सीपीईसी को लेकर चीन और पाकिस्तान मे दूरियाँ बढ़ी, चीन ने पाकिस्तान के तीन प्रकल्पों का निधि रोका

इस्लामाबाद / बीजिंग: पिछले महीने में चीन के चलन का व्यवहार और वित्त सहायता को इनकार देने वाले पाकिस्तान को चीन ने जबरदस्त झटका दिया है। ‘चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ सीपीईसी योजना के अंतर्गत पाकिस्तान में शुरू होनेवाले तीन प्रकल्पों की वित्तीय सहायता रोकने का निर्णय चीन ने लिया है। पाकिस्तान के ‘डॉन’ इस दैनिक ने इस बारे में वृत्त दिया है और इसकी वजह से चीन और पाकिस्तान में दूरियाँ बढ़ने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

सीपीईसी प्रकल्प के द्वारा चीन पाकिस्तान में लगभग ५० अब्ज डॉलर से अधिक निवेश करने वाला है। इस निवेश का चीन को फायदा मिलना अत्यंत कठिन होने की बात विश्लेषकों का कहना है। पाकिस्तान की राजनीतिक एवं सामाजिक अस्थिरता यह सीपीसी के सामने प्रमुख खतरा होने का इशारा चीनी विश्लेषकों से किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर चीन के इस निर्णय को देखा जा रहा है।

सीपीईसी, निर्णय, चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर, चीन, वित्त सहायता, पाकिस्तान

‘डॉन’ इस दैनिक ने पाकिस्तानी सूत्रों के हवालों से दिए जानकारी के अनुसार सीपीईसी योजना के अंतर्गत शुरू होने वाले लगभग एक लाख करोड रुपयों के प्रकल्प में बाधाएं आयी है। उसमें २१० किलोमीटर्स के ‘डेरा इस्माइल खान झोब रोड’ इस ८१ अब्ज रुपयों के प्रकल्प का समावेश है। इसके सिवाय ११० किलोमीटर लंबाई का खुझदार बासीमा रोड एवं काराकोरम हाईवे का भाग होने वाले ‘रायकोट-थाकोट’ इस रास्ते प्रकल्प को भी झटका लगा है। उसमें से खुझदार-बासीमा रोड लगभग २० अब्ज रुपयों के खर्च का प्रकल्प होकर, रायकोट-थाकोट के लिए ८.५ अब्ज रुपयों का प्रावधान किया गया है।

पिछले महीने में सीपीईसी प्रकल्प के बारे में चीनी एवं पाकिस्तान के ‘ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप’ की बैठक हुई थी। इस बैठक में तीनों प्रकल्पों को वित्तीय सहायता मिलना अपेक्षित था, पर वास्तव में वित्त सहायता के बारे में नई मार्गदर्शक निति तैयार की जाने का कारण देकर, चीन ने वित्त सहायता रोकने की जानकारी दी है। वित्त सहायता के लिए इससे पहले जारी होने वाली प्रक्रिया पूर्ण रुप से रद्द की गई है, ऐसा चीन से पाकिस्तान को कहा गया है।

इस प्रकार से चीन द्वारा सीपीईसी प्रकल्प की वित्त सहायता रोकने का निर्णय लेने की बात पहली बार हुई है। इन निर्णयों की वजह से पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा है और इस बारे में प्रतिक्रिया देने के लिए पाकिस्तानी यंत्रणा टाल रही है। चीन से वित्त सहायता रोकने के निर्णय के पीछे ‘सीपीईसी’ प्रकल्प में भ्रष्टाचार शुरू होने का रिपोर्ट यह प्रमुख कारण होने की जानकारी पाकिस्तानी सूत्रों ने दी है।

चीन के इस निर्णय की वजह से ‘सीपीईसी’ में अन्य बड़े प्रकल्प में भी बाधा आने की बात मानी जा रही है। सीपीईसी अंतर्गत पाकिस्तान में रेल मार्ग के आधुनिकीकरण करने की तथा ‘स्पेशल इकोनॉमिक जोन निर्माण योजना’ भी फंसने के संकेत सूत्रों ने दिए हैं। पंजाब के एक महत्वाकांक्षी ऊर्जा प्रकल्प से चीन के कंपनियों द्वारा पीछे लौटने की बात सामने आई है।

पिछले महीने में पाकिस्तान ने डेमेर भाषा बांध के लिए चीन दे रहे १४ अब्ज डॉलर्स के कर्ज तथा चीन विकसित कर रहे ग्वादर बंदरगाह पर चीन के युआन चलन का व्यवहार करने की मांग ठुकराई थी। इसकी वजह से चीन नाराज होने की खबरें प्रसिद्ध हुई थी। ऊपरी स्तर पर चीन ने यह वृत्त झुठलाया था और पाकिस्तान से संबंध उतने ही दृढ़ होने का दावा किया था। पर सीपीईसी के प्रकल्पों को वित्तीय सहायता रोककर चीन ने पाकिस्तान को कडा संदेश देने की बात उजागर हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.