चीन ने ‘साउथ चाइना सी’ पर कब्जा किया तो अन्य देश भी उसी का अनुकरण करेंगे – फिलिपिनी राष्ट्राध्यक्ष रॉर्डिगो दुअर्ते का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमनीला: चीन ने साउथ चाइना सी पर कब्जा करके अपने अधिकार जताया तो फिलिपिन्स भी अपने निकट के समुद्री क्षेत्र पर अधिकार बताएगा| इतना ही नही तो अमरिका भी पैसिफिक महासागर के आधे क्षेत्र पर अपना मालिकाना हक होने का दावा कर सकती है, इन शब्दों में दुनिया के अन्य देश चीन का अनुकरण करेंगे, यह इशारा फिलिपिन्स के राष्ट्राध्यक्ष रॉड्रिगो दुअर्ते इन्होंने दिया|

कुछ दिन पहले चीन के जहाज ने फिलिपिनो जहाजों पर हमला किया था| फिलिपिन्स के तट से कुल २०० नॉटिकल मील दूरी पर ‘रीड बैंक’ के समुद्री क्षेत्र में यह हमला हुआ था| चीन की इस आक्रामकता के विरोध में फिलिपिन्स ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की ओर दौड लगाई थी| साथ ही चीन की समुद्री क्षेत्र में दिखाई दे रही आक्रामकता पर नजर रखने के लिए अमरिका से लंबी दूरी तक गश्त करनेकी क्षमता रखनेवाले ‘पी-३ ओरियन्स’ विमानों की खरीद करने का ऐलान भी फिलिपिन्स ने किया है|

उसके बाद अब फिलिपिन्स के राष्ट्राध्यक्ष दुअर्ते ने ‘साउथ चाइना सी’ में चीन की हरकतों को फिर से लक्ष्य किया| ‘चीन फिलिपिन्स का मित्र है, ऐसा चीन कहता है| फिर चीन ने किसी समुद्री क्षेत्र पर अपना मालिकाना हक जताना उचित है क्या? इस सवाल का चीन को जवाब देना होगा| अब ‘सुलु सी’ समेत अन्य समुद्री क्षेत्र पर फिलिपिन्स ने भी हक जताना जरूरी है, यह एहसास हमें हो रहा है| फिर चीन को भी विना अनुमति इस समुद्री क्षेत्र में प्रवेश करना मुमकिन नही होगा’, यह इशारा दुअर्ते ने दिया है|

हमारी तरह अन्य देश भी चीन की ‘साउथ चाइना सी’ मेें दिखाई दे रही आक्रामकता का समर्थन करके अनुकरण कर सकते है, इन शब्दों में फिलिपिनी राष्ट्राध्यक्ष ने चीन को फटकार लगाई है| ‘अमरिका भी आदे पैसिफिक महासागर पर अपना हक जता सकती है| दुनिया के अन्य देश भी उनके निकट के समुद्री क्षेत्र पर ऐसे ही हक जताएंगे’, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष दुअर्ते ने चीन को चेतावनी दी|

दो हफ्तें पहले चीन के जहाज ने किए हमले के बाद ‘साउथ चाइना सी’ के पूरे समुद्री क्षेत्र पर अधिकार जता रहे चीन के विरोध में फिलिपिन्स का असंतोष चरम सीमा पर पहुंचा है| चीन के साथ व्यापारी संबंध स्थापित करके सहयोग करने की भूमिका स्वीकार रहे राष्ट्राध्यक्ष दुअर्ते पर भी आलोचना होने लगी है| इसी पृष्ठभूमि पर थायलैंड में ‘आसियन’ की बैठक शुरू हो रही है| ऐसी स्थिति में दुअर्ते ने चीन के विरोध में भूमिका स्वीकार कर ‘आसियन’ में भी यह मुद्दा उपस्थित करने के संकेत दिए है|

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