चीन से ब्रिटन को भी सदोष किट्स की सप्लाई

लंडन – कोरोनावायरस का परीक्षण करने के लिए चीन ने स्पेन और नेदरलँड इन देशों को सदोष टेस्टिंग किट्स की सप्लाई की होने की ख़बर सामने आयी थी। अब ब्रिटन भी वैसी ही शिक़ायत कर रहा है। चीन ने सप्लाई किये हुए टेस्टिंग किट्स कुछ भी काम के ना होकर, उनके लिए ब्रिटन ने अदा की हुई रक़म चीन वापस कर दें, ऐसी माँग ब्रिटन ने की है। दुनिया पर कोरोनावायरस का संकट टूट पड़ा है और चीन अपने सदोष टेस्टिंग किट्स, वैद्यकीय उपकरण तथा मास्क बेचकर मुनाफ़ा कमा रहा होने का आरोप इससे अधिक ही तीव्र हुआ है।

अब तक दुनियाभर में ८३ हज़ार से अधिक लोग इस महामारी का शिक़ार बन चुके हैं; वहीं, संक्रमित हुए लोगों की संख्या १५ लाख से उपर पहुँच चुकी है। युरोपीय देशों ने इस महामारी ने भयंकर रूप धारण किया है। इटली, फ्रान्स, स्पेन, ब्रिटन के साथ ही युरोप के अधिकांश देशों को वैद्यकीय उपकरण, मास्क की कमी महसूस हो रही है। अपने देश से इस महामारी का उचाट्टन हुआ होने का दावा करनेवाले चीन ने इन उपकरणों की बड़े पैमाने पर निर्यात शुरू की है। लेकिन चीन द्वार युरोपीय देशों में निर्यात किया जानेवाली यह वैद्यकीय सामग्री निकृष्ट दर्ज़े की है, यह स्पष्ट हो रहा है। इससे पहले स्पेन ने भी इस बारे में शिक़ायत की थी। चीन ने बेचे हुए एन-९५ मास्क भी सदोष हैं। साथ ही, टेस्टिंग उपकरण भी निम्न दर्ज़े के होकर, उनके द्वारा अचूक जाँच नहीं हो रही है, ऐसा आरोप स्पेन ने किया था। उसी प्रकार, इटली, नेदरलॅण्ड, जॉर्जिया जैसे देशों ने भी ऐसे ही आरोप किये थे।

अब ब्रिटन द्वारा भी ऐसे ही आरोप हो रहे हैं। पिछले महीने ब्रिटन ने चीन के पास ३५ लाख टेस्टिंग किट्स की माँग की थी। लेकिन जब इन टेस्टिंग किट की जाँच की गयी, तब मँगाये गए लाखो टेस्टिंग किट्स विश्वासार्ह नहीं पाये गए। इन चिनी किट्स द्वारा की गयी जाँच में ग़लत निदान हो रहा है, ऐसा ब्रिटन के स्वास्थ्य विभाग के निदेशक जॉन न्यूटन ने कहा है। ब्रिटन ने कोरोना का टेस्टिंग बढ़ाने की योजना बनायी है। इसकी ज़िम्मेदारी जॉन न्यूटन को सौंपी गयी है। ब्रिटन में फिलहाल प्रतिदिन १० हज़ार लोगों का टेस्टिंग किया जा रहा है। यह टेस्टिंग क्षमता प्रतिदिन एक लाख तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। लेकिन सदोष चिनी किट्स के कारण इस मुहिम में रोड़े पैदा होने की संभावना है। इस कारण ब्रिटन इन सदोष किट्स की सारी रक़म वापस माँगनेवाला होने की जानकारी न्यूटन ने दी।

चीन में जब कोरोनावायरस ने हाहाकार मचाया था, तब मानवता के दृष्टिकोण से इटली ने चीन को सहायता के रूप में सुरक्षा उपकरणों की सप्लाई की थी। लेकिन अब जब इटली इस संकट की चपेट में फ़ँसा है, तब चीन ने इटली के ही उपकरण उन्हें बेचे होने का ग़ुस्साजनक मामला सामने आया है। इस कारण युरोपीय देशों में चीन के ख़िलाफ़ ग़ुस्स अधिक ही बढ़ा दिखायी देता है।

संकट के दौर में चीन मुनाफ़े का विचार कर रहा होने के आरोप अब दुनियाभर से होने लगे हैं। इस वायरस के संक्रमण के लिए चीन को पहले से ही ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसके लिए चीन से मुआवज़ा वसुला जायें, ऐसी माँग हो रही है। उसी में, चीन द्वारा सप्लाई किये जा रहे सदोष उपकरण और हालात का फ़ायदा उठाने की प्रवृत्ति इनके कारण दुनियाभर की जनता में चीन के खिलाफ़ का ग़ुस्सा आनेवाले समय में अधिक ही बढने की संभावना है। इससे चीन की विश्वासहर्ता ख़तरे में आयी है।

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