भारतीय सीमा के पास तिब्बत में चीन का युद्धाभ्यास: भारत के ऊपर दबाव बढ़ाने की चीन की कोशिश

 

बीजिंग, दि. १७: डोकलाम में भारत और चीन की सेना एक दूसरे के सामने खड़ी है, ऐसे में चीन ने तिब्बत में दोबारा युद्धाभ्यास किया है| पिछले दो हफ़्तों में तिब्बत में किया हुआ चीन का यह दूसरा युद्धाभ्यास है और इस युद्धाभ्यास के माध्यम से चीन भारत को संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि, चीन की धमकियां खोखली नहीं हैं|

भारत और चीन की सेना

चीन ने तिब्बत के लिझी इलाके में इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया था| लिझी इलाका डोकलाम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा से नजदीक है| इस युद्धाभ्यास में चीन के सैनिकों ने दुश्मन के हवाई जहाजों और तोपों पर हमला करने का अभ्यास किया है| युद्धाभ्यास के लिए होवित्ज़र, टैंक विरोधी ग्रेनेड, बंकर्स भेदी मिसाइल, राडार और हवाई जहाज को भेदने वाले अस्त्रों का इस्तेमाल किया गया| युद्धाभ्यास में सहभागी सेना की ब्रिगेड पिछले कुछ सालों से ब्रम्हपुत्र नदी के इलाके में तैनात है| इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य, युद्ध हुआ तो उसे प्रत्युत्तर देना, हमला करने की तैयारी और दो अलग अलग सेना के यूनिट के दौरान तालमेल की जॉंच करना था, ऐसा चीन के सरकारी टीवी चैनल ‘चाइना सेंट्रल टीवी’ (सीसीटीवी) ने प्रकाशित की हुई एक खबर में कहा गया है| सीसीटीवी ने इस युद्धाभ्यास का एक विडियो जारी किया है| ११ घंटे यह अभ्यास शुरू था| लेकिन यह युद्धाभ्यास कब पूरा हुआ इस बात को इस खबर में छिपाया गया था|

दो हफ़्तों पहले तिब्बत में और एक युद्धाभ्यास हुआ था| इसमें चीन ने अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग किया था| इससे पहले चीन ने इसी इलाके में ‘९३ बी’ टैंक का परिक्षण किया था| इन टैंकों को चीन इस इलाके में तैनात करने वाला है| भारत ने चीन सीमा पर रुसी निर्मित ‘टी ९०’ टैंक तैनात किए हैं| इसके प्रत्युत्तर के रूप में चीन ‘९३ बी’ टैंक तैनात करने वाला है|

इससे पहले १० जुलाई को तिब्बत के मोबाइल कम्युनिकेशन यूनिट ने आपातकालीन परिस्थिति में भी संपर्क न टूटे, इसके लिए अल्पकालिक मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध करवाने का अभ्यास किया था|

दौरान, ‘शंघाई इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज’ के दक्षिण एशिया के विशेषज्ञ वैंग दिहुआ ने दावा किया है कि, ‘खुद ने युद्ध की तैयारी की है, ऐसा दिखाकर भी युद्ध को टाला जा सकता है|’ साथ ही चीन की ताकतवर सेना चीन की रक्षा करने के लिए सक्षम होने का विश्वास भी जनता के मन में इस युद्धाभ्यास की वजह से निर्माण होता है, ऐसा दिहुआ ने कहा|

लेकिन वर्तमान स्थिति में चीन बार बार दे रहे युद्ध की धमकी की वजह से, चीन की अस्वस्थता सामने आ गई है| डोकलाम से पीछे न हटने का रवय्या अपनाकर और चीन सीमा पर अतिरिक्त सेना तैनात करके, भारत ने चीन के आगे न झुकने का अपना इरादा चीन को बता दिया है|

दौरान, डोकलाम समस्या का हल राजनितिक तरीके से निकले जाने का विश्वास भारत ने जाहिर किया है| दोनों देशों की सीमारेखा अस्पष्ट होने के कारण चीन सीमा पर ऐसी घुसपैठ की वारदातें होती रहती हैं और इन वारदातों से उभरी समस्याओं को राजनितिक तरीके से सुलझाया गया है| इस तरह से डोकलाम का तनाव भी कम हो जाएगा ऐसा भारत ने कहा है| लेकिन इससे पूर्व चीन ने, भारत ने सेना पीछे लिए बगैर चर्चा न करने की भूमिका अपनाई थी| इस भूमिका से पीछे हटना चीन के लिए मुश्किल बन गया है| इस वजह से रोज रोज नई धमकियॉं देकर चीन भारत की सेना को पीछे हटाने के लिए दबाव डालने की कोशिश कर रहा है|

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