चीन एवं रशिया का यूरोप पर कब्जा प्राप्त करने का प्रयत्न – मॅसिडोनिया के राष्ट्राध्यक्ष का दावा

स्कोपजे: युरोपियन महासंघ से बाल्कन देशों को मिलने वाला अलग बर्ताव और पूर्व एवं पश्चिम जोड़ने के लिए आवश्यक होनेवाले निवेश के लिए दिखाई जानेवाली अनास्था, जिसकी वजह से चीन एवं रशिया यह दो महाशक्ति यूरोप पर दावा कहने के लिए मार्ग खुला है, ऐसा कड़ा आरोप मॅसिडोनिया के राष्ट्राध्यक्षने किया है। आगे चलकर भी यही नीति कायम रही तो हमें पूर्व क्षेत्र छोड़ जाने के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं होगा, ऐसा कड़ा इशारा राष्ट्राध्यक्ष जॉर्ज इव्हानोव ने दिया है।

पूर्व तथा दक्षिण यूरोप के १० देशों को बाल्कन देश के तौर पर उल्लेख किया जाता है। उसमें अल्बेनिया, बोस्निया, हर्जेगोविना, बुल्गारिया, क्रोएशिया, कोसोवो, मॅसिडोनिया, मोंटेनेग्रो, रोमानिया, सर्बिया और स्लोवेनिया का समावेश होता है। इनमें बुल्गारिया, क्रोएशिया, रोमानिया एवं स्लोवेनिया यह चार देशों को यूरोपीय संघ का सदस्य दिया गया है। अन्य देशों को महासंघ के सदस्यत्व के तौर पर स्वीकारने का प्रस्ताव अब तक प्रलंबित होने की बात सामने आई है। मॅसिडोनिया का प्रस्ताव लगभग २००५ से महासंघ में दाखिल हुआ है और ग्रीस का विरोध करने से इस देश को सदस्यत्व नहीं दिया गया है।

यूरोप पर कब्जासन २०१४ में रशिया, युक्रेन, क्रीमिया प्रांत पर कब्जा प्राप्त करने के बाद रशिया एवं यूरोप के संबंध में तनाव बने हुए हैं और यूरोपीय नेता एवं विश्लेषकों से लगातार रशिया यूरोप पर आक्रमण करने की तैयारी करने के इशारे लिए जा रहे हैं। रशिया से यूरोप में प्रस्तावित विरोधी एवं बाये विचारधारा के गटो को दिए जाने वाले समर्थन एवं यूरोपीय देशों के चुनाव में कथित हस्तक्षेप इससे, महासंघ ने रशिया के विरोध में तीव्र नाराजगी व्यक्त की थी।

दूसरे स्तर पर, आर्थिक मंदी एवं संकट से जूझनेवाले यूरोपीय देशों ने पिछले कई वर्षों में चीनी निवेशकों के लिए अपने दरवाजे खुले होने की बात सामने आयी है। पिछले १६ वर्षों के कालखंड में चीन ने यूरोप में १०० अब्ज यूरो से अधिक सीधी निवेश (एफडीआई) किए हैं। पिछले दो ३ वर्षों में निवेश की गति अधिक बढ़ी है और यूरोप में बड़ी कंपनियां, मूलभूत सुविधा प्रदान करने वाले उपक्रम, बंदरगाह, रेलसेवा एवं रियल-ईस्टेट के क्षेत्र में बड़ी तादाद में निवेश की गई है।

इस पृष्ठभूमि पर मॅसिडोनिया के राष्ट्राध्यक्ष ने की आलोचना ध्यान केंद्रित करने वाली है। राष्ट्राध्यक्ष इव्हानोने एक ब्रिटिश दैनिक को दिये मुलाकात में, १९वे शतक के जर्मनी सम्राट बिस्मार्क इनके बयान का दाखिला दिया है। वर्दार नदी पर जिसका नियंत्रण होगा, वह यूरोप एवं मध्य पूर्व पर नियंत्रण रखेगा, ऐसा बिस्मार्क का कहना था। साथ ही, यूरोप एवं मध्य पूर्व के संबंधों पर जिसका नियंत्रण है, वह यूरोप एवं आशिया के संबंध में पर नियंत्रण रखेगा, ऐसा भी बिस्मार्कने कहा था, इन शब्दों में इव्हानो ने अपने युरोपियन महासंघ को इतिहास का फिर से एक बार एहसास दिलाया है। वर्दार यह मॅसिडोनिया तथा ग्रीस में बड़ी एवं महत्वपूर्ण नदियों में एक मानी जाती है।

यूरोपीय संघ बिस्मार्क के बयान को भूलने की बात, उनके कृति से दिखाई दे रही है, इन शब्दों में मॅसिडोनिया के राष्ट्राध्यक्षने महासंघ को फटकारा है। यूरोपीय महासंघ यूरोप का ही भाग होने वाले बाल्कन देशों को सदस्यत्व देने के बारे में अपना दिया वचन भूल गया है अथवा उससे भागने का प्रयत्न कर रहा है। यूरोपीय महासंघने ही रशिया एवं चीन को इन बाल्कन देशों में निर्माण हुए फ़ासला भरने के लिए निमंत्रण देने के बाद दिखाई दे रही है, ऐसी स्पष्ट नाराजगी इव्हानो ने व्यक्त की है। यूरोप पर मॅसिडोनिया जैसे देशों में चीनी निवेश के आधार पर ‘यूरोपियन कॉरिडोर’ जैसे प्रकल्प कार्यान्वित करने का समय आने की बात उन्होंने कह कर ध्यान केंद्रित किया है।

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