‘साउथ चाइना सी’ से वापसी नही की तो चीन को भयंकर संकट का सामना करना होगा – अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – चीन को अपनी महत्वाकांक्षा को योग्य समय पर नियंत्रित करना होगा| उसकी शुरुआत साउथ चाइना सी से होती है, तो बहुत ही अच्छा होगा, क्योंकि चीन ने इस सागरी क्षेत्र से वापसी नहीं की तो आनेवाले समय में चीन को भयंकर संकट का सामना करना होगा| १९ वी सदी में ब्रिटिशों के साथ ‘ओपियम वॉर’ में चीन ने सब कुछ गंवाया था| ऐसे ही परिणाम इस समय सहने हो सकते हैं, ऐसी सूचक चेतावनी अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों ने दी है|

साउथ चाइना सी में चीन ने कृत्रिम द्वीपों का निर्माण किया है| इन द्वीपों का चीन लष्करी उपयोग करेगा, ऐसी चिंता इस क्षेत्र के देशों के साथ अमरिका ने भी व्यक्त की थी| पर चीन ने यह आशंका उस समय ठुकराई थी| पर अब चीन इन द्वीपों का खुलेआम लष्करीकरण करता दिखाई दे रहा है| इन कृत्रिम द्वीपों पर सैनिक तैनात करने की घोषणा चीन के रक्षामंत्री जनरल वी फेंगहे ने की है| उससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी प्रतिक्रिया उमड रही है| यह तैनाती चीन के भले के लिए नहीं होगी, ऐसा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों ने सूचित किया है|

साउथ चाइना सी यह अपनी ही प्रॉपर्टी होने कि सोच रखते हुए, इस सागरी क्षेत्र पर कब्जा प्राप्त करने के लिए चीन ने बहुत बड़ी योजना बनाई थी| इस क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण एवं उसका लष्करीकरण करके चीन ने जोरदार कदम उठाए थे| पर ऐसी बडी योजनाओं में चीन को हमेशा मुंह की खानी पड़ी है, यह इतिहास है| इस वजह से चीन ने साउथ चाइना सी में अपनी महत्वाकांक्षाओं को योग्य समय पर नियंत्रित नहीं किया, तो इस बार बहुत बड़ी असफलता चीन के सामने होगी| चीन की वित्त व्यवस्था को उसके बहुत बड़े परिणाम सहने होंगे ऐसा दावा विश्‍लेषक पैनोस मोर्दोकोआस ने किया है|

चीन की महत्वाकांक्षा बड़ी हैं| फिर भी उसकी तुलना में उसकी क्षमता बहुत ही मर्यादित होने का एहसास, यह विद्यापीठ के प्राध्यापक जॉन लुईस गैडिस ने दिलाया है| इस वजह से चीन अपनी क्षमता को पहचान कर महत्वाकांक्षाओं को कांटे ऐसी सलाह गैडिस ने दी है| पर अगर चीन ने अपनी क्षमता के पार जाते हुए महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए कदम उठाए, तो ‘पर्शियन सम्राट जेरेक्स’ को जिस तरह से ग्रीकों के साथ युद्ध में हार माननी पड़ी, वैसी स्थिति चीन पर आ सकती है, ऐसा कहते हुए उत्तर पूर्वी आशियाई देश भी चीन पर भारी पड़ेंगे ऐसे संकेत गैडिस ने दिए है|

तथा ग्रीस के भूतपूर्व नौसेना अधिकारी और भूतपूर्व राजनीतिक अधिकारी रहे यानीस सीनास ने चीन की महत्वाकांक्षा इस देश पर भयंकर संकट लानेवाली हो सकती हैं, ऐसा दावा किया है| १९वे शतक में ‘राजा क्विंग’ के साम्राज्य के समय चीन की वित्त व्यवस्था ने बहुत बड़ी प्रगति की थी| पर उस समय ब्रिटिश साम्राज्यवादियों ने क्विंग के साम्राज्य के विरोध में दो युद्ध छेड़े| जिसमें क्विंग का साम्राज्य आर्थिक रूप से कमजोर हुआ और चीन को अपना सार्वभौमत्व गंवाना पड़ा था| वैसी परिस्थिति साउथ चाइना सी के लष्करीकरण की वजह से चीन पर आ सकती है, ऐसा दावा सीनास ने किया है| चीन ने अपने लष्कर और नौसेना के सामर्थ्य में बढ़ोतरी की तो, अमरिका से दो हाथ करने के लिए चीन किसी भी प्रकार से तैयार नहीं है, ऐसी चेतावनी सिनास ने दी है|

दौरान साउथ चाइना सी मे लष्करी आक्रामकता को लेकर अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक चीन को सूचित कर रहे है और ऐसे समय भी चीन इस क्षेत्र में अपनी भूमिका पर कायम है|

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