म्यानमार में स्थित भारतीय हितसंबंधों को लक्ष्य करने के लिए चीन कर रहा है अराकान के आतंकियों को हथियारों की आपूर्ति – गुप्तचर संस्था की रपट

नई दिल्ली – भारत-म्यानमार में निर्माण कर रहे बुनियादी सुविधाओं के कलादान प्रकल्प को म्यानमार में आतंकी ‘अराकन आर्मी’ संगठन लगातार लक्ष्य कर रही है। इसके लिए अराकन आर्मी को चीन गुप्त पद्धती से हथियारों की आपूर्ति कर रहा है और इन आतंकियों की सहायता से चीन अब म्यानमार में स्थित भारतीय हितसंबंधों को भी लक्ष्य कर रहा है, यह दावा गुप्तचर संस्था की रपट में किया गया है।

अराकान

इस महीने के शुरू में भारतीय सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का म्यानमार दौरा ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हुआ था। भारत और म्यानमार के सहयोग से बन रहे कलादान प्रकल्प की वजह से कोलकाता और मिज़ोरम की दूरी करीबन १,००० किलोमीटर से घट जाएगी। यह प्रकल्प ईशान कोण राज्यों के लिए नया गेट-वे साबित होगा। जल्द ही इस प्रकल्प का निर्माण कार्य पूरा हो रहा है और इसी वजह से चीन काफी बेचैन है। ऐसे में चीन ने अब ‘अराकन आर्मी’ की सहायता से इस प्रकल्प को लक्ष्य करना शुरू किया है। इसके लिए चीन इस आतंकी संगठनों को हथियारों की आपूर्ति करने में जुटा होने के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं, यह बात इस रपट में स्पष्ट की गई है।

जून में थायलैण्ड की सेना ने बड़ी मात्रा में चीन में बने हथियारों का बड़ा भंड़ार बरामद किया था। इन हथियारों की किमत लगभग १० लाख डॉलर्स बताई गई है। यह हथियार अराकन आर्मी के लिए भेजे गए थे, यह बात इस रपट से स्पष्ट हुई है। साथ ही इस वर्ष के फ़रवरी महीने में भी म्यानमार के राखीन प्रांत में चीनी हथियारों का भंड़ार ज़ब्त किया गया था। चीन ने इस अराकान आर्मी को ज़मीन से ज़मीन पर हमला करनेवाले मिसाइल भी प्रदान किए हैं, यह इशारा गुप्तचर यंत्रणा के अधिकारियों ने दिया है।

अराकान

कुछ दिन पहले ही म्यानमार की सेना और अराकान के आतंकियों के बीच संघर्ष भड़का था। इस संघर्ष में म्यानमार के तीनों रक्षाबलों के सैनिक उतरे थे। बीते वर्ष से म्यानमार के सुरक्षा बल और अराकान के आतंकियों के बीच ६०० से अधिक बार मुठभेड़ हुई है। इस ओर भी इस रपट में ध्यन आकर्षित किया गया है।

भारत और म्यानमार का कलादान प्रकल्प और सित्वे बंदरगाह जल्द ही कार्यरत होंगे। साथ ही भारत अब म्यानमार को पनडुब्बी भी प्रदान कर रहा है। भारत के साथ सहयोग बढ़ा रहे म्यानमार ने चीन के साथ होनेवाले ‘बेल्ट ऐण्ड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआय) समेत अन्य कुछ प्रकल्पों से पीछे हटने का निर्णय किया है। इस वजह से चीन की चिंता बढ़ी है। इसी वजह से चीन अब अराकान आर्मी की सहायता से कलादान प्रकल्प पर हमले करके भारत और म्यानमार को झटके देने की साज़िश करने में जुटा होने की बात दिख रही है।

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