‘एजिंग पॉप्युलेशन’ का हल निकालने के लिए चीन में दंपतियों को तीन बच्चों की अनुमति

‘एजिंग पॉप्युलेशन’बीजिंग – वृद्ध नागरिकों की बढ़ती संख्या और जन्मदर में हुई गिरावट का हल निकालने के लिए चीन ने शादीशुदा दंपतियों को तीन अपत्यों को जन्म देने की अनुमति प्रदान की है। चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत ने सोमवार के दिन इस निर्णय का ऐलान किया। चीन में ज्येष्ठ नागरिकों की बढ़ती संख्या, जागतिक अर्थव्यवस्था की ‘सप्लाई चेन’ एवं वित्तीय क्षेत्र के लिए बड़ा झटका देनेवाली साबित होगी, ऐसी चेतावनी आर्थिक विशेषज्ञों ने दी थी। इस पृष्ठभूमि पर, कम्युनिस्ट हुकूमत ने किया यह निर्णय ध्यान आकर्षित करता है।

इस महीने की शुरुआत में चीन की जनगणना की जानकारी सार्वजनिक की गई थी। इसके अनुसार चीन की जनसंख्या १.४११ अरब हुई है और इनमें से २६.४ करोड़ नागरिक ६० वर्ष से अधिक उम्र के हैं। वृद्ध नागरिकों की संख्या बढ़ने के साथ ही, लगातार चार वर्षों से चीन में जनसंख्या वृद्धि के दर की गिरावट हो रही है। वर्ष २०२० में चीन में जन्मे बच्चों की संख्या में १५ प्रतिशत गिरावट हुई है। जन्मदर कम होने का यह लगातार चौथा वर्ष है। वर्ष २०२० के आँकड़े १९५० के बाद सबसे कम स्तर के होने की बात कही जा रही है।

‘एजिंग पॉप्युलेशन’चीन में जनसंख्या की लगातार हो रही बढ़ोतरी रोकने के लिए वर्ष १९७९ में, उस समय की कम्युनिस्ट हुकूमत ने ‘वन चाईल्ड पॉलिसी’ थोपी थी। इस नीति की वजह से बीते ३.५ दशक में चीन ने अपनी जनसंख्या ४० करोड़ से बढ़ने पर रोक लगाने में सफलता प्राप्त करने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, इसके विरोधी असर भी सामने आना शुरू हुआ और वर्ष २०१६ में इस विवादित नीति को रद किया गया था। वर्ष २०१६ से चीन में दंपतियों को दो बच्चों को जन्म देने की अनुमति प्रदान की गई थी।

लेकिन, इस निर्णय के कारण चीन की जनसंख्या में विशेष बदलाव नहीं हुआ, उल्टा जन्मदर में लगातार गिरावट होने की बात सामने आ रही है। वर्ष २०१६ में चीन में १.८० करोड़ बच्चों का जन्म हुआ था। वर्ष २०२० में जन्म लेनेवाले बच्चों की संख्या १.२० करोड़ हुई। चिनी जनता की मानसिकता में बदलाव ना होने की बात ही इस जन्मदर में हो रही गिरावट से दिखाई पड़ी थी। इस वजह से, दो बच्चों से संबंधित नीति नाकाम होने का बयान चीन के विश्‍लेषक ही कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, क्या तीन बच्चों को जन्म देने की नीति सफल होगी, यह आशंका भी व्यक्त की जा रही है।

‘एजिंग पॉप्युलेशन’सोमवार के निर्णय का चीन के प्रसार माध्यमों ने स्वागत किया है। लेकिन, सोशल मीड़िया का सुर अलग था। मौजूदा दिनों में खर्चा बढ़ रहा है और ऐसें में तीन बच्चों की ज़िम्मेदारी कैसे उठाई जाएगी, ऐसी प्रतिक्रिया नेटिझन्स ने दर्ज़ की है। बीते दशक से चीन के शहरों की जनसंख्या बढ़ी है और अधिकांश शहरी दंपतियों ने एक ही बच्चे की कल्पना स्वीकारी है। सोशल मीडिया पर दर्ज़ हुआ सुर, इसी की छबी होने की बात समझी जा रही है।

चीन की पहचान आज भी ‘विश्‍व की फैक्टरी’ ही है। इसके लिए एक मुख्य घटक, सस्ते में उपलब्ध होनेवाला पर्याप्त मनुष्यबल यह था। लेकिन, जन्मदर और इसके प्रभाव में जनसंख्या में गिरावट जारी रही, तो चीन में पर्याप्त मनुष्यबल उपलब्ध नहीं होगा, ऐसी चिंता कुछ आर्थिक विशेषज्ञों ने व्यक्त की है। अगले कुछ वर्षों में चीन सात करोड़ लोगों का मनुष्यबल गँवा बैठेगा, ऐसी चेतावनी ‘एएनझेड बैंक’ के प्रमुख आर्थिक विशेषज्ञ रेमंड येऊंग ने हाल ही में दी थी।

 
 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published.