लद्दाख की एलएसी पर चीन का अड़ियल रवैया कायम

नवी दिल्ली – लद्दाख की एलएसी पर के गोग्रा, हॉट स्प्रिंग और डेप्सांग इन इलाकों से अपना लष्कर हटाने की बात चीन ने मान्य की थी। लेकिन दोनों देशों के लष्करी अधिकारियों के बीच चले चर्चा के ११वें सत्र में चीन ने यहाँ से पीछे हटने से इन्कार करके, ‘विश्वासघाती देश’ यह अपनी छवि कायम रखी है। इस चर्चा का विवरण अब माध्यमों के सामने आने लगा है। उसी समय, चीन लद्दाख की एलएसी पर भारत पर दबाव डालने की नईं कोशिशें कर रहा होने की बात भी सामने आई है। इसके लिए चीन तिब्बती युवाओं की अपने लष्कर में भर्ती करता दिख रहा है।

ladakh-lac-chinaदोनों देशों के लष्करी अधिकारियों की चर्चा के बाद, लद्दाख के सीमा विवाद की तीव्रता कम करने के संदर्भ में हुई प्रगति पर भारत संतोष जाहिर करें, ऐसी बिनमाँगी सलाह चीन द्वारा दी जा रही है। यहाँ का तनाव अगर अधिक बिगड़ता, तो वह भारत के लिए घातक साबित होता, ऐसा संदेश चीन द्वारा इसके ज़रिए दिया जा रहा है। उसी समय, चीन ने लद्दाख की एलएसी पर तैनात करने के लिए तिब्बत के युवाओं की अपने लष्कर में भर्ती शुरू की है। इस भर्ती की प्रक्रिया इस वर्ष की शुरुआत से ही शुरू होने के दावे किए जाते हैं। चीन के जवान लद्दाख की एलएसी पर रहनेवाली कड़ाके की ठंड सह नहीं सके थे। यहाँ पर चीन के जवान ठंड से जम गए थे और उन्हें बार-बार अस्पताल में दाखिल करना पड़ा था। लद्दाख की एलएसी पर कड़ाके की ठंड में भी तैनाती रखनी पड़ेगी, इसकी तैयारी चीन ने नहीं की थी। इसका बहुत बड़ा झटका चीनी लष्कर को लगा था।

चीन के जवान यहाँ की ठंड में जम जाने की खबरें जगज़ाहिर होने के कारण, चीन के लष्करी ताकत के दावे खोख़ले साबित हुए थे। लद्दाख की एलएसी पर भारतीय सेना ही वर्चस्व जता रही है, यह बात पश्चिमी निरीक्षकों ने भी मान ली थी। इस कारण यहाँ का सीमा विवाद यह चीन के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना था। भारत को युद्ध की धमकियाँ देकर भी कुछ भी हाथ नहीं लग रहा है, यह देखकर चीन ने लद्दाख के पँगॉंग सरोवर क्षेत्र से सेना हटाने की बात मान ली। उसके अनुसार चीन ने कुछ इलाकों से वापसी की भी थी। लेकिन अभी भी गोग्रा, हॉट स्प्रिंग और डेप्सांग इन स्थानों से सेना हटाने के लिए चीन तैयार नहीं है। उल्टे इस क्षेत्र में नई तैनाती करके, उसके लिए तिब्बत के युवाओं का इस्तेमाल करने की साज़िश चीन ने रची है।

लद्दाख के क्षेत्र में विचरण करने का अभ्यास चीन के लष्कर के पास नहीं है । खासकर यहाँ की ठंड में चीन की सेना टिक नहीं सकती। इसी कारण इसके लिए तिब्बती युवाओं का इस्तेमाल करने की तैयारी चीन द्वारा की जा रही है। तिब्बत में चीन ने बड़े पैमाने पर हथियार और क्षेपणास्त्र तैनात किए होने की खबरें इससे पहले ही सामने आईं थीं। लेकिन चीन के इन कारनामों पर भारत कड़ी नजर रखे हुए हैं। लष्करप्रमुख जनरल नरवणे तथा रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने समय-समय पर वैसा यकीन दिलाया था। उसी समय, भारतीय नेता और रक्षा बलों के अधिकारी खुलेआम चीन को कड़ी चेतावनी देने लगे हैं। इससे चीन की बेचैनी अधिक ही बढ़ रही है।

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