चीन की व्यापारी नीतियाँ विश्व व्यवस्था के लिए घातक – अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी का इशारा

वॉशिंगटन: चीन ने आर्थिक प्रगति के लिए अपनायी हुई नीतियों की वजह से, विश्व की व्यापार व्यवस्था को अभूतपूर्व खतरा निर्माण हुआ है, ऐसा कठोर इशारा अमरीका के मुख्य व्यापारी प्रतिनिधि ने दिया है। चीन की घातक नीतियों की वजह से निर्माण हुए खतरे को प्रत्युत्तर देने के लिए, विश्व व्यापार संगठन जैसी यंत्रणा सक्षम नहीं है, उसके लिए नया दृष्टिकोण और आक्रामक कार्रवाई की आवश्यकता है, ऐसा दावा अमरीका के व्यापार प्रतिनिधि रोबर्ट लाईथायझर ने किया। पिछले ही महीने में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन की ओर से शुरू हुए व्यापारी भ्रष्टाचारों के खिलाफ पूछताछ के आदेश दिए थे।

व्यापारी नीतियाँसोमवार को ‘सेण्टर फॉर स्ट्रॅटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज’ में हुए एक कार्यक्रम में व्यापार प्रतिनिधि लाईथायझर ने चीन को लक्ष्य बनाया। अमरीका की व्यापारी नीतियाँ और उद्दिष्ट पर बोलते समय उन्होंने शुरुआत में देश के लिए अच्छा बाजार उपलब्ध कराने के लिए कोशिश करना और व्यापारी घाटे का मुद्दा सामने रखा। इस समय उन्होंने चीन के खिलाफ खुली और तटस्थ भूमिका अपनाकर अमरीका के लिए नहीं बल्कि विश्व व्यवस्था के लिए भी चीन खतरनाक होने का इशारा दिया है।

‘वर्तमान स्थिति में एक ही चुनौती सबसे बड़ी और पहले से भी अधिक कठिन है और वह चीन की ही है। चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए किए हुए प्रयास, तैयार की हुई सरकारी कंपनियां, जबरदस्तीसे चला रहे तकनीक का हस्तांतरण, भारी पैमाने पर अनुदान और अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में निर्माण की हुई अव्यवस्था यह सभी चीजें बहुत ही घातक हैं। यह सभी प्रकार विश्व व्यापार व्यवस्था के लिए अभूतपूर्व खतरा साबित हुआ है’ ऐसा सीधा इशारा अमरीका के व्यापार प्रतिनिधि ने दिया है।

चीन के खतरे का सामना करने के लिए ‘विश्व व्यापार संगठन’ और उसके पहले ‘गॅट अनुबंध’ के तहत उपलब्ध साधन इस्तेमाल किए गए थे। लेकिन यह उपाय कालबाह्य साबित हुए हैं और अब नए दृष्टिकोण और आक्रामक कार्रवाई की आवश्यक होने के संकेत लाईथायझर ने दिए हैं। इसके आगे चीन का मुकाबला करने के लिए अमरीका ‘जैसे को तैसा’ कार्रवाई करेगा, ऐसा भी उन्होंने इशारा दिया है। ‘अमरीका का नया प्रशासन व्यापारी नीतियों के साथ जैसे थे स्थिति कायम नहीं रखने वाला और सिद्धांत और बदल नजर आएँगे’, ऐसा अमरिकी प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के दौरान चीन के खिलाफ बहुत ही आक्रामक भूमिका ली थी। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष पद के सूत्रों को स्वीकारने के बाद चीन के साथ व्यापारी सहकार्य बढाने के लिए पहल की थी। अमरीका-चीन व्यापार बढाने के लिए ‘१०० डेज प्लान’ भी घोषित किया गया था। दो देशों के बीच हुए व्यापारी अनुबंध का भी बहुत ढिंढोरा पीटा गया था। इन घटनाओं की वजह से अमरीका चीन के मामले में नर्म नीति अपनाने की बात मानी जा रही थी।

लेकिन पिछले महीने में, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चीन की व्यापारी कार्रवाइयों के खिलाफ जाँच के आदेश देने वाले मेमो पर हस्ताक्षर किए थे। ‘अमरिकी कंपनियों को बाजार उपलब्ध कराके देते समय अवैध रूप से उनकी तकनीक छिनने वाले किसी भी देश के खिलाफ अमरीका मजबूती से खड़ा रहेगा। अमरिकी कंपनियों के उत्पादों की नकल करके अथवा नकली उत्पाद तैयार करके अमरीका का रोजगार छिनने वालों के खिलाफ जोरदार संघर्ष किया जाएगा’, ऐसा इशारा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस समय दिया था।

ट्रम्प के आदेश के अनुसार अमरीका के मुख्य व्यापारी प्रतिनिधि रोबर्ट लाईथायझर ने चीन के व्यापारी भ्रष्टाचारों की पूछताछ शुरू की है और उनकी रिपोर्ट आने के बाद चीन के खिलाफ प्रतिबन्ध अथवा अन्य कार्रवाई का फैसला लिया जाने वाला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.