तालिबान की आक्रामकता बढ रही है तभी ‘सीआईए’ के प्रमुख अफगानिस्तान पहुंची

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल – अमरिका का ‘बी-५२ बॉम्बर’ विमान गिराने का चौकानेवाला दावा तालिबान ने किया था| इसे कुछ घंटे नही होते तभी अमरिका की गुप्तचर ‘सीआईए’ के प्रमुख अफगानिस्तान पहुंची है| उनकी इस यात्रा का ब्यौरा उजागर नही हुआ है, फिर भी सीआईए प्रमुख जिना हॅस्पेल इन्होंने अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी और अफगान गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख के साथ बातचीत करने की बात कही जा रही है|

फिलहाल अमरिका और तालिबान के बीच बातचीत के दौर शुरू है| हाल ही में कतार में हुई बातचीत असफल हुई थी| इसके बाद तालिबान ने अफगानिस्तान की सेना पर और साथ ही अमरिकी सेना पर हमलें तेज किए थे| कुछ ही घंटे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान में अमरिका का प्रगत ‘बी-५२ बॉम्बर’ विमान गिराने का दावा किया था| तालिबान ने अफगानिस्तान के अलग अलग प्रांतों में सरकारी एवं सुरक्षा यंत्रणाओं पर किए हमलों में कम से कम ३०० से ४०० लोगों की मौत हुई थी| साथ ही परवान में बगराम हवाईअड्डे के निकट किए हमले में तीन अमरिकी सैनिक मारे गए थे|

ऐसे में कतार में होनेवाली अमरिका-तालिबान की बैठक अब तय समय पर नही होगी| इस बैठक का आयोजन बाद में हो सकता है| तालिबान ने अफगानिस्तान में बढाए हमलों की वजह से अमरिका ने यह निर्णय किया होगा, यह कहा जा रहा है| इसके बाद तालिबान और भी आक्रामक होने की बात दिख रही है| अफगानिस्तान को घुसपैठी एवं भ्रष्टाचारियों के कब्जे से मुक्त करने के लिए ‘अल फतह’ नाम से संघर्ष शुरू करने का ऐला तालिबान ने किया है| यह संघर्ष के साथ ही तालिबान की अमरिका के साथ चर्चा होती रहेगी, यह ऐलान किया गया है|

इस पृष्ठभूमि पर ‘सीआईए’ प्रमुख हास्पेल शुक्रवार के दिन अफगानिस्तान पहुंची| उन्होंने अफगान राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी से भेंट की| साथ ही उन्होंने अफगान गुप्तचर यंत्रणा के प्रमुख मासूम स्तानेकजाई से भी बातचीत की है| खास तौर पर अमरिकी बेडे के ‘बी-५२ बॉम्बर’ जैसा प्रगत विमान तालिबान ने गिराने का दावा अमरिका ने अभी तक ठुकराया नही है| ना ही इस दावे का स्वीकार किया है| लेकिन, इस दावे की ओर अमरिका काफी गंभीरता से देख रही है, यह बात हॅस्पेल की अफगानिस्तान यात्रा से स्पष्ट हो रही है|

जनवरी महीने के आखिरी दिनों में ‘सीआईए’ प्रमुख हॅस्पेल इन्होंने तालिबान के साथ शुरू अमरिका की शांतिचर्चा को लेकर सावधानी बरतने का इशारा दिया था| तालिबान पर भरोसा नही रखा जा सकता, यह चेतावनी भी हॅस्पेल ने दी थी| अमरिका ने अफगानिस्तान में अपने हितसंबंध सुरक्षित रखने के लिए तुरंत कार्रवाई करने की क्षमता बरकरार रखना जरूरी है, यह भूमिका हॅस्पेल इन्होंने रखी थी| ‘सीआईए’ प्रमुख ने दी यह चेतावनी अब वास्तव में दिखाई दे रही है|

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