अरुणाचल प्रदेश मे चीनी सैनिकों की घुसपैठ – भारतीय सैनिकोंने वापसी के लिए विवश किया

नई दिल्ली / बीजिंग: पिछले वर्ष डोकलाम में भारत और चीन के सैनिक ७२ दिन एक दूसरों के सामने खड़े रहे थे। वैसे ही परिस्थिति अरुणाचल प्रदेश में अप्पर सियांग जिले में १० दिन पहले निर्माण होने की बात सामने आई है। पर भारत में घुसपैठ करनेवाले इन चीनी जवानो को ‘इंडो टिबेटन बॉर्डर पुलिस’ के (आयटीबीपी) सैनिकों ने भगाया है। इसकी जानकारी भारतीय माध्यमों द्वारा प्रसिद्ध करने के बाद, चीन से इस पर तत्काल प्रतिक्रिया आई है। चीन ने कभी भी अरुणाचल प्रदेश का अस्तित्व नहीं माना है ऐसा कहकर व्ह अपने जवानों की घुसपैठ नहीं थी, ऐसा दावा किया है।

२२ दिसंबर के रोज भारत और चीन में सीमा विवाद पर चर्चा की २० वी पारी संपन्न हुई है। इस निमित्त से चीन ने स्टेट काउंसलर यांग जिएची भारत में आए थे। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोवल और चीन के स्टेट काउंसिल ऑफ जीएची इन में चर्चा होते समय, चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ करने की खबरें आ रही थी। चीन के सैनिकों ने रास्ते निर्माण का साहित्य एवं यंत्र लेकर भारतीय सीमा में लगभग २०० मीटर के अंदर घुसपैठ की थी। स्थानीय गांववालों ने इसकी जानकारी आयटीबीपी को दी और उसके बाद वहां पहुंचे हुए आईटीबीपी के जवानों ने चीनी सैनिकों को वहीं पर रोका था।

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इसकी वजह से भारत और चीन के जवान एक दूसरों के सामने खड़े थे। चीन के जवान वहां से वापसी करें, ऐसा इशारा आयटीबीपी के पथक ने दिया था और चीनी जवानों ने उससे इंकार किया था। इसकी वजह से बहुत समय तक यह संघर्ष शुरू था। आखिर में आयटीबीपी के इस पथक ने चीनी जवानों को यहां से वापसी करने पर विवश किया। चीन के सैनिकों ने अपने साथ लाए बुलडोजर एवं अन्य सामान आयटीबीपी के सैनिकों ने जब्त किया ।है यह साहित्य चीन को वापस करने के संदर्भ में चर्चा शुरू होने की बात कही जा रही है। पर भारत एवं चीन के जवान अभी भी इस प्रांत में एक दूसरों के सामने खड़े होने का दावा कुछ खबरों से किया गया है।

इस बारे में जानकारी भारतीय माध्यमोंने प्रसिद्ध की थी। उसके बाद चीन से उसपर तत्काल प्रतिक्रिया आई है। चीनने अरुणाचल प्रदेश का अस्तित्व कभी भी नहीं माना है, ऐसा दावा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने किया है। उस समय सीमा रेखा पर ऐसी घटना होने की जानकारी हमारे पास न होने की बात शुआंग ने स्पष्ट की है। इससे पहले भी डोकलाम के विवाद में चीन ने ऐसी ही भूमिका स्वीकारी थी। डोकलाम से चीन ने नहीं बल्कि भारत ने वापसी करने का दावा चीन के सरकारी माध्यमों ने किया था। चीन के लष्कर द्वारा डोकलाम से वापसी करने की बात चीन के शासन ने अपनी जनता को न बताने का चित्र इससे स्पष्ट हुआ था। अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर हो इस घटना के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने ऐसी ही भूमिका स्वीकारने के बात दिखाई दे रही है।

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