चीन की सेना के पास आक्रामकों को हराने की क्षमता- राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग का दावा

बीजिंग:चीन के राष्ट्राध्यक्ष ‘शी जिनपिंग’ ने कहा है कि, ‘चीन की सेना के पास सभी आक्रामकों की सेना को हराने के लिए जरुरी आत्मविश्वास और क्षमता है’| ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित किए गए भव्य सेना संचालन में राष्ट्राध्यक्ष बोल रहे थे| भारत में यह चर्चा शुरू हुई है कि चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने ‘आक्रामकों’ को दी धमकी मतलब भारत के लिए है क्या|

‘पीएलए’ की स्थापना को ९० साल पुरे हो रहे हैं, इस मौके पर चीन ने भव्य सेना संचालन का आयोजन करके शक्ति प्रदर्शन किया है| इस दौरान पारंपरिक मिसाइलों के साथ साथ ‘पीएलए’ ने परमाणुओं का भी प्रदर्शन किया| १२ हजार जवान और २६ बलेस्टिक मिसाइल्स साथ ही मिसाइल भेदी यंत्रणाओं के साथ लड़ाकू हवाई जहाज भी इसमें सहभागी हुए थे| करीब ६०० तरह के हथियार और सुरक्षा यंत्रणाओं का इसमें समावेश था| इस समय चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने अपनी सेना का सामर्थ्य और सिद्धता की खुले मन से प्रशंसा की|

‘चीन को पहले कभी नहीं थी इतनी सामर्थ्यशाली सेना की आवश्यकता है| इसी लिए अपनी सेना को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए रक्षासिद्धता बढाने की आवश्यकता है, ऐसा जिनपिंग ने बोला है| उनके इन उद्गारों दखल दुनियाभर की मीडिया ने ली है| भारतीय मीडिया में यह चर्चा शुरू हुई है कि चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने ‘आक्रामकों’ को जब यह चेतावनी, तब क्या उन के सामने भारत था | वर्तमान में ‘डोकलाम’ में भारत और चीन की सेना एकदूसरे के सामने खड़ी है| चीन ने बार बार युद्ध की धमकी देने के बावजूद भारत यहाँ से सेना को हटाने के लिए तैयार नहीं है| दूसरी तरफ चीन आरोप करा रहा है कि भारतीय सेना ने चीन के इलाके में घुसपैठ की है और इस वजह से चीन आक्रामकों को सबक सिखाने की बातें कर रहा है|

लेकिन भारतने चीन की धमकियों को ज्यादा महत्व न देते हुए, चीन के पास सीमा इलाके में अपनी रक्षासिद्धता और बढाई है| अपनी धमकियों का थोडा भी परिणाम भारत पर न होते देखकर, चीन बहुत ज्यादा अस्वस्थ होता दिखाई दे रहा है| भूटान की सीमा में घुसपैठ करके सड़क निर्माण करने की कोशिश करने वाले चीन ने भारत को कम समझकर बहुत बड़ी गलती की है, ऐसा पश्चिमी विशेषज्ञ कह रहे हैं| चाहे कुछ भी हो जाए भारत चीन को युद्ध के लिए चेतावनी नहीं देगा, ऐसा भारतीय विश्लेषकों का मानना है| लेकिन चीन इस मुद्दे में भारत पर दबाव डालने का एक भी मौका न छोड़ते हुए, मानसिक दबाव डालने की जरुर कोशिश करेगा, ऐसी संभावना जताई जा रही है| फ़िलहाल तो यही दिखाई दे रहा है कि, भारत के मजबूत रवैये की वजह से चीन के दबाव तंत्र का दांव चीन पर ही उलट गया है|

केवल भारत को ही नहीं, बल्कि ‘साऊथ चायना सी’ इलाके में अमेरिका की पहरेदारी को लेकर चीन अमेरिका को भी धमकियाँ दे रहा है| साथ ही अमेरिका की ‘थाड’ इस मिसाइल भेदी यंत्रणा की तैनाती को लेकर दक्षिण कोरिया को भी चीन धमकियाँ दे रहा है| ‘ईस्ट चाइना सी’ को लेकर जापान के साथ चल रहे विवाद की पृष्ठभूमि पर, चीन जापान को भी सबक सिखाने की भाषा कर रहा है| दक्षिण पूर्व एशिया के छोटे देशों के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र के ऑस्ट्रेलिया जैसे देश को भी चीन सतत धमकियाँ और इशारे दे रहा है| इस पृष्ठभूमि पर पहले से कई ज्यादा सामर्थ्यशाली सेना की चीन को आवश्यकता है, जिनपिंग ने किया यह दावा ध्यान खींचने वाला है|

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