‘पाकिस्तान के ‘कॉरिडॉर’ का इस्तेमाल भारत-चीन व्यापार के लिए होगा’ : पाकिस्तान के संसद सदस्यों की चिंता

इस्लामाबाद: चीन तक़रीबन ४६ अरब डॉलर का निवेश करते हुए पाकिस्तान में विकसित कर रहा ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’, यह परियोजना यानी पाकिस्तान का भवितव्य है, ऐसा कहा जा रहा है| लेकिन इस परियोजना के खिलाफ पाकिस्तान में ही आवाज उठाया जा रहा है| चीन इस परियोजना का इस्तेमाल पाकिस्तान के विकास के बजाये भारत के साथ अपना व्यापार बढाने के लिए करेगा, ऐसी चिंता पाकिस्तान के जनप्रतिनिधी जता रहे हैं|

‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’पाकिस्तान के संसद के ‘प्लॅनिंग अँड डेव्हलपमेंट’ विभाग की स्थायी समिती के अध्यक्ष ‘सय्यद ताहीर हुसेन मशाहादी’ ने यह चिंता जताई है| भारत और चीन के बीच लगभग १०० अरब डॉलर के व्यापारी समझौते हुए हैं और दोनों देश बड़े पैमाने पर व्यापार को बढ़ा रहे हैं| इस ओर ध्यान खींचकर मशाहादी ने, इस सिलसिले में प्रतीत होनेवाली चिंता स्पष्ट शब्दों में व्यक्त की है| चीन इस कॉरिडॉर परियोजना का इस्तेमाल करके भारत के साथ व्यापार और बढायेगा| भारत के राजस्थान के मुनाबाओ और पंजाब के अमृतसर के रास्ते चीन भारत में मालवातूक कर सकता है| यह बात ध्यान में लेकर ‘कॉरिडॉर’ परियोजना पाकिस्तान से जादा भारत और चीन के बीच व्यापारी संबंधों के लिए और भी उपयुक्त होगी, ऐसा दावा मशाहादी ने किया है|

पाकिस्तान में विकसित हो रही इस कॉरिडॉर परियोजना को बलुचिस्तान की जनता भी विरोध कर रही है| साथ ही, सिंध और खैबर पख्तुनवाला इन प्रांतों की जनता भी, उपरोक्त परियोजना सिर्फ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का हित सामने रखते हुए तैयार की गई है, ऐसी आलोचना कर रही है| इस परियोजना को पूरी नहीं होने देंगे, ऐसा निर्धार कुछ पाकिस्तानी नेताओं व्यक्त किया है| साथ ही, इस परियोजना को लेकर पाकिस्तान सरकार और सेना के बीच काफ़ी मतभेद हैं|

इस परियोजना के लिए चीन ने ४६ अरब डॉलर्स का निवेश किया है| लेकिन इस राशी में, पूरी रक़म ‘निवेश’ न होकर, इसमें पाकिस्तान को दिए गये क़र्ज का भी समावेश है| यह कर्ज़ चीन ने पाकिस्तान को ज़्यादा व्याज लगाकर दिया है| आनेवाले समय में यह कर्ज़ा पाकिस्तान के गले का फंदा बन जायेगा, ऐसी चेतावनी कुछ अर्थविशेषज्ञ दे रहे हैं| साथ ही, इतने बड़े निवेश का स्वीकार करने की क्षमता और मूलभूत सुविधा पाकिस्तान में उपलब्ध नहीं है, इस ओर भी जानकार ध्यान खींच रहे हैं|

इस पृष्ठभूमि पर, चीन की इस परियोजना के हेतु पर ही पाकिस्तान ने आशंका जताई है| साथ ही, इस परियोजना पर काम करनेवाले चिनी मज़दूरों एवं अभियंतों पर ही हमले हो रहे होने की खबरें सामने आ रही हैं| पाकिस्तान में किया जा रहा यह निवेश किस हद तक सुरक्षित है, इसपर चीन में भी विचारविमर्ष शुरू हो चुका है|

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