पहुँचाना और उसका पैसा वसूल करना कठिन बन चुका है| बाज़ार में आनेवाले माल में कटौती हुई है, ऐसा व्यापारियों का कहना है| कुछ जगहों पर, भरोसे पर व्यवहार शुरू होने के कारण इस कमी की तीव्रता कुछ हद तक कम हुई है|

मालयातायात पर असर होने के कारण सब्ज़ी, प्यास, फल और अंडा, मच्छी आदि चीज़ों की सप्लाय संकट में है| अपने कारोबार में तकरिबन २५ प्रतिशत की गिरावट हुई है, ऐसी जानकारी छोटे व्यापारियों ने दी|

देशभर में व्यवहार बंद पडने की वजह से निर्माण हुए हालात चिंताजनक होकर, यदि यही हालात बरक़रार रहें, तो क़ानून और सुव्यवस्था को ख़तरा हो सकता है, ऐसी चेतावनियाँ दी जा रही हैं| दरअसल, देश के कुछ हिस्सों में क़ानून और सुव्यवस्था ख़तरे में पड़ चुकी है, ऐसा दिखाई भी देने लगा है|
पाँच सौ और एक हज़ार रुपये के पुराने नोट लेकर पर्यटन के लिए निकले और यात्रा पर निकले लोगों की हालत बहुत ही ख़राब हुई है और उनपर भी भूखे रहने की नौबत आई है| देशभर में तक़रीबन डेढ़ करोड़ पर्यटक होकर, उनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं| नोट बदलने के लिए अथवा एटीएम से पैसा निकालकर व्यवहार करने के लिए इन पर्यटकों को काफ़ी दिक्कत हो रही है|

इस पृष्ठभूमि पर, नोट जनता तक जल्द से जल्द पहुँचाने के लिए वायुसेना की सहायता ली जा रही है| वायुसेना के हेलिकॉप्टर्स और भारी वजन उठानेवाले ‘ग्लोबमास्टर’ विमान नोटों को पहुँचाने का काम कर रहे हैं| साथ ही, समस्या छुड़ाने के लिए बीस और पचास रुपये के नोटों की सप्लाई बढ़ाई जायेगी, ऐसी घोषणा स्टेट बैंक की अध्यक्षा अरुंधती भट्टाचार्य ने की है| साथ ही, बार बार बैंक के बाहर कतारों में खड़े होकर, ५०० और १ हजार रुपयों के नोट बदलवाकर लेनेवालों को रोकने के लिए अहम निर्णय लिया गया है| इसके आगे नोट बदलनेवालों की ऊँगली पर मतदाताओं के तरह स्याही लगाई जायेगी| इससे, बारबार नोट बदलवानेवालों पर रोक लगायी जा सकती है, ऐसा दावा किया जा रहा है| लेकिन इस तरह की उपाययोजनाओं से नोटों की कमी की समस्या जल्द नहीं सुलझेगी, ऐसा बैंक और एटीएम के बाहर लगीं लंबीं कतारों से दिखायी दे रहा है|

सरकार को सुप्रीम कोर्ट की सूचना  

केंद्र सरकार ने किए डिमॉनेटायझेशन के फ़ैसले को चुनौती देनेवालीं चार याचिकाएँ सुप्रीम कोर्ट में दर्ज की गयी थीं| लेकिन यह याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज़ कर दी हैं| सरकार की आर्थिक नीति में दखलअंदाजी नहीं की  जा सकती, ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है| लेकिन केंद्र सरकार ने जनता को होनेवालीं दिक्कतें कम करने के लिए कौनसी उपाययोजनाएँ हाथ में ली हैं, इसकी विस्तृत जानकारी देने की सूचना इस समय सुप्रीम कोर्ट ने की है|

जनता को सहनी पड़ रहीं मुश्किलों पर सुप्रीम कोर्ट के सरन्यायाधीश टी. एस. ठाकूर तथा न्यायाधीश डी. वाय. चंद्रचूड के खंडपीठ ने चिंता जताई| साथ ही, सरकार इस समस्या को सुलझाने के लिए की जा रहीं उपाययोजनाओं का प्रतिज्ञापत्र अदालत में दे दें, ऐसा खंडपीठ ने कहा है| इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई २५ नवंबर को होनेवाली है|

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