बायडेन प्रशासन पर दबाव डालने के लिए चीन करेगा उत्तर कोरिया के कार्ड का इस्तेमाल – अमरिकी विश्‍लेषक का दावा

वॉशिंग्टन/प्योनग्यँग – चीन और उत्तर कोरिया के वरिष्ठ अधिकारियों की सोमवार के दिन बीजिंग में चर्चा हुई। इस चर्चा मे चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जाँग उन के बीच अहम संदेशों का आदान-प्रदान होने का वृत्त चीनी माध्यमों ने दिया है। दोनों देशों में परंपरागत गठबंधन मज़बूत होने का निवेदन इस चर्चा के बाद प्रसिद्ध किया गया। चीन और उत्तर कोरिया की चर्चा और यह निवेदन यानी बायडेन प्रशासन पर दबाव डालने के लिए चीन द्वारा उत्तर कोरिया का इस्तेमाल होने के संकेत होने का दावा अमरिकी विश्‍लेषक ने किया है।

nk-china-us-bidenअमरीका और दक्षिण कोरिया की ‘टू प्लस टू’ स्तर की बैठक बीते हफ्ते में हुई थी। इस बैठक में दोनों देशों ने उत्तर कोरिया को परमाणु अस्त्रों से दूर करने का प्रमुख उद्देश्‍य रहेगा, यह ऐलान किया था। इस कोशिश में शामिल होने के लिए अमरीका ने चीन से भी आवाहन किया था। ‘चीन और उत्तर कोरिया के बीच के विशेष संबंधों का इस्तेमाल करके चीन इस देश पर दबाव डाले। यह बात चीन के हितसंबंधों के नज़रिये से भी उचित होगी’, ऐसी सलाह अमरिकी विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने दी थी। इसके बाद अमरीका और चीन की बैठक में दोनों देशों के नेताओं का जोरदार जुबानी टकराव होने का वृत्त सामने आया था।

इस पृष्ठभूमि पर सोमवार के दिन चीन और उत्तर कोरिया की उच्च स्तरीय बैठक ध्यान आकर्षित करती है। चीन के वरिष्ठ अधिकारी सौंग ताओ और उत्तर कोरिया के चीन में नियुक्त राजदूत री ऱ्योंग नाम की इस दौरान बातचीत हुई। इस बातचीत में चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग और उत्तर कोरिया के किम जाँग उन के संदेशों का आदान-प्रदान होने का वृत्त चीनी माध्यमों ने साझा किया है। जिनपिंग ने द्विपक्षीय संबंध काफी अनमोल होने की बात कहकर कोरियन क्षेत्र की स्थिरता के लिए योगदान देने का वादा किया। वहीं, किम जाँग उन ने चीन के साथ एकजूट और सहयोग अधिक मज़बूत होने का दावा किया।

चीन और उत्तर कोरिया के संदेशों का आदान-प्रदान होना अमरीका के बायडेन प्रशासन के लिए ‘वॉर्निंग शॉट’ होने का दावा अमरिकी माध्यमों ने किया है। बायडेन प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए चीन उत्तर कोरिया को कार्ड के तौर पर इस्तेमाल करेगा, यह इशारा हैरी कैज़िऐनिस नामक विश्‍लेषक ने दिया। चीन को रोकने के लिए बायडेन कुछ भी नहीं कर सकते, यही दिखाने के लिए चीन इसका इस्तेमाल कर सकता है, इस ओर भी कैज़िऐनिस ने ध्यान आकर्षित किया।

उत्तर कोरिया की हुकूमत पर सबसे अधिक प्रभाव वाले देश के तौर पर चीन को जाना जाता है। उत्तर कोरिया ने प्राप्त किए परमाणु अस्त्रों की तकनीक और अन्य सहायता भी चीन ने ही प्रदान की है, यह माना जा रहा है। आर्थिक सहायता, अनाज की आपूर्ति जैसे कई रास्तों से चीन ने उत्तर कोरिया पर अपना प्रभाव बनाए रखा है।

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