ब्रह्मपुत्रा पर बाँध बँधवाकर चीन भारत के साथ जलयुद्ध छेड़ रहा है – विश्‍लेषकों की चेतावनी

हाँगकाँग – ब्रह्मपुत्रा नदी पर बाँध बँधवाकर चीन भारत के साथ जलयुद्ध छेड़ रहा होने की चेतावनी हाँगकाँगस्थित अख़बार के लेख में दी गयी है। केवल भारत ही नहीं, बल्कि ब्रह्मपुत्रा नदी बहनेवाले बांगलादेश ने भी चीन के इस निर्माणकार्य का निषेध दर्ज़ किया है, इसकी याद इस लेख में करायी गयी है। उसी समय, चीन ने अपनी मेकाँग नदी पर ११ निर्माणकार्य करने करून वियतनाम, म्यानमार, थायलंड, कंबोडिया और लाओस इन देशों का पानी रोकने की कोशिश की, यह बात भी इस लेख में रखी गयी है।

कुछ ही दिन पहले, चीन ब्रह्मपुत्रा नदी पर बाँध रहे बँधारे पर भारत के जलशक्ति मंत्रालय ने चिंता ज़ाहिर की थी। इस मामले में चीन आन्तर्राष्ट्रीय क़ानूनों का पालन करें, ऐसा आवाहन जलशक्ति मंत्रालय ने किया था। साथ ही, चीन के साथ की द्विपक्षीय चर्चा में यह मुद्दा उपस्थित किया जायेगा, ऐसी जानकारी जलशक्ति मंत्रालय के राज्यमंत्री ने साझा की थी। लद्दाख की एलएसी पर भारत और चीन का लष्कर एक-दूसरे के सामने खड़ा है; ऐसे में ब्रह्मपुत्रा नदी पर बाँध बँधवाकर चीन भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों का हाल बेहाल कर सकता है, यह दिखाने की कोशिश चीन कर रहा है। लेकिन इसके गंभीर परिणाम चीन को सहने होंगे। इससे भारत और चीन के बीच जलयुद्ध भड़केगा, ऐसा दावा बर्टिल लिंटनर इस अभ्यासक ने किया है।

‘एशिया टाईम्स’ इस हाँगकाँगस्थित अख़बार में प्रकाशित हुए लिंटनर के लेख में, चीन ब्रह्मपुत्रा नदी पर कर रहे निर्माणकार्य की अभ्यासपूर्ण जानकारी और विवरण दिया गया है। ब्रह्मपुत्रा नदी का उद्गम तिब्बत में होता है। इसका फ़ायदा उठाकर, ऊँचाई पर रहनेवाला चीन, ढलान पर होनेवाले भारत और बांगलादेश को सबक सिखाने के लिए ब्रह्मपुत्रा नदी पर बाँध का निर्माण कर रहा है। इसके ज़रिये अधिक से अधिक पानी रोककर भारत की घेराबंदी करने की चीन की साज़िश है। चीन इस निर्माणकार्य की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए तैयार नहीं है। इस कारण भारत और चीन के बीच अविश्‍वास बढ़ता चला जा रहा है, ऐसा दावा लिंटनर ने किया।

चीन अपने देश में उद्गमित होनेवालीं नदियों पर बँधारों का निर्माण करके आग्नेय एशियाई देशों का भी हाल बेहाल कर रहा है, इसपर भी इस लेख में ग़ौर फ़रमाया है। लेकिन लद्दाख की एलएसी पर बड़ा तनाव निर्माण हुआ है; ऐसे में ब्रह्मपुत्रा नदी पर बँधारे का निर्माणकार्य करके चीन भारत के साथ संबंध बिग़ाड़ने की तैयारी कर रहा है। आनेवाले समय में इससे भारत और चीन के बीच जलयुद्ध भड़क सकता है। इससे पहले भी चीन ने ब्रह्मपुत्रा नदी के पानी का विसर्ग कम किया था, लेकिन उसके जानकारी भारत को नहीं दी थी। इससे इस नदी से जुड़ी जलयातायात और अर्थकारण पर असर हुआ, इसपर लिंटनर ने ग़ौर फ़रमाया।

मेकाँग नदी के प्रवाह पर नियंत्रण जताकर चीन ने थायलंड तथा अन्य आग्नेय एशियाई देशों को मुश्किल में डाल दिया। पानी के बदले ये देश अपने ‘बेल्ट अँड रोड इनिशिएटीव्ह-बीआरआय’ प्रोजेक्ट की सहायता करें, ऐसी चीन को उम्मीद है। भारत के खिलाफ़ भी चीन ऐसे दाँवपेंचों का इस्तेमाल कर सकता है, ऐसा दावा लिंटनर ने किया है।

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