चीन की अर्थव्यवस्था पर अभी भी मंदी का साया

मध्यवर्ति बँक तथा वरिष्ठ अर्थविशेषज्ञों की चेतावनी

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बीजिंग, दि. २३ (वृत्तसंस्था) – चीन की अर्थव्यवस्था अभी भी कुछ मात्रा में दबाव में होकर, इस कारण अर्थव्यवस्था पर अभी तक मंदी का साया क़ायम होने की चेतावनी चीन के मध्यवर्ति बँक ने दी। वहीं, चीन के एक प्रमुख अर्थविशेषज्ञ ली लँग लिऊ ने भी, ‘चीन के सत्ताधारी शासन के द्वारा उठाया गया एक भी ग़लत कदम अर्थव्यवस्था की गति को रोक सकता है’ ऐसी चेतावनी दी है। अमरीका के फ़ेडरल रिझर्व की प्रमुख जॅनेट येलन के साथ साथ रशिया के उपअर्थमंत्री ने भी चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जतायी है। चीन की अर्थव्यवस्था यदि इसी तरह नकारात्मक वातावरण दर्शाती रही, तो आंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का नुक़सान होने का डर इससे पहले ही व्यक्त किया गया है।

चीन का मध्यवर्ति बँक ‘पीपल्स बँक ऑफ़ चायना’ ने हाल ही में अपना वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित किया है। इस रिपोर्ट में, सन २०१५ की गतिविधियों की जानकारी देते हुए ही, आनेवाले समय में निर्माण होनेवालीं परिस्थितियों का अँदेसा एवं विश्लेषण भी किया गया है। उसमें चीन की अर्थव्यवस्था पर अभी भी प्रचंड दबाव होने की बात स्पष्ट की गयी है। इस दबाव के कारण अर्थव्यवस्था की गति कम होने का डर रिपोर्ट में व्यक्त किया गया है। चीन के मध्यवर्ति बँक ने, देश का आर्थिक विकास दर सुयोग्य मर्यादा में रखने के लिए प्रयास किये जायेंगे, ऐसा यक़ीन दिलाया है।

इस वार्षिक रिपोर्ट में, अर्थव्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए कुछ कदम उठाने के संकेत भी दिये गए हैं। उसमें अतिरिक्त औद्योगिक उत्पादन पर नियंत्रण रखा जायेगा, ऐसा कहा गया है। अमरीका के साथ साथ युरोपीय देशों ने भी, चीन द्वारा किये जानेवाले अतिरिक्त पोलाद का निर्माण और उसकी निर्यात इनपर सख़्त ऐतराज़ ज़ाहिर किया था। इस पार्श्वभूमि पर, उत्पादन पर नियंत्रण रखने के बारे में किया गया ज़िक्र महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

Stocks price in downtrend mode indicates global economy enter recessionइसके बाद चीन के शेअरबज़ार विदेशी कंपनियों के लिए खुले करने की संभावना भी रिपोर्ट में व्यक्त की गयी है। गत कुछ महीनों में, जब बड़ी कंपनियाँ चीन में से वापसी के संकेत दे रही हैं, तब उन्हें क़ायम रखने के साथ साथ, चीन की मुद्रा रहनेवाले युआन का विस्तार करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा होने का दावा सूत्रों ने किया है।

चीन के मध्यवर्ति बँक द्वारा हालाँकि आर्थिक संकट में से बाहर निकलने के संकेत दिये जा रहे हैं, मग़र फिर भी स्थानीय एवं आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन की अर्थव्यवस्था के बारे में रहनेवाली साशंकता अभी भी क़ायम है। ‘सिटीग्रुप’ के वरिष्ठ चिनी अर्थविशेषज्ञ लि-गँग लिऊ ने, ‘एक ग़लत कदम चीन की अर्थव्यवस्था की गति को कम करने का कारण बन सकता है’ ऐसी चेतावनी देकर, कर्ज़े की पुनर्रचना एवं सरकारी उपक्रमों का निजीकरण इन जैसे उपायों पर फ़ौरन अमल करना आवश्यक होने का मशवरा लिऊ ने दिया।

चीन की अर्थव्यवस्था पर कर्ज़े का प्रचंड बोझ होकर, यह बोझ आर्थिक प्रगति के लिए चुनौति बनकर सामने आ रहा है। गत कुछ महीनों से, स्थानीय एवं आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न रिपोर्टों में इसका लगातार ज़िक्र किया गया है। लेकिन ऐसा होने के बावजूद भी चीन द्वारा इसपर कोई उपाययोजना की जाते हुए दिखायी नहीं दे रही है, इस कारण चिंता का वातावरण तैयार हुआ है। उसीमें, अतिरिक्त औद्योगिक उत्पादन और विदेशी मुद्रा का भारी मात्रा में बाहर जाना, इन घटनाओं के कारण अर्थव्यवस्था पर का दबाव बढ़ा है, ऐसा माना जा रहा है। इस पार्श्वभूमि पर, ‘सरकारी उपक्रमों में रहनेवाले सरकारी हिस्से को कम करना और कर्ज़े पर ठोंस उपाय करना इनके बारे में निर्णय नहीं  किये गए, तो चीन की अर्थव्यवस्था की गति कुंठित होगी’ ऐसा डर अर्थविशेषज्ञ ली गँग लिऊ ने व्यक्त किया है।

चीन की अर्थव्यवस्था से संबंधित इन गतिविधियों को लेकर अमरीका और रशिया जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं द्वारा भी चिंता जतायी गयी है। अमरीका के फ़ेड़रल रिझर्व की प्रमुख जॅनेट येलन ने, ‘चीन की अर्थव्यवस्था को, संतुलन बनाये रखते हुए बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़नेवाला है’ यह बताते हुए, जागतिक अर्थव्यवस्था को उससे नुक़सान सहन करना पड़नेवाला होने की संभावना ज़ाहिर की है। वहीं, रशिया के उपअर्थमंत्री मॅक्झिम ओरेश्किन ने, चीन की अर्थव्यवस्था को मंदी का ख़तरा होने का डर ज़ाहिर किया है।

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