नए झटकों से चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत

बीजिंग – कोरोना संक्रमण के दौर में आर्थिक विकास दर सकारात्मक रखनेवाली एकमात्र अर्थव्यवस्था के तौर पर स्वयं को चमकाते रहें चीन को अब नए झटके महसूस होने लगे हैं। बीते कुछ महीनों में चीन में ‘डिफोल्टर कंपनियों’ की संख्या बढ़ रही है और कुछ कंपनियाँ दिवालिया घोषित हो सकती हैं, ऐसें संकेत भी प्राप्त हुए हैं। इसी बीच विश्‍वभर में कच्चे सामान की कीमतें बढ़ने से चीन की कंपनियों के मुनाफे में भी गिरावट हो रही है। इसी बीच, राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की नीति की वजह से चीन के आर्थिक चमत्कार करने के दिन खत्म हुए हैं, यह दावा अमरीका की ‘फोर्ब्स’ वेबसाईट के लेख में किया गया है।

Chinese-economy-768x444कोरोना ने विश्‍वभर में मचाये कोहराम का दायरा अभी भी कम नहीं हुआ है। इस वैश्‍विक महमारी की वजह से बीते वर्ष कई शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं को बड़ा झटका लगा था। अमरीका एवं युरोपीय देशों के साथ कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं ने नकारात्मक विकासदर दर्ज़ किया था। इसी दौरान चीन की अर्थव्यवस्था ने २ प्रतिशत सकारात्मक विकास दर दर्ज़ करने की जानकारी साझा की गई थी। लेकिन, चीन की इस प्रगति का चित्र गुमराह करनेवाला एवं कमज़ोर होने की बात बीते कुछ महीनों की घटनाओं से साबित हो रही है।

इस वर्ष के शुरू से ही चीन में कर्ज का भार प्रचंड़ मात्रा में बढ़ रहा है और निजी क्षेत्र की क्षमता भी कम हो रही है, ऐसी चेतावनी अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोश ने दी था। इसके बावजूद कर्ज का भार और उससे संबंधित खतरें कम करने के लिए चीन की हुकूमत ने किसी भी तरह के कदम उठाए नहीं। वर्ष २०२१ के पहले चार महीनों के दौरान ही, चिनी कंपनियों से कर्ज का भुगतान ना करने की मात्रा बढ़ने की बात एक रिपोर्ट से स्पष्ट हुई। ‘ब्लूमबर्ग’ ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार, पहले चार महीनों में चिनी कंपनियों ने १८ अरब डॉलर्स कर्ज का भुगतान नहीं किया है। बीते वर्ष की तुलना में इसकी मात्रा करीबन ७० फीसदी अधिक होने की बात कही जा रही है।

अप्रैल महीने में चीन के औद्योगिक उत्पादन में ४.१ प्रतिशत गिरावट हुई है। मार्च में उत्पादन बढ़ोतरी का दर १४.१ प्रतिशत था। लेकिन, अपैल में इसमें ९.८ प्रतिशत तक गिरावट हुई है। चीन के रिटेल क्षेत्र की बिक्री में भी बड़ी गिरावट हुई है। मार्च महीने में ३४ प्रतिशत के स्तर पर रहा रिटेल सेल्स अप्रैल महीने में बड़ी गिरावट के साथ १७.७ प्रतिशत के स्तर पर पहुँचा है। चीन के औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों के मुनाफे में भी बड़ी गिरावट दर्ज़ हुई है।

मार्च महीने में औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों के प्राप्त मुनाफे की मात्रा ९२ प्रतिशत से अधिक थी। अप्रैल में इसकी गिरावट होकर, यही मुनाफा मात्र ५७ प्रतिशत दर्ज़ हुआ। औद्योगिक क्षेत्र की गिरावट के पीछे कच्चे सामान की कीमतों की हुई बढ़ोतरी ज़िम्मेदार होने की बात कही जा रही है। स्टील और कॉपर जैसें धातुओं की कीमतों में ५० प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

Chinese-economy-01इसी बीच, चीन की अर्थव्यवस्था के चमत्कार दिखाने के दिन खत्म हुए हैं और इसके लिए राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की नीति ज़िम्मेदार है, ऐसा दावा अमरीका की ‘फोर्ब्स’ नामक वेबसाईट के लेख में किया गया है। बीते कुछ वर्षों में जिनपिंग द्वारा अर्थव्यवस्था पर अपनी पकड़ अधिक मज़बूत करने की कोशिश हो रही है और यह कोशिश भविष्य में विकास की गति कम करेगी, ऐसा मायकल शुमन नामक विश्‍लेषक ने कहा है।

जिनपिंग ने चीन की सत्ता संभालने के बाद, निजी क्षेत्र के बजाय सरकारी कंपनियों को कर्ज़ प्रदान करने की मात्रा बढ़ोतरी होने का दावा निकोलस लार्ड़ी नामक विश्‍लेषक ने किया। ये कंपनियाँ राजनयीक नीतिओं को अधिक अहमियत देनेवाली होने के कारण, अर्थव्यवस्था की कार्यक्षमता एवं मनुष्यबल की उत्पादनक्षमता मे भी गिरावट होने का एहसास लार्डी ने कराया।

उद्यमी जैक मा एवं उनकी कंपनी के खिलाफ हुई कार्रवाई, जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी के एकाधिकार का स्पष्ट नमुना होने की बात पर इस लेख में ध्यान आकर्षित किया गया है। चीन की हुकूमत पर मामुली आलोचना करने से जैक मा के विरोध में कार्रवाई हुई थी। इसके बाद वे कहाँ हैं, इस बात का लंबे समय तक पता नहीं लगा था। हालाँकि बीच में ही यकायक किसी कार्यक्रम में मौजूद रहकर जैक मा अपने विषय में निर्माण हुई रहस्यता खत्म करने की कोशिश करते हैं, लेकिन पहले की तुलना में उनकी गतिविधियों पर काफी अधिक प्रतिबंध होने की बात स्पष्ट तौर पर महसूस हो रही है।

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