फिलिपाईन्स को चीन की चेतावनी, जापान का समर्थन

टोकिओ, दि. ७ (वृत्तसंस्था) – ‘असियान’ के सम्मेलन में यदि ‘साऊथ चायना सी’ का मसला उठाया जाता है, तो फिर जापान फिलिपाईन्स को समर्थन देनेवाला पहला देश होगा’, ऐसी घोषणा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ऍबे ने की| साथ ही, फिलिपाईन्स की सागरी सुरक्षा के लिए पाच टोही विमान और दो गश्ती नौकाएँ देने का ऐलान भी ऍबे ने किया|

जापानकुछ घंटें पहले चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने, ‘जी-२०’ सम्मेलन में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ऍबे को सलाह देते हुए, ‘साऊथ चायना सी’ के विवाद से दूर रहें, ऐसी चेतावनी दी थी| फिर भी जापान ने फिलिपाईन्स को राजनयिक समर्थन और सैनिकी सहायता देते हुए, चीन द्वारा दी गई धमकी को पूरी तरह से नजरअंदाज किया, ऐसा दिखाई देता है|

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो ऍबे फिलहाल, लाओस में चल रहे दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के ‘असियान’ सम्मेलन में शामिल हुए हैं| इस सम्मेलन में भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रप्रमुख उपस्थित हैं| इस सम्मेलन की पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री ऍबे ने, फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष रॉड्रिगो से मुलाकात करते हुए, उन्हें जापान दौरे का निमंत्रण दिया|

japan-philippinesइससे पहले अगस्त महीने में हुए ‘असियान’ सम्मेलन में ‘साऊथ चायना सी’ के मसले पर, दक्षिणी-पूर्व एशियाई देशों में ही भिन्न मत दिखाई दिए थे| चीन से आर्थिक हितसम्बध जुड़े हुए कुछ देशों ने ‘साऊथ चायना सी’ का मसला उपस्थित करने पर विरोध किया था| लेकिन लाओस में होनेवाली इस बैठक में ‘साऊथ चायना सी’ का मसला उपस्थित किया जाएगा, ऐसा फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष रॉड्रिगो ने स्पष्ट किया|

इस पर जापान के प्रधानमंत्री ऍबे ने, ‘यदि ‘साऊथ चायना सी’ का मसला उपस्थित होता है, तो जापान सबसे पहले फिलिपाईन्स को समर्थन देगा’ ऐसी घोषणा की| प्रधानमंत्री ऍबे और राष्ट्राध्यक्ष रॉड्रिगो में होनेवाली यह मुलाक़ात महत्त्वपूर्ण मानी जाती है| पिछले कुछ दिनों से चीन द्वारा फिलिपाईन्स को दी जानेवाली धमकियों की पृष्ठभूमि पर, जापान ने फिलिपाईन्स को दिया हुआ समर्थन अहमियत रखता है|
चीन में ‘जी-२०’ सम्मेलन शुरू था, तब फिलिपाईन्स ने ‘साऊथ चायना सी’ का मसला बारबार उठाया था| चीन फिलिपाईन्स के समुद्री क्षेत्र में अपनी गश्ती नौकाओं को भेजकर हमारी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है, ऐसा आरोप फिलिपाईन्स ने किया था| इन आरोपों से बेचैन हुए चीन ने फिलिपाईन्स को फटकार लगाई है|

‘साऊथ चायना सी’ के स्कारबोरो द्वीपसमूहों के क्षेत्र में चीन की गश्ती नौकाएँ और कुछ जहाज अधिकारिक तरीक़ से हैं, जिसमें कोई भी बदलाव नहीं किए गए हैं| इसलिए फिलिपाईन्स चीन के जहाजों की गतिविधियों पर बढ़ाचढ़ाकर टिप्पणी ना करें’ ऐसी धमकी चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनईंग ने दी|

चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई इस चेतावनी के बाद जापान के रक्षा मंत्रालय ने फिलिपाईन्स की सैनिकी सहायता करने की घोषणा की| इसमें ऍबे ने, फिलिपाईन्स की सेना के लिए दो गश्ती नौका और पाँच ‘टीसी-९०’ टोही विमान देने का प्रस्ताव रखा है| इससे पहले भी जापान ने फिलिपाईन्स को १० गश्ती नौकाएँ देना का ऐलान किया है| लेकिन वे गश्ती नौकाएँ छोटी थीं, बल्कि अब दी जानेवाली दो गश्ती नौकाएँ बड़ी हैं, ऐसा ऍबे ने स्पष्ट किया|

एक तरफ़ चीन फिलिपाईन्स को चेतावनियाँ और धमकियाँ दी जा रही हैं; वहीं, दूसरी तरफ़ जापान और अमरीका फिलिपाईन्स के पीछे दृढतापूर्वक खड़े हैं| ‘जी-२०’ सम्मेलन में, फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष द्वारा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ओबामा के प्रति उच्चारित अपशब्दों का विवाद मिट रहा है| वहीं, अपने बयान पर माफ़ी माँगनेवाले फिलिपाईन्स के राष्ट्राध्यक्ष से मुलाक़ात करने की तैयारी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने शुरू की है|

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