‘सीपीईसी’ के मुद्दे पर पाकिस्तान ने किया अनुरोध चीन ने ठुकराया

‘सीपीईसी’इस्लामाबाद – ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) प्रकल्प यानी पाकिस्तान का भविष्य होने का दावा यह देश करता रहा है। लेकिन, अब इसी प्रकल्प का और उससे पाकिस्तान का ही भविष्य खतरें में गिरता हुआ दिख रहा है। क्योंकि इस प्रकल्प के तहत, कुछ गतिविधियों के लिए प्रदान किए कर्ज की चीन पुनर्रचना करें, यह माँग पाकिस्तान की सरकार ने रखी थी। चीन ने यह माँग ठुकराई है। साथ ही, इस प्रकल्प से जुड़े मुद्दों पर सहयोग करने से चीन ने पाकिस्तान से स्पष्ट रूप से इन्कार किया है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर कर्ज़ का बोझ बढ़कर फिलहाल ड़रावने स्तर पर जा पहुँचा है। पाकिस्तान पर फिलहाल २९४ अरब डॉलर्स का कर्ज है। इस कर्ज की मात्रा ‘जीडीपी’ की तुलना में १०९ प्रतिशत है। इस वजह से ढह रही अपनी अर्थव्यवस्था को सँभालने के लिए पाकिस्तान ने, ‘सीपीईसी’ के तहत लिए गए कुछ कर्जों की पुनर्रचना करने की माँग चीन के सामने रखी थी।

‘सीपीईसी’चीन ने ‘सीपीईसी’ के तहत पाकिस्तान में बिजली निर्माण प्रकल्प को कर्ज़ प्रदान किया था। इनमें से तीन अरब डॉलर्स का कर्ज़ ज्यादा ब्याजदर का है और इस कर्ज की पुनर्रचना करें, यह बिनती पाकिस्तान की सरकार ने चीन के सामने रखी थी। पहले की सरकार ने इससे संबंधित समझौता किया था और यह समझौता पाकिस्तान को मुश्‍किलों में धकेलनेवाला होने का दावा प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार कर रही है। लेकिन, चीन ने पाकिस्तान की यह बिनती ठुकराई है और पहले हुए समझौतों की पुनर्रचना या उनपर पुनर्विचार करना मुमकिन नहीं होगा, यह इशारा भी चीन द्वारा पाकिस्तान को दिया जा रहा है।

इस प्रकल्प के लिए कर्ज़ की आपूर्ति करनेवाले चिनी बैंकस्‌, पाकिस्तान की माँग स्वीकारने की सोच में नही हैं। इस वजह से पाकिस्तान के गले पर चीन के कर्ज़ का फंदा अधिक कसता दिख रहा है। कुछ दिन पहले चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने, ‘सीपीईसी’ प्रकल्प अच्छे नतीजें दे रहा हैं, ऐसा कहा था। लेकिन, इन अच्छे नतीजों का पाकिस्तान से कुछ भी संबंध ना होने की बात अब विश्‍व के सामने स्पष्ट हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.