‘सीमा पर के संघर्ष से युद्ध भड़केगा’ : चीन द्वारा भारत को चेतावनी

बीजिंग, दि. ३ : ‘चीन अपनी सीमा की और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए बिना ड़रे ज़रूरी कदम उ़ठायेगा और वक्त आने पर भारत के साथ युद्ध करना पड़े तो भी करेगा, ऐसी चेतावनी चीन द्वारा दी गयी है| चीन का सरकारी मुखपत्र रहे ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने कहा कि ‘सीमा पर जारी संघर्ष यदि सही तरीके से नहीं सँभाला गया, तो युद्ध भडक सकता है|’ भारत यदि सन १९६२ जैसा नहीं रहा, तो चीन भी सन २०१७ का है, यह बात भारत ने ध्यान में रखने की ज़रूरत है, ऐसी धमकी चीन की ओर से दी गई है| साथ ही, सीमा पर भारत की जो हरकत चल रही है, वह ‘विश्‍वासघात’ है, ऐसा इल्ज़ाम चीन ने लगाया है|

भारत, भूतान और चीन की सीमाएँ जहाँ पर मिलतीं हैं, उस चुबी घाटी के डोकला इलाके में चिनी सैनिकों ने घुसपैंठ करके, ६ जून को भारत के दो बंकर ध्वस्त किये थे| घुसपैठ करनेवाले इन चिनी जवानों को भारतीय जवानों ने रोकने के बाद बड़ी मात्रा में संघर्ष खड़ा हुआ था| चीन ने इस इलाके पर दावा जताते हुए, यहाँ का सड़कनिर्माण का काम भारतीय सेना ने रोका था, ऐसा इल्ज़ाम लगाया था| तभी भूतान ने भी कहा कि ‘यह भूभाग हमारा है और चीन ने यहाँ पर घुसपैंठ की है’| सन १९६२ के भारत-चीन युद्ध के बाद पहली ही बार दोनों देशों की सीमा पर इतने बड़े पैमाने पर तनाव निर्माण हुआ है| इस तनाव की पार्श्‍वभूमि पर चीन रोज़ाना तीखीं प्रतिक्रियाएँ देता आ रहा है और इसी दौरान सोमवार को चीन के सरकारी मुखपत्र से भारत को युद्ध की धमकी दी गई है|

संघर्ष‘भारतीय सीमा पर जो संघर्ष निर्माण हुआ है, उसमें अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए चीन की ओर से सख़्त कदम उ़ठाये जायेंगे’ ऐसा ग्लोबल टाईम्स के लेख में चिनी विशेषज्ञों ने कहा है| चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कँग ने चार दिन पहले, भारत को उक़साने के लिए सन १९६२ के भारत-चीन युद्ध के परिणामों की याद दिलाई थी| इस पर प्रतिक्रिया देते समय रक्षामंत्री अरुण जेटली ने, ‘सन १९६२ का भारत और २०१७ का भारत इनमें काफ़ी अंतर है’ ऐसी प्रतिक्रिया दी थी|

रक्षामंत्री अरुण जेटली ने दी इस प्रतिक्रिया पर, ‘ग्लोबल टाईम्स’ के लेख में ‘शांघाय म्युनिसिपल सेंटर्स फॉर इंटरनॅशनल स्टडीज’ के प्रोफ़ेसर वँग देहूआ ने कहा कि ‘भारत यदि सन १९६२ का नहीं है, तो चीन भी सन १९६२ का नहीं है यह भारत ने ध्यान में लेना चाहिए’| फिलहाल भारत के साथ भड़के संघर्ष को यदि सही तरीके से सँभाला नहीं गया, तो युद्ध छिड सकता है, ऐसा दावा भी वँग ने किया है|

‘शांघाय म्युनिसिपल सेंटर्स फॉर इंटरनॅशनल स्टडीज’ के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के संचालक झाओ गँचेंग ने, दोनों देशों के बीच के संघर्ष का लाभ तीसरे देश को होगा, ऐसी चेतावनी दी है| गँचेंग ने दी इस चेतावनी का रूख़ अमरीका की तरफ था| साथ ही, भारत अपने क्षेत्र में चीन सीमा के पास ‘ऑल वेदर रोड’ का निर्माण कर रहा है, जिससे भारत को अपनी सेना सीमा पर कम समय में तैनात करने में आसानी मिलेगी, ऐसा भी गँचेंग ने कहा| भारत रक्षासिद्धता के संदर्भ में चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर रहा है, ऐसा इल्ज़ाम भी उन्होंने लगाया है|

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को इम्प्रेस करने के लिए भारत ने सिक्कीम सीमा पर का सड़कनिर्माण का काम रोका होने का इल्ज़ाम ‘ग्लोबल टाईम्स’ द्वारा लगाया गया है| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका दौरे से पहले भारतीय जवानों ने घुसपैठ कर चीन के सड़कनिर्माण का काम रोका| साथ ही, दोनों देशों के बीच का हथियारों का समझौता, यह भारत और एशिया-प्रशात क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को मद्देनज़र रखकर किया गया है, ऐसा लिवू झोंगयी इस चिनी विश्‍लेषक ने कहा है| प्रधानमंत्री मोदी की अमरीका की यात्रा से पहले भारत ने चीन के माल पर ‘अँटी डंपिंग ड्यूटी’ लगाई| यह सब अमरीका का समर्थन हासील करने के लिए भारत ने किया है, ऐसा दावा भी झोंगयी ने किया है|

इसी दौरान, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि ‘सीमा पर जो भारत की हरकत है, वह ‘विश्‍वासघात’ है| सन १८९० में चीन और ब्रिटिशों के बीच हुए समझौते के अनुसार ‘डोकला’ यह इलाका चीन का है| ब्रिटीश जाने के बाद सत्ता में आयी भारत सरकार ने सन १९५९ में इस समझौते को मंज़ुरी दी थी| इस समझौते की भारत ने फिर से जाँच करनी चाहिए और अपनी सेना को पीछे लेना चाहिए|’ साथ ही, ‘भारत और भूतान के बीच के द्विपक्षीय संबंधों को चीन का विरोध नहीं है| लेकिन भूतान का नाम लेकर भारत चीन के क्षेत्र में घुसपैंठ कर रहा है, ऐसा इल्ज़ाम शुआंग ने लगाया है| लेकिन भारत की यह कोशिश कामयाब नहीं होगी, ऐसा दावा भी उन्होंने किया है|

सिक्कीम सीमा पर निर्माण हुए संघर्ष के बाद चीन ने भारत के पास अपना ऐतराज़ कड़े शब्दों में दर्ज किया है| राजनैतिक स्तर पर भारत के साथ चर्चा जारी है, ऐसा शुआंग ने कहा|

लेकिन चीन के विदेशमंत्रालय की ओर से ‘चर्चा जारी है’ ऐसा कहा जा रहा है; वहीं, चीन का सरकारी मुखपत्र रहे ‘ग्लोबल टाईम्स’ द्वारा युद्ध की चेतावनियाँ दी जा रहीं हैं| भारत पर दबाव बनाने के लिए चीन की ओर से ये चेतावनियाँ दीं जा रहीं हैं| लेकिन चीन की धमकी को नज़रअंदाज़ करते हुए भारत ने, सिक्कीम सीमा पर चीन की आक्रामकता का ठोस रूप से जवाब दिया है| सिक्कीम सीमा के पास सैन्य की तादाद बढ़ाकर भारत ने, चीन के दबाव के नीचे भारत नहीं झुकेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत दिये हैं|

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