चीन द्वारा उत्तर कोरिया में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ पर विचार

वॉशिंग्टन, दि. ९ (वृत्तसंस्था) – उत्तर कोरिया में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करते हुए तानाशहा ‘किम जाँग-उन’ की हुकूमत को पलटने पर चीन गंभीरता से सोच रहा है| उत्तर कोरिया के एटमी और प्रक्षेपास्त्रों के परीक्षण के कारण चीन यह  फैसला कर सकता है| उत्तर कोरिया में तख्तापलट करने के लिए चीन ने अमरीका और दक्षिण कोरिया के इरादों को समर्थन देने की तैयारी की है, ऐसी जानकारी चीन के वरिष्ठ विशेषज्ञ ‘झे सून’ ने दी| चीन की उत्तर कोरिया के प्रति रहनेवाली  पारंपरिक नीति में हुआ यह बड़ा बदलाव दिख रहा है|

‘सर्जिकल स्ट्राइक’वॉशिंग्टन में आयोजित रक्षा विषयक परिसंवाद में प्राध्यापक झे सून को आमंत्रित किया गया था| उस वक्त उत्तर कोरिया के एटमी कार्यक्रम पर बोलते हुए सून ने कुछ विचार प्रस्तुत किये| अमरीका के समान चीन भी उत्तर कोरिया के एटमी कार्यक्रम पर नाराज़ है, ऐसी जानकारी सून ने दी| चीन में रणनीति तय करनेवाला गुट उत्तर कोरिया के खिलाफ ज्यादा आक्रामक हो गया है, ऐसा सून ने बताया|

उत्तर कोरिया के तानाशहा किम जाँग-उन को सत्ता से नीचे खींचने के लिए ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के विकल्प का स्वीकार करने की तैयारी भी चीन के वरिष्ठ नेता दिखा रहे हैं| लेकिन ‘चीन उत्तर कोरिया पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ नहीं करेगा| बल्कि अमरीका और दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया का तख़्तापलट करने के लिए बनाई योजना को चीन समर्थन दे सकता है’ ऐसा दावा सून ने किया| चीन के कुछ नेता और विशेषज्ञों ने ‘किम जाँग-उन’ की हत्या करने की योजना को भी समर्थन दिया, ऐसी जानकारी सून ने दी|

इसके अलावा, चीन के कुछ नेता आक्रामक योजनाएँ का भी सुझाव दे रहे हैं| अगर उत्तर कोरिया अपना परमाणू कार्यक्रम बंद नहीं करता है, तो फिर चीन को उत्तर कोरिया की सीमा के करीब और सीमा के भीतर भी सेना को रवाना करना चाहिए, ऐसी योजना कुछ अधिकारीयों ने सामने रखी| चीन की सेना को सीमा पर तैनात किया गया, तो दबाव के तले उत्तर कोरिया की सरकार परमाणु कार्यक्रम बंद कर सकती है, ऐसी योजनाएँ बनाई गई हैं|

चीन की जिनपिंग सरकार और उत्तर कोरिया के किम-जाँग-उन के बीच अच्छे संबंध नहीं है, ऐसी खबरें इससे पहले भी प्रकाशित हुई हैं| उत्तर कोरिया के परमाणु और प्रक्षेपास्त्रों के परीक्षण के कारण कोरियन क्षेत्र के साथ ही, पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ है| इसीका दाखिला देते हुए अमरीका ने, दक्षिण कोरिया में ‘थाड’ तैनात करने की शुरुआत की है| लेकिन ‘थाड’ के कारण हमारी सुरक्षा को ख़तरा पैदा हो रहा है, ऐसा चीन का कहना है| उत्तर कोरिया की परमाणु टेस्ट का बहाना बनाकर अमरीका और जापान हमें चुनौती देनेवाले फैसलें कर रहे हैं, ऐसी आलोचना चीन से बार बार की जा रही है|
इसी पृष्ठभूमि पर, उत्तर कोरिया के तानाशाह को रास्ते से हटाया, तो अमरीका को दक्षिण कोरिया की रक्षा के लिए कोई भी बहाना न बचेगा, इस बात पर चीन सोच रहा होने की बात स्पष्ट हो रही है।

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