चीन कर रहा है भारत में १० हज़ार लोगों की जासूसी – चीन के ‘हायब्रीड वॉरफेअर’ का हिस्सा

नई दिल्ली – राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारत के प्रमुख नेता, मौजूदा और पूर्व अधिकारी, राज्यों के मुख्यमंत्री, माध्यमों के प्रमुख, प्रभावी व्यक्ति, कार्यकर्ताओं की जासूसी करने में चीन जुटा हुआ है यह जानकारी एक रपट से स्पष्ट हो रही है। ऐसे में भारत में करीबन १० हज़ार लोगों की जासूसी चीन कर रहा है, ऐसा दावा किया जा रहा है।

china-india-hybrid-warfareयह चीन के ‘हायब्रीड वॉरफेअर’ का हिस्सा है और भारत समेत अमरीका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाड़ा, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों से संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश चीन कर रहा है, यह दावा भी इस रपट में किया गया है। चीन की ज़िन्हुआ डाटा इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी नामक कंपनी इस जासूसी में जुटी होने की बात प्राप्त जानकारी से स्पष्ट हो रही है। यह कंपनी प्राप्त हो रही जानकारी के आधार पर ‘ओवरसीज़ इन्फॉर्मेशन डाटाबेस’ तैयार कर रही है। चीन की इस कंपनी का संबंध चीन सरकार और सेना से होने की बात भी स्पष्ट हुई है।

चीन ने शुरू किए ‘हायब्रीड वॉरफेअर’ में ‘इन्फॉर्मेशन पोल्युशन, परसेपशन मैनेजमेंट, प्रपोगंडा का समावेश है। यानी चीन गलत और झूठी जानकारी फैलाने में भी जुटा हुआ है और अपनी आवश्‍यकता के अनुसार भ्रम निर्माण करने के लिए चीन प्रचारतंत्र चला रहा है। इसके लिए चीन ने प्रमुख नेताओं के साथ राजनयिक अधिकारी, अहम पद के व्यक्ति, वरिष्ठ अधिकारी, कारोबारी, वैज्ञानिक, पत्रकार और अन्य प्रभावी व्यक्तियों के अलावा भ्रष्टाचार के आरोप लगे व्यक्ति, अपराधी, आतंकी और तस्करी के आरोपियों की जानकारी इकठ्ठा कर रहा है।

china-india-hybrid-warfareइसके लिए डिजिटल मीडिया पर लगातार नज़र रखी जा रही है और इस जानकारी का लगातार विश्‍लेषण करके ओवरसीज डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। यह जानकारी शत्रु और विरोधकों का नुकसान करने के लिए और उन्हें परास्त करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

विभिन्न माध्यमों से हो रही जासूसी के आरोप चीन के लिए नए नहीं है। अधिकांश चीनी कंपनियां चीनी सेना से जुड़ी हुई हैं और तकनीक के माध्यम से लगातार जासूसी करने की बात पहले भी सामने आयी है। ‘५ जी’ तकनीक में बढ़त प्राप्त करनेवाली हुवेई, ज़ेडटीई जैसी कंपनियों पर विश्‍वभर में जासूसी के आरोप लगे हैं। अमरीका, ब्रिटेन आदि देशों ने इन कंपनियों पर जासूसी में जुटे होने के कारण प्रतिबंध भी लगाए हैं।

भारत स्थित लद्दाख के गलवान में हुए संघर्ष के बाद अब तक चीनी कंपनियों के २२४ ऐप्स पर पाबंदी लगाई है। यह ऐप्स चला रही कंपनियां चीनी सेना से जुड़े होने के और भारत से प्राप्त हो रही जानकारी का गलत इस्तेमाल करने में जुटी होने का आरोप किया गया था।

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