कृत्रिम द्वीपों की सुरक्षा के लिए ‘साउथ चाइना सी’ में चीन की नौसेना का युद्धाभ्यास – स्प्रैटली द्वीप पर ड्रोन और प्रगत मिसाइल यंत्रणा तैनात की

बीजिंग: ‘साउथ चाइना सी’ में निर्माण किए गए कृत्रिम द्वीपों की सुरक्षा के लिए चीन की नौसेना ने इस समुद्री क्षेत्र में युद्धाभ्यास शुरू किया है। इस युद्धाभ्यास में चीन की नौसेना ने हवा के लक्ष्य को भेदने के लिए मिसाइलों को प्रक्षेपित किया है। इस वजह से इस युद्धाभ्यास के माध्यम से चीन ने अमरिका के हवाई हमलों को प्रत्युत्तर देने की तैयारी की है। उसी समय चीन ने इस समुद्री क्षेत्र के ‘स्प्रैटली’ द्वीप समुहोंपर ड्रोन और प्रगत मिसाइल यंत्रणा तैनात करने की ख़बरें भी सामने आ रहीं हैं।

पिछले कुछ हफ़्तों से साउथ चाइना सी में माहौल गरमा गया है। पिछले महीने में चीन ने इस इलाके के कृत्रिम द्वीपों पर परमाणु सज्ज बॉम्बर विमान उतारने का युद्धाभ्यास किया था। चीन के इस युद्धाभ्यास पर अमरिका ने तीव्र नाराजगी जताई थी। उसके बाद १५ दिनों पहले अमरिका के दो युद्धपोतों ने साउथ चाइना सी के पैरासोल द्वीप समूहों की सीमा से सफ़र किया था। इस महीने के शुरुआत में अमरिका के बॉम्बर विमानों ने ‘स्प्रैटली’ द्वीप समूहों की हवाई सीमा से गश्त लगाई थी।

कृत्रिम द्वीपों, सुरक्षा, साउथ चाइना सी, चैन की नौसेना, युद्धाभ्यास, स्प्रैटली द्वीप, ड्रोन, प्रगत मिसाइल यंत्रणा, तैनातव्यापारी दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण इस समुद्री क्षेत्र में सैंकड़ों कृत्रिम द्वीपों का निर्माण करके चीन ने इन द्वीपों का सैन्यकरण किया है। इस वजह से इस समुद्री क्षेत्र और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की सुरक्षा खतरे में आई है। चीन की इस आक्रामकता का विरोध करने के लिए और समुद्री परिवहन के स्वातंत्र्य के लिए साउथ चाइना सी में यह गश्त जारी रहेगी, ऐसी अमरिका ने चेतावनी दी थी। अमरिका के लष्कर प्रमुख ने भी कृत्रिम द्वीपों पर कब्ज़ा पाने का अमरिका के पास बड़ा अनुभव है, इन शब्दों में चीन को धमकाया था।

अमरिका के बाद फ़्रांस के हेलिकॉप्टर वाहक युद्धपोतों ने भी साउथ चाइना सी में गश्त लगाकर चीन को चुनौती दी थी। ब्रिटन के युद्धपोत भी साउथ चाइना सी के लिए रवाना हुए हैं। गुरुवार को चीन के दौरे पर गए अमरिका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ ने भी साउथ चाइना सी के सैन्यकरण मुद्दे पर जोर दिया है। चीन इस समुद्री क्षेत्र के कृत्रिम द्वीपों का सैन्यकरण न करे, ऐसा आवाहन अमरिकी विदेश मंत्री ने किया है।

लेकिन पॉम्पिओ के चीन दौरे के बाद अगले कुछ ही घंटों में चीन ने इस युद्धाभ्यास का आयोजन करके अमरिका को चेतावनी दी है। गुरुवार को इस समुद्री क्षेत्र में आयोजित किया गया युद्धाभ्यास भी यहाँ के कृत्रिम द्वीपों की सार्वभौमत्व की सुरक्षा के लिए है, ऐसा चीनी लष्कर के मुखपत्र ने घोषित किया है। इस युद्धाभ्यास में चीन के युद्धपोतों ने हवा में मिसाइल दागे। इसके लिए चीन ने अपने ही ड्रोन्स को लक्ष्य बनाकर अपने कृत्रिम द्वीपों की हवाई सीमा से गश्त लगाने वाले ड्रोन और विमानों को टारगेट करने के चीन ने संकेत दिए हैं।

इसके अलावा पिछले दो दिनों में चीन ने ‘स्प्रैटली’ द्वीप समूहों पर ड्रोन और प्रगत मिसाइल यंत्रणा तैनात करने की जानकारी अमरिका के एक अख़बार ने दी है। इसमें युद्धपोत भेदी और विमान भेदी यंत्रणाओं का भी समावेश है। साउथ चाइना सी की सीमा में चीन ने अब तक तैनात की यह सबसे प्रगत यंत्रणा है, ऐसा दावा किया जाता है। साथ ही नेटवर्क जैमिंग यंत्रणा भी इन द्वीपों पर लगाई गई है, ऐसा अमरिकी अख़बार ने कहा है।

इस दौरान, पिछले कुछ हफ़्तों में साउथ चाइना सी के बारे में अमरिका और मित्र देशों की चीन के खिलाफ गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। इस समुद्री क्षेत्र की अपनी सीमा में चीन की घुसपैठ यह ‘रेड लाइन’ साबित होगी, ऐसी चेतावनी फिलिपाईन ने दी है। तैवान ने साउथ चाइना सी में अमरिका की सैन्य तैनाती के लिए अपना द्वीप देने का संकेत दिया है।

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