ब्रिटेन में चीन के हस्तक्षेप का खतरा – ब्रिटीश अभ्यासगूट का इशारा

Third World Warलंदन: ब्रिटेन में चीन का प्रभाव एवं हस्तक्षेप बढने का खतरा बना है, ऐसी चेतावनी ‘रॉयल युनायटेड सर्व्हिसेस इन्स्टिट्युट’ (रूसी) इस प्रमुख अभ्यास गुट ने दी है| चीन में ब्रिटेन के राजनयिक अधिकारी के तौर पर कई दशक जिम्मेदारी निभानेवाले चार्ल्स पार्टन इन्होंने यह चेतावनी दी है और अमरिका एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ कई पश्‍चिमी देशों में भी चीन का हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई जा रही है, यह उन्होंने कहा है| चीन ने इसपर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज की है और यह चेतावनी सिर्फ डर दिखाने का प्रकार होने का आरोप किया है|

पिछले वर्ष कनाडा ने ‘हुवेई’ की कार्यकारी संचालिका एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी वैंगझाऊ मेंग इनपर कार्रवाई की थी| इस कार्रवाई के बाद चिनी कंपनीयों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास हो रही ‘५जी’ तकनीक, उसका दायरा एवं सुरक्षा के लिए बन रहे खतरों के मुद्दों पर चर्चा शुरू हुई थी| चिनी कंपनियां एवं उनके सत्तापक्ष कम्युनिस्ट हुकूमत और लष्कर के साथ बने संबंध ध्यान में रखकर कई देशों ने चिनी कंपनियों पर पाबंदी लगाने की तैयारी शुरू की है|

ब्रिटेन, चीन, हस्तक्षेप, खतरा, ब्रिटीश अभ्यासगूट, इशारा, लंदनइसमें अमरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश आगे है और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने चीन की ‘हुवेई’ और ‘झेडटीई’ कंपनी पर कार्रवाई करने के आदेश दिए है| ब्रिटेन के दूरसंचार क्षेत्र में चोटी की कंपनी के तौर पर पहचानी जा रही ‘बीटी ग्रुप’ ने भी ‘५जी’ तकनीक के लिए चीन की ‘हुवेई’ कंपनी से सहयोग ना लेने का ऐलान किया था| उसके बाद ब्रिटेन में चीन की तकनीक एवं अन्य संवेदनशील क्षेत्र के निवेश पर चर्चा शुरू हुई है|

दो महीनों पहले ब्रिटीश गुप्तचर यंत्रणा ‘एमआई६’ के प्रमुख एलेक्स यंगर इन्होंने ब्रिटीश कंपनियां चीन के तकनीक पर निर्भर ना रहे, यह चेतावनी दी थी| इसके साथ ही ब्रिटेन के रक्षा मंत्री गेविन विल्यमसन इन्होंने हुवेई जैसी कंपनी ब्रिटेन में ‘५ जी’ तकनीक के निर्माण में शामिल नही हो सकती, ऐसे संकेत दिए थे|

इस पृष्ठभूमि पर ‘रूसी’ जैसे चोटी के अभ्यास गुट ने किए अहवाल में ब्रिटेन में चीन का हस्तक्षेप एवं प्रभाव को लेकर किया इशारा अहम साबित होता है| ‘रूसी’ के अहवाल में चीन की ‘हुवेई’ कंपनी का स्पष्ट जिक्र किया गया है| इस कंपनी को ब्रिटेन के दूरसंचार क्षेत्र में प्रवेश दिया गया तो चीन ब्रिटेन के दूरसंचार क्षेत्र पर सहजता से नियंत्रण बना सकता है, ऐसा चार्ल्स पार्टन इन्होंने कहा है| सिर्फ दूरसंचार क्षेत्र में ही नही, बल्कि चीन ब्रिटेन की शिक्षा, सियासत और तकनीकी क्षेत्र में भी हस्तक्षेप शुरू करेगा, यह दावा पार्टन कर रहे है|

अमरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में चीन के हस्तक्षेप का मुद्दा चर्चा में उपस्थित हुआ है| लेकिन, ब्रिटेन ने इस बारे में मौन रखा है| ब्रिटेन ने चीन के मुद्दे पर जाहीर तौर पर भूमिका लेना जरूरी है| कई क्षेत्रों में हस्तक्षेप करने के लिए चीन आर्थिक सहायता का भी इस्तेमाल कर रहा है और यह खतरनाक है’, इन स्पष्ट शब्दों में ‘रूसी’ ने चीन को लक्ष्य किया है|

दूरसंचार क्षेत्र में कार्यरत ‘हुवेई’ यह जागतिक स्तर पर दुसरे क्रमांक की बडी कंपनी है| यह कंपनी चीन की आर्थिक एवं औद्योगिक प्रभाव क्षेत्र का अहम हिस्सा है| ‘हुवेई’ के संस्थापक रेन झेंगफेई चीन की सेना के पूर्व अधिकारी है और सत्तारूढ कम्युनिस्ट पक्ष के वरिष्ठ सदस्य है| कनाडा ने की कार्रवाई का सामना कर रही ‘वैंगझाऊ मेंग’ यह ‘रेन झेंगफेई’ इनकी कन्या है| इस वजह से मेंग और उनके माध्यम से ‘हुवेई’ के विरोध में शुरू हुई कार्रवाई चीन के सत्तारूढ पक्ष के सदस्यों के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बना है|

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