’अलिबाबा ग्रुप’ के विरोध में हुई कार्रवाई से चीनी कंपनियों को हुआ २०० अरब डॉलर्स से अधिक नुकसान

बीजिंग – चीन की हुकूमत ने विश्‍व में सबसे बड़ी ‘ई-कॉमर्स’ कंपनी के तौर पर पहचान प्राप्त करनेवाले ‘अलिबाबा ग्रूप’ के विरोध में जारी कार्रवाई का दायरा बढ़ाने के संकेत दिए हैं। इस समाचार के साथ ही चीनी शेअर बाज़ार में बड़ी सनसनी मची है और सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों को २०० अरब डॉलर्स से अधिक का झटका लगा है। आर्थिक नुकसान होनेवाली कंपनियों में ‘टेन्सेंट होल्डिंग’ और ‘जेडी डॉट कॉम’ जैसी अग्रीम कंपनियों का भी समावेश है।

chinese-companiesचीन की केंद्रीय ‘पीपल्स बैंक ऑफ चायना’ ने रविवार के दिन एक निवेदन जारी करके जैम मा के ‘अलिबाबा ग्रूप’ और ‘ऐण्ट ग्रूप’ जैसी कंपनियों के विरोध में कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। ‘ऐण्ड ग्रूप’ मात्र ‘पेमेंट सर्विस’ क्षेत्र तक अपना कारोबार सीमित रखकर अन्य उद्योग क्षेत्रों से बाहर निकले, ऐसे निर्देश ‘पीपल्स बैंक ऑफ चायना’ ने दिए हैं। इससे पहले बीते सप्ताह में चीन के ‘स्टेट ऐडमिनिस्ट्रेशन फॉर मार्केट रेग्युलेशन’ इस सरकारी यंत्रणा ने ‘अलिबाबा ग्रूप’ के मुख्यालय पर छापा मारा था।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ५०० अरब डॉलर्स से अधिक मूल्य की सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में चीन के वर्चस्व के प्रतीक वाली कंपनी के विरोध में हुई यह कार्रवाई सनसनी फैलानेवाली साबित हुई है। चीन के शेअर बाज़ारों में इस कार्रवाई का बड़ा असर दिखाई दिया है और निवेशकों में संभ्रम का माहौल बना है। चीन के प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के शेअर्स की किमत में दो से आठ प्रतिशत गिरावट आई है और इन कंपनियों को २०० अरब डॉलर्स से अधिक नुकसान होने की बात कही जा रही है।

chinese-companiesचीनी अरबपति जैक मा की कंपनियों के विरोध में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। बीते महीने में जैक मा ने चीन की बैंकिंग नियंत्रक यंत्रणा एवं बड़ी बैंकों की कार्यपद्धति पर आलोचना करनेवाला बयान किया था। बैंक एवं संबंधित यंत्रणा इस क्षेत्र में नए बदलाव स्वीकारने के लिए और खतरा उठाने के लिए तैयार ना होने का दावा उन्होंने किया था। उनके इस बयान की कीमत ‘ऐण्ट ग्रूप’ को चुकानी पड़ी है। इस कंपनी से शांघाय और हाँगकाँग के शेअर बाज़ारों में दाखिल होनेवाला अरबों डॉलर्स कीमत का ‘आयपीओ’ रद करना पड़ा था।

इसके बाद की गई नई कार्रवाई चीन के निजी क्षेत्र एवं हुकूमत के बीच बना तनाव सामने लानेवाली साबित हुई है। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत को देश के सभी क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण रखना है और इसे चुनौती देनेवाले घटक हावी नहीं होने देने हैं। इसी कारण जैक मा जैसे उद्यमीयों का बढ़ता प्रभाव चीन के सत्तापक्ष के नेताओं की बौखलाहट करनेवाला साबित हुआ है और नई कार्रवाई इन्हें रोकने की कोशिशों का हिस्सा होने की बात स्पष्ट हो रही है।

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