लद्दाख के ‘एलएसी’ के करीब चीन की सेना ने तैनाती बढ़ाई – सेनाप्रमुख जनरल नरवणे

लद्दाख – चीन ने लद्दाख के ‘एलएसी’ के करीब भारी मात्रा में सेना तैनात की है, इस पर भारतीय सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकूंद नरवणे ने फिर से संज्ञान लिया है। यहां पर चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर भारत की नजर है और भारत ने भी यहां पर ज़रूरी मात्रा में अपनी सेना तैनात की है, यह जानकारी जनरल नरवणे ने प्रदान की। साथ ही इस क्षेत्र में भारतीय सेना ने ५० किलोमीटर मारक क्षमता के ‘के ९ – वज्र’ नामक ‘सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्ज़र’ तोप की रेजिमेंट तैनाती की है, यह जानकारी भी सेनाप्रमुख ने प्रदान की।

बीते कुछ दिनों से चीन ने लद्दाख के ‘एलएसी’ के करीब सेना की तैनाती बढ़ाई है। रशिया से खरीदी ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा की बैटरिज्‌ भी चीन ने इस क्षेत्र में तैनात करने की चर्चा है। साथ ही चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने यहां के सरहदी क्षेत्र में चीन ने काफी बड़े सुधार किए होने का बयान करके यहां की रक्षा तैयारी में बढ़ोतरी होने के दावे किए थे। चीन की यह तैनाती नई हरकत की तैयारी होने की कड़ी आशंका है। या तो चीन इसके ज़रिये लष्करी गतिविधियाँ करके भारत पर दबाव ड़ालने की और एक कोशिश कर रहा है, यही बात इससे स्पष्ट हो रही है।

china-military-deployment-ladakh-lacखास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमरीका यात्रा के बाद चीन की आक्रामकता में अधिक बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। इसका संज्ञान भारत ने लिया है और सेनाप्रमुख जनरल नरवणे की लद्दाख यात्रा और रक्षा तैयारी का जायजा लेना चीन को दिया हुआ संदेश साबित होता है। अपने दो दिन के इस दौरे में जनरल नरवणे ने यहां की तैयारी का जायजा लिया। साथ ही भारतीय सेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार होने की गवाही भी दी। माध्यमों को दिए गए साक्षात्कार के दौरान जनरल नरवणे ने ‘एलएसी’ पर भारतीय सेना ने तैनाती पर संतोष व्यक्त किया है।

सेनाप्रमुख जनरल नरवणे लद्दाख के दौरे पर थे तभी भारत ने सीमा पर ५० किलोमीटर मारक क्षमता की ‘के ९- वज्र’ नामक ‘सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्ज़र तोप की ‘रेजिमेंट’ लद्दाख में तैनात की है। यह तोप काफी उंचाई की पहाड़ियों पर भी समान प्रभाव से हमला करती है, यह जानकारी सेनाप्रमुख ने इस दौरान प्रदान की। इस वजह से सेना की मारकक्षमता में अधिक बढ़ोतरी होगी, यह कहकर भारतीय सेना के लिए यह बात अहमियत रखती है, ऐसा सूचक बयान सेनाप्रमुख ने किया।

इसी बीच, सेनाप्रमुख के इस लद्दाख दौरे के दौरान खादी से बनाया गया तकरीबन १ हज़ार किलो भार का राष्ट्रध्वज लगाया गया। इस विशाल ध्वज की लंबाई २२५ फीट और चौड़ाई १५० फीट है। महात्मा गांधी के १५२ वें जन्मदिवस के अवसर पर भारतीय सेना ने यहां पर राष्ट्रध्वज लगाने की बात कही जा रही है। इसके ज़रिये चीन को संदेश दिया जा रहा है, यह भी स्पष्ट हो रहा है।

अक्तुबर के बीचोबीच भारत और चीन के बीच लद्दाख के सीमा विवाद पर चर्चा शुरू हो रही है, यह जानकारी भी सेनाप्रमुख ने इस दौरान प्रदान की। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद की चर्चा शुरू होने से पहले लष्करी दबाव बढ़ाने की कोशिश चीन ने पहले भी करके देखी थी। बीते १६ महिनों में लद्दाख के सरहदी क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच बातचीत के १२ दौर हुए हैं। इस से कुछ हद तक सफलता भी हासिल हुई है, फिर भी ‘एलएसी’ पर तनाव कम नहीं हुआ है, इस बात का अहसास सेनाप्रमुख ने पहले ही कराया था। सीमा विवाद का हल निकले बगैर यह तनाव कम नहीं होगा, ऐसा जनरल नरवणे ने कहा था।

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