चीन के लष्करी नेतृत्व ने ही ‘गलवान’ की साज़िश रची थी – अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा की रिपोर्ट

वॉशिंग्टन – पिछले हफ़्ते लद्दाख की गलवान वैली में भारतीय सैनिकों पर हुए हमले के आदेश चीन के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों ही दिये थे। राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की ख़ास मर्ज़ी में होनेवाले और चीन के वेस्टर्न कमांड के प्रमुख जनरल झाऊ झोंकी के आदेश से ही यह हमला किया गया था। अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा ने तैयार की रिपोर्ट से यह बात सामने आयी है। इसी बीच, गलवान के संघर्ष में मरे हुए चिनी जवानों की संख्या एवं जानकारी छिपाकर रखनेवाली चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत की, चिनी जनता खुले आम आलोचना करने लगी है।Xi-Jinping-china-military

कोरोनावायरस का उद्गम, व्यापारयुद्ध, बुद्धिसंपदा की चोरी, हाँगकाँग और तैवान के मुद्दे पर दुनियाभर के प्रमुख देश चीन के विरोध में गये हैं। ऐसी ही परिस्थिति क़ायम रही, तो राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के ख़िलाफ़ चीन में उबल रहा विरोध उछालकर बाहर आयेगा, ऐसी चिंता ‘पीएलए’ में होनेवाले जिनपिंग-समर्थकों सता रही है। इसीलिए अमरीका और अमरीका के मित्रदेश होनेवाले भारत को सबक सिखाने के लिए चीन के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों ने गलवान वैली में भारतीय सैनिकों पर हमलें करने की साज़िश बनायी थी। शुरू में भारतीय सेना पर भीषण हमलें करके, बाद में दोस्ताना ढंग से यह मामला मिटाने की चीन की योजना थी। इस साज़िश के अनुसार, जनरल झोंकी और उनके सहकर्मियों के आदेशों पर ही भारतीय लष्कर पर हमला किया गया था।

अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा के ब्योरे से चीन की यह कुटिल साज़िश सामने आयी है। इससे पहले चीन के लष्कर ने लद्दाख इलाक़े में घुसपैंठ करने की घटनाएँ हुईं हैं। इसलिए इस बार भी लद्दाख में अपनायी अपनी लष्करी आक्रमकता सफल साबित होगी. ऐसा अनुमान चीन के लष्करी अधिकारियों ने जताया था। लेकिन भारतीय सेना के झटके से चीन के लष्कर के तोते उड़ गये। भारतीय सैनिकों की कार्रवाई के कारण, चीन के लष्कर को अपने हथियारों का भंडार तथा अन्य सामग्री वहीं छोड़कर भागना पड़ा था। चीन के लष्कर के लिए यह बड़ी ही बेइज़्ज़ती साबित हुई होकर, चीन के सोशल मीडिया में भारतीय सैनिकों पर के इस हमले की ज़ोरदार आलोचना की जा रही है।

भारत ने इस हमले में शहीद हुए अपने जवानों की जानकारी ज़ाहिर की, उन्हें राष्ट्रीय सम्मान दिया। लेकिन चीन की कम्युनिस्ट हुक़ूमत अपने जवानों के संदर्भ की जानकारी छिपा रही होने का आरोप चीन में ही तीव्रता से होने लगा है। और तो और, चीन के सोशल मीडिया में, कॉफिन्स् ले जानेवाले चीन के लष्करी वाहनों के फोटोग्राफ्स प्रकाशित हुए हैं। इससे चीन की जनता में कम्युनिस्ट हुक़ूमत के ख़िलाफ़ होनेवाला ग़ुस्सा बढ़ता अला जा रहा है। चीन के राष्ट्राध्यक्ष तथा सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख होनेवाले शी जिनपिंग के विरोध में अलापे जानेवाले आलोचना के सुर अधिक ही तीव्र हुए हैं। इस कारण, भारत पर हावी होने की साज़िश चीन के नेता पर ही बुमरँग हुई होने का दावा अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा ने इस रिपोर्ट में किया है।

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