‘एव्हरग्रैण्ड’ के बाद रिअल इस्टेट क्षेत्र की ‘फैंटैसिआ, सिनिक होल्डिंग्ज्‌, मॉडर्न लैण्ड कंपनियों के साथ चीन की अर्थव्यवस्था भी खतरे में

china-real-estate-economy-1बीजिंग – चीन के रिअल इस्टेट क्षेत्र की शीर्ष कंपनी ‘एव्हरग्रैण्ड’ के बाद अन्य बड़ी कंपनियों ने भी कर्ज़ की किश्‍तों का भुगतान ना करने के संकेत दिए हैं। इनमें ‘फैंटेसिआ’, ‘सिनिक होल्डिंग्ज्‌’ समेत ‘मॉडर्न लैण्ड’ कंपनी का भी समावेश है। इन कंपनियों ने २५ करोड़ डॉलर्स का भुगतान ना करने की जानकारी सामने आयी है। रिअल इस्टेट क्षेत्र के संकट का दायरा बढ़ रहा हैं और इसी दौरान ऊर्जा क्षेत्र के संकट और कोरोना की महामारी के नए विस्फोट की वजह से अर्थव्यवस्था को लग रहें झटकों की तीव्रता बढ़ सकती है, ऐसा अनुमान विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं ने यह दावा किया है कि अगले वर्ष चीन की विकास दर गिरावट के कारण पांच प्रतिशत से भी कम रहेगी।

चीन के संपत्ति और निर्माण क्षेत्र की शीर्ष कंपनी ‘एव्हरग्रैण्ड’ के शेअर्स के मूल्य में, बीते वर्ष से ८० प्रतिशत से भी अधिक गिरावट हुई है। इस कंपनी पर कुल ३०५ अरब डॉलर्स कर्ज़ का भार है और इसका भुगतान करने में कंपनी सक्षम ना होने के दावे किए जा रहे हैं। कंपनी ने कर्ज़ की लगातार तीन किश्‍तों का भुगतान नहीं किया है। इस कंपनी के बाद और तीन प्रमुख कंपनियों ने, कर्ज़ एवं ब्याज का भुगतान करने के लिए सक्षम ना होने का ऐलान किया है। इनमें ‘फैंटैसिआ’, ‘सिनिक होल्डिंग्ज्‌’ और ‘मॉडर्न लैण्ड’ का समावेश है। ‘फैंटैसिआ’ ने लगभग ३१ करोड़ डॉलर्स का कर्ज़ और ब्याज का बकाया किया है। ‘सिनिक होल्डिंग्ज्‌’ और ‘मॉडर्न लैण्ड’ २५ करोड़ डॉलर्स का भुगतान करने में असफल हुई हैं।

china-real-estate-economy-2चीन की अर्थव्यवस्था में रिअल इस्टेट और संबंधित क्षेत्र का हिस्सा लगभग ३० प्रतिशत है। दूसरीं ओर, चीन के बैंकों ने प्रदान किए कर्ज़ों में से सबसे अधिक डूबे हुए कर्ज़ इसी क्षेत्र से होने की बात सामने आ रही है। वर्ष २०२१ में चीन की कंपनियों ने बकाया किए कर्ज़ और ब्याज का आँकड़ा करीबन ९ अरब डॉलर्स है और इनमें से ३४ प्रतिशत राशी रिअल इस्टेट क्षेत्र की कंपनियों के कर्ज़ की हैं। इस पृष्ठभूमि पर, अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्थाओं ने रिअल इस्टेट क्षेत्र की कंपनियों का पतमानांकन कम करना शुरू किया है और लगभग ३० से भी अधिक कंपनियों को इससे नुकसान पहुँचा हैं, यह समझा जा रहा है।

रिअल इस्टेट के बाद शिक्षा एवं तकनीक के क्षेत्र पर हो रहीं कार्रवाई, ऊर्जा संकट, कोरोना की महामारी का नए से हो रहा विस्फोट और छुपे कर्ज़ के संकट की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था अधिक मुश्‍किलों से घिरी है। चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने निजी कंपनियों के विरोध में शुरू की हुई मुहीम अभी भी जारी है। कई कंपनियों के ‘आयपीओ’ को रोका गया है और बैंकों द्वारा इन कंपनियों को दिए जा रहें कर्ज़ से संबंधित नियम भी सख्त किए गए हैं। इसका बड़ा असर शेअर बाज़ार में देखा गया है और इन कंपनियों को लगभग ४०० अरब डॉलर्स का नुकसान पहुँचा होने की जानकारी सामने आयी है।

china-real-estate-economy-3बीते कुछ महीनों में चीन के अलग अलग प्रांतों में उभरा बिजली की किल्लत का संकट अभी तक दूर नहीं हुआ है। चीन ने अपनी ऊर्जा कंपनियों को, उपलब्ध किसी भी मार्ग से ईंधन प्राप्त करने के निर्देश दिए थे। रशिया से बिजली की अतिरिक्त खरीद करने के साथ ही अमरिकी कंपनियों से भी ईंधन की खरीद करने की गतिविधियाँ शुरू की गई थी। लेकिन इस सबके बावजूद भी कई प्रांतों और शहरों में बिजली की किल्लत होने की बात सामने आयी है।

चीन की अर्थव्यवस्था के छुपे कर्ज़ की जानकारी भी सामने आने लगी हैं। चीन के स्थानीय प्रशासनों के माध्यम से खड़े किए प्रकल्पों पर बना कर्ज़ का भार नियंत्रण से बाहर जाने की बात भी स्पष्ट हुई है। अलग अलग माध्यमों से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार, ऐसें छुपे कर्ज़ की राशी लगभग ८.३ ट्रिलियन डॉलर्स है। नोमुला वित्तसंस्था के आर्थिक विशेषज्ञों ने किए दावे के अनुसार, इसकी मात्रा चीन के जीडीपी के ४० प्रतिशत से भी अधिक है।

इसी बीच चीन के कुछ प्रांतों में कोरोना का नया विस्फोट हुआ है और गान्सु प्रांत के साथ कुछ शहरों में सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। चीन में बीते कुछ महीनों में कोरोना का लगातार नया विस्फोट होता देखा जा रहा है। इसका अब चीन की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर हो रहा है और इसके झटके वैश्‍विक अर्थव्यवस्था को लगे बगैर नही रहेंगे, यह चिंता व्यक्त की जा रही है।

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