म्यानमारस्थित भारतविरोधी आतंकियों को चीन की सहायता – भारतीय अधिकारियों का गंभीर आरोप

नई दिल्ली – भारत के पूर्वोत्तर (नॉर्थ-ईस्ट) के राज्यों में खूनख़राबा कराने की तैयारी में होनेवाले म्यानमारस्थित आतंकियों को चीन द्वारा सहायता की जा रही है। इन आतंकियों को शस्त्रास्त्र और आश्रय देकर चीन उनका बल बढ़ा रहा होने का आरोप भारत के अधिकारियों ने किया। हालाँकि इन अधिकारियों के नाम सामने नहीं आये हैं, फिर भी माध्यमों में इसकी ख़बरें प्रकाशित हुईं होकर, चीन भी इसपर खुलासा करने पर मजबूर हुआ दिख रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने घोषित किया है कि अपना देश दूसरे देश में दख़लअन्दाज़ी नहीं करता।

चीन की सहायता

भारत-म्यानमार सीमा पर सक्रिय होनेवाले ‘युनायटेड वा स्टेट आर्मी’ तथा ‘अराकान आर्मी’ ये आतंकवादी संगठन भारत की सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं। ये आतंकवादी संगठन म्यानमार की भूमि का इस्तेमाल करके भारत को लक्ष्य करने की लगातार कोशिशें करते आये हैं। म्यानमार की सरकार ने इन आतंकी संगठनों के खिलाफ़ कार्रवाई करने का आश्‍वासन भारत को दिया था। लेकिन इन आतंकवादी संगठनों के पीछे चीन का समर्थन होने की बात बार बार सामने आ रही है।

इन आतंकवादी संगठनों के सरगना होनेवाले चार लोग चीन के कुनमिंग शहर में आतंकी कारनामों का प्रशिक्षण ले रहे हैं, ऐसा कहा जा रहा है। इन चार लोगों में तीन लोग नागा विद्रोही संगठनों से संबंधित होने की जानकारी भी सामने आयी है। चीन के निवृत्त लष्करी अधिकारी इन चारों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इससे यही स्पष्ट हुआ है कि भारत को लक्ष्य करने की तैयारी में होनेवाले आतंकियों का निर्वाह और प्रशिक्षण चीन द्वारा किया जा रहा है। इससे पहले पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकी संगठनों द्वारा पश्‍चिम सीमा पर ख़ूनख़राबा कराने की की साज़िशों को नाक़ाम बनाने की चुनौती भारतीय सुरक्षा दलों के सामने थी। अब उत्तरपूर्वी सीमा पर भी वैसी ही परिस्थिति निर्माण करने की साज़िश चीन ने रची है।

भारतीय अधिकारियों ने किये आरोपों का चीन ने खंडन किया है। हमारा देश दूसरे देश में दख़लअन्दाज़ी नहीं करता, ऐसा दावा चीन के विदेश मंत्रालय ने किया। चीन ने आतंकवादियों को हथियारों की सप्लाई नहीं की है, ऐसा बताते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने, हमारा देश शस्त्रास्त्रों की निर्यात करते समय हमेशा ही ज़िम्मेदारी से भूमिका निभाता आया है। चीन केवल सार्वभूम देशों को ही शस्त्रास्त्रों की सप्लाई करता है, किसी भी संगठन को चीन द्वारा हथियारों की सप्लाई नहीं की जाती, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है।

इसी बीच, भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अस्थिरता मचाने के लिए चीन साज़िशें रचता होने की बात इससे पहले भी सामने आयी थी। असम तथा अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी ख़ूनख़राबा मचानेवाले उल्फा के प्रमुख आतंकियों को चीन ने सहायता की थी। साथ ही, उल्फा के कुछ नेता चीन में ही होने की बात कई बार सामने आयी थी। बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसिना की सरकार सत्ता पर आने के बाद, इस सरकार ने भारतविरोधी आतंकी संगठनों पर सख़्त कार्रवाई शुरू की थी। उसके बाद चीन ने, उल्फा तथा अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों के आतंकी और विद्रोही संगठनों को आश्रय दिया था।

लेकिन लद्दाख में सीमाविवाद भड़कने के बाद चीन द्वारा इन आतंकवादी संगठनों का अधिक आक्रामकता से इस्तेमाल किया जाने की संभावना बढ़ी है। भारतीय अधिकारियों ने चीन पर किये आरोपों के पीछे यह पृष्ठभूमि होने की बात स्पष्ट हो रही है

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