विश्‍व पर प्रभाव बनाए रखने के लिए चीन को प्राप्त अवधि खत्म हो रहा है – अमरिकी विश्‍लेषकों का दावा

विश्‍व पर प्रभाववॉशिंग्टन/बीजिंग – वैश्‍विक महासत्ता बनने की महत्वाकांक्षा रखनेवाले चीन के हाथों में इसके लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है, यह दावा अमरिकी विश्‍लेषकों ने किया है। अमरीका के साथ विश्‍व के कई देशों को चीन ने अलग अलग क्षेत्र में पिछाड़ दिया हैं, लेकिन उसकी प्रगति की रफतार अब रुक गई है, ऐसा विश्‍लेषकों ने कहा है। चीन की अर्थव्यवस्था की बड़ी गिरावट हो रही है और देश तेज़ी से एकाधिकार की ओर जा रहा है, यह इशारा भी दिया गया है।

विश्‍व पर प्रभावमायकल बेकली और हैल ब्रैंडस्‌ ने फॉरेन अफेअर्स नामक वेबसाईट के लेख में यह दावा किया है कि, चीन को विश्‍व की पुनर्रचना करनी है। लेकिन, इसके लिए आवश्‍यक समय उसके हाथ से निकल रहा है, यह इशारा भी विश्‍लेषकों ने दिया है। चीन में नैसर्गिक स्रोतों की किल्लत निर्माण हुई है और जनसंख्या में गिरावट होने की ओर भी बेकली और ब्रैडस्‌ ने ध्यान आकर्षित किया है। साथ ही जिस अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग के जोर पर चीन ने प्रगति की वही समूदाय अब चीन का स्वागत करने के लिए तैयार ना होने का अहसास लेख में कराया गया है।

विश्‍व पर प्रभावतीन दशकों से अधिक समय से हो रही चीन की प्रगति को बीते दशक से ही झटके लगने लगे और इसके आगे खड़ी समस्या अधिकाधिक बढ़ रही है, ऐसा ‘फॉरेन अफेअर्स’ के लेख में कहा गया है। चीन महासत्ता बनी होगी, फिर भी अब इसकी अर्थव्यवस्था की इससे अधिक तेज़ी से प्रगति नहीं होगी और इस देश की गिरावट शुरू होने का दावा विश्‍लेषकों ने किया है। चीन का नेतृत्व जो कुछ विस्तारवादी और आक्रामक गतिविधियाँ कर रहा है, इसके पीछे उनके हाथ से फिसल रहा समय भी प्रमुख मुद्दा हो सकता है, यह इशारा भी अमरिकी विश्‍लेषकों ने दिया है।

इसी बीच चीन के विदेशी मुद्रा भंड़ार की भी गिरावट होने का वृत्त भी सामने आया है। मात्र एक महीने में चीन का विदेशी मुद्रा भंड़ार ३१.५ अरब डॉलर्स से कम हुआ है। चीन के विदेश मुद्रा भंड़ार में अब ३.२०१ ट्रिलियन डॉलर्स शेष हैं और यह अप्रैल के बाद का निम्नस्तर होने की बात कही जा रही है।

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