भारत ने ग़लती सुधारे बिना मानसरोवर यात्रा संभव नहीं : चीन की नयी धमकी

बीजिंग/नई दिल्ली, दि. २८: ‘सिक्कीम सीमा पर चीन सड़क निर्माण का जो काम कर रहा है, वह कानूनी है| यह भारत का अथवा भूतान का भूभाग नहीं है| इस वजह से इस काम में रोड़ा डालने का अधिकार किसी को भी नहीं है’, ऐसा कहते हुए चीन के विदेशमंत्रालय ने इस विवाद के लिए भारत को दोषी ठहराया है| भारत भूतान की तरफ से इस विवाद में कुद रहा है, ऐसी तस्बीर चीन का विदेशमंत्रालय खड़ी कर रहा है| ‘लेकिन चीन यह बर्दाश्त नहीं करेगा’ ऐसा कहते हुए, ‘जबतक भारत अपनी गलती नहीं सुधारता, तब तक भारतीयों को ‘नाथुला दर्रा’ मार्ग से कैलास मानसरोवर यात्रा करना संभव नहीं होगा’ ऐसी चेतावनी चीन के विदेशमंत्रालय ने दी है|

सिक्कीम सीमा

पिछले हप्ते, ‘नाथुला दर्रा’ के रास्ते से कैलास मानसरोवर यात्रा पर जानेवाले यात्रियों को चिनी सैनिकों ने रोका था| हाल ही में इस संदर्भ में ख़बरे सामने आयी थीं| इसके बाद, पिछले दो हफ़्तों से सिक्कीम के ‘डोका-ला’ इलाके में भारत और चीन की सेनाएँ एक-दूसरे के सामने खड़ी हुई हैं, ऐसा सामने आया था| चीन के सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैंठ करते हुए बंकर्स तबाह करने के बाद यह तनाव बढ़ा और भारतीय सेनिकों ने चिनी सैनिकों को आगे आने से रोका| अभी भी इस इलाके में भारत और चीन की सेनाएँ आमने-सामने ख़डी है|

चीन का यह भाग चीन के ‘डोंगलँग’ प्रदेश का हिस्सा है, ऐसा चीन का कहना है| इसके लिए चीन ने, सन १८९० में ब्रिटीश और चीन के बीच हुए एक समझौते का संदर्भ दिया है| ‘ ‘डोंगलँग’ यह प्राचीन समय से चीन का हिस्सा रहा है| ‘झी’ यह सिक्किम का प्राचीन नाम है और भारतीय सेना ने जिस इलाके में जारी काम पर ऐतराज़ जताया है, वह निसंदिग्ध रूप में चीन का ही है’, ऐसा चीन के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ‘लू कँग’ न कहा है|

‘ ‘डोंगलँग’ यह इलाका भारत और भूतान का नहीं है| इस वजह से इस इलाके में जारी निर्माण का काम पूरी तरह से कानूनी है और किसी को भी यह काम रोकने का अधिकार नहीं है| भूतान यह सार्वभौम देश है और हम इस देश की संप्रभुता का सम्मान करते है| चीन और भूतान के बीच जो विवाद है, उसके किसी तीसरे देश ने दखल देने की ज़रूरत नहीं है| अगर कोई तीसरा देश अपना मक़सद पूरा करने के लिए इस विवाद में दखलअंदाज़ी करता है, तो वह भूतान की संप्रभुता का अपमान है’’, ऐसी उक्सानेवाली भाषा का चीन के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने इस्तेमाल किया है|

‘भारत और चीन के बीच सिक्कीम सीमा का विवाद मिट चुका है| इस वजह से अब भारत को चीन के सड़क निर्माण के काम के सिलसिले में ऐतराज़ जताने का अधिकार नहीं है’ ऐसा दावा चेन के प्रवक्ता ने किया। साथ ही, भारतीय यात्रियों के लिए ‘नाथुला दर्रा’ रास्ता बंद करने के अपने फैसले का भी उन्होंने समर्थन किया है| यह रास्ता बंद किया जाना, यह दोनों देशों के विद्यमान सीमाविवाद पर उमडी प्रतिक्रिया है| यह यात्रा यदि फिर से शुरू करनी है, तो इसके लिए अनुकूल माहौल बनाने की ज़रूरत है| भारत अपनी गलती सुधारता है क्या, इस बात पर चीन की ओर से आनेवाली प्रतिक्रिया निर्भर करती है’ ऐसा लू कँग ने कहा है|

चीन का सरकारी अखबार दैनिक ‘ग्लोबल टाईम्स’ भी सीमाविवाद की वजह से भारत पर आगबबुला हुआ है| ‘चीन के खिलाफ सीमा विवाद छेडना भारत के बस की बात नहीं है| अमरीका भारत को समर्थन दे रहा है| लेकिन यह समर्थन केवल दिखाने के लिए है’ ऐसा दावा इस दैनिक ने किया है| उसी समय, भारतीय मिडिया अमरीका और भारत के सहयोग की बिना वजह ड़ींगें हाँक रही है, ऐसी आलोचना ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने की है| चीन भारत की तुलना में सभी क्षेत्र में सामर्थ्यशाली देश है, इसकी याद भी चीन के सरकारी दैनिक ने दिलायी|

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प  की मुलाक़ात के बाद चीन ने भारत के खिलाफ और कड़ा रुख अपनाया है| दोनों देशों के नेताओं में हुई चर्चा में, ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र का भी ज़िक्र किया गया था| इस सागरी क्षेत्र पर अधिकार जतानेवाले चीन को यह बात पसंद नहीं आयी है और भारत और अमरीका के बीच के सहयोग की ओर चीन चुनौती के रूप में देख रहा है| इस पृष्ठभूमि पर, चीन की ओर से इस तरह की प्रतिक्रिया आना स्वाभाविक है, ऐसा दावा भारतीय विश्‍लेषक कर रहे हैं|

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