दिवाली के दौरान चीन को लगेगा ४० हज़ार करोड़ रुपयों का झटका

china-diwaliनई दिल्ली – इस वर्ष दिवाली के दौरान भारतीय बाज़ार में चीन को ४० हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान होगा, यह अंदाज़ा है। भारतीय व्यापारियों ने चीनी सामान की बिक्री ना करने का निर्णय किया है। गलवान वैली के संघर्ष में भारत के २० सैनिक शहीद होने पर चीनी सामान पर बहिष्कार करने की मुहिम भारतीय व्यापारी संगठन चला रहे हैं। देश की प्रमुख व्यापारी संगठन ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स’ (कैट) ने शुरू किए इस मुहिम को बड़ा जोरदार समर्थन प्राप्त हो रहा है। जुलाई में भी भारतीय व्यापारियों ने चायनीज राखियां नहीं खरीदी थीं और इस वजह से चीन का ४ हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ था। अब चीनी व्यापारीयों की दिवाली भी खराब होगी।

बीते कुछ वर्षों से देश में त्यौहारों के दिनों में चीनी सामान की बड़ी मात्रा में बिक्री हो रही थी। सस्ते चीनी सामान की माँग बढ़ने के कारण भारतीय व्यापारी चीनी सामान की बड़ी मात्रा में आयात कर रहे थे। प्रतिवर्ष दिवाली के दौरान भारत में ७० हज़ार करोड़ रुपयों का कारोबार होता है। इनमें से ४० हज़ार करोड़ रुपयों का सामान चीन से आयात होता है। लेकिन, इस वर्ष चीन से कुछ भी सामान आयात ना करने का निर्णय भारतीय व्यापारियों ने किया है।

china-crackersदेश में व्यापारियों से संबंधित ४० हज़ार छोटे-बड़े संगठ्नों एवं ६ करोड़ व्यापारियों का प्रतिनिधित्व कर रही ‘कैट’ ने चीनी सामान पर बहिष्कार डालने के लिए मुहिम चलाई है। व्यापारी चीनी सामान ना खरीदे और भारतीय सामान की बिक्री के लिए प्राथमिकता दें, इसके लिए ‘कैट’ व्यापारियों को प्रोत्साहित कर रही है। व्यापारी भी दिवाली में भारतीय सामान की बिक्री करने के लिए जरूरी सामान का भंड़ारण कर रहे हैं। दिवाली में चीन से आयात होनेवाला सामान कुछ महीने पहले ही मंगवाया जाता है। लेकिन, फिलहाल लद्दाख में भारत-चीन के बीच बने तनाव की पृष्ठभूमि पर इस सामान का आयात हमेशा के समय पर नहीं किया गया है। इस वजह से इस वर्ष की दिवाली में चीन को ४० हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान हो सकता है, यह दिखाई दे रहा है।

china-diwaliइस वर्ष भारत में ऑनलाईन खरीद में बढ़ोतरी हुई है। देश में ऑनलाईन खरीद में ७० प्रतिशत बढ़ोतरी होने की बात एक रपट से सामने आ रही है। साथ ही इस वर्ष सरकार ने ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नई नीति भी तय की है। इसके तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को बिक्री होनेवाले हरएक सामान का निर्माण करनेवाले देश का नाम स्पष्ट रूप से दिखाना अनिवार्य किया गया है। इस नियम का उल्लंघन करने पर ऐमेज़ॉन और फ्लिपकार्ट कंपनियों को हाल ही में केंद्रीय ग्राहक व्यवहार मंत्रालय ने नोटीस थमाने का वृत्त प्राप्त हुआ था। इन नियमों की वजह से ग्राहकों को ऑनलाईन बिक्री हो रहे चीनी सामान की पहचान करना संभव होगा। इससे भारतीय बाजार में चीन को आनेवाले दिनों में और अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, यह अंदाज़ा लगाया जा रहा है।

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