भारत का ध्यान लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश की ओर मोड़ने के लिए चीन की कोशिशें

नई दिल्ली – अरुणाचल प्रदेश के सरहदी क्षेत्र से पांच भारतीयों का अपहरण करके इसके ज़रिए भारत पर दबाव डालने की तैयारी चीन ने की है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने इन पांच भारतीयों के लिए चीन से संपर्क स्थापित होने की जानकारी साझा की थी। लेकिन, हम अरुणाचल प्रदेश मानते ही नहीं हैं बल्कि यह दक्षिणी तिब्बत होने का ऐलान चीन के विदेश मंत्रालय ने किया है। लद्दाख के पैन्गॉन्ग त्सो के दक्षिण दिशा की अहम पहाड़ी चोटियों पर भारतीय सेना ने कब्ज़ा करने के बाद झटका खाए चीन ने अपनी प्रतिष्ठा दुबारा प्राप्त करने के लिए कोशिशें जारी की हैं। अरुणाचल प्रदेश पर दावा करके चीन ने भारत के खिलाफ़ नया मोर्चा खोलने का चित्र इसी लिए खड़ा करना शुरू किया है।

Zhao-Lijianचीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाईम्स ने अपने एड़िटोरियल में भारत को युद्ध की और एक धमकी दी है। एक बार युद्ध शुरू हुआ तो भारत का बचना मुश्‍किल होगा, यह इशारा इस एड़िटोरियल में दिया गया है। ‘ठंड़ का मौसम शुरू होने से पहले भारत लद्दाख से अपने सैनिकों को पीछे हटाए, वरना कडाके की ठंड़ की वजह से भारतीय सेना को जीवित नुकसान उठाना पड़ेगा। लेकिन, चीन ने अपने सरहदी क्षेत्र में अच्छी बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया है। इसकी वजह से चीनी सैनिकों को वहां के ठंड़ से उतनी मुश्‍किलें नहीं होंगी, यह तर्क ग्लोबल टाईम्स ने व्यक्त किया है।

ग्लोबल टाईम्स के ज़रिये भारत को धमका रहे चीन के पैर ही लद्दाख की ठंड़ के ड़र से अभी से कांपने लगे हैं। ग्लोबल टाईम्स ने भारत को दी फिज़ूल सलाह से भी यही ड़र व्यक्त हो रहा है। चीन की सेना अपने सैनिकों को किसी भी माहौल से मेल करने के लिए समय और विशेष प्रशिक्षण नहीं देती। इसकी वजह से लद्दाख की खून जमानेवाली ठंड़ में अपने सैनिक खड़े नहीं हो सकेंगे, इसका एहसास चीन को है। इसी वजह से ग्लोबल टाईम्स भारत को धमकाने के साथ पीछे हटने की सलाह दे रहा है। साथ ही अरुणाचल प्रदेश में नया मोर्चा खोलकर लद्दाख से भारत का ध्यान दूसरी ओर हटाने की साज़िश चीन ने की है।

चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर किए दावे में नया कुछ भी नहीं है। बल्कि लद्दाख में भारतीय सेना का मुकाबला करने में हम कम साबित हो रहे हैं, इसकी अप्रत्यक्ष कबूली ही चीन ने दी है। साथ ही भारत को युद्ध की धमकियां दे रहे चीन के सामर्थ्य का गुब्बारा भारत-चीन सीमा पर पहली गोली चलते ही फटेगा, ऐसी फटकार भारत के पूर्व लष्करी अधिकारियों ने लगाई है। भारतीय सेना का शौर्य और व्यावसायिकता की पूरी कल्पना चीन को है, इसी वजह से चीन ने अब तक गोलीबारी नहीं की है, इस ओर यह अधिकारी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। साथ ही चीन प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा पर दिखा रही आक्रामकता यानी भारत से अक्साई चीन को बचाने की कोशिश होने की बात भारत के पूर्व अधिकारी कह रहे हैं।

भारत के पूर्व अधिकारी ही नहीं बल्कि यूरोप और अमरीका के मान्यवर अभ्यासगुट और विश्‍वविद्यालयों ने चीन की सेना भारतीय सेना के तुफान के सामने कुछ दिन भी टिक नहीं सकेगी, यह निष्कर्ष दर्ज़ किया है। ‘यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज्‌’ (ईएफएसएएस) ने हाल ही में प्रसिद्ध किए रपट में लद्दाख के क्षेत्र में भारतीय सेना चीनी सैनिकों पर आसानी से जीत हासिल करेगी, यह दावा किया है। भारत ने चीन के खिलाफ़ अपनाई सख्त भूमिका चीन के घमकाने से दबे छोटे देशों को भी बड़ा आत्मविश्‍वास दे रही है। इसी कारण लद्दाख के क्षेत्र में घुसपैठ करके चीन अपना ही अधिक से अधिक नुकसान कर रहा है और अगले दिनों में भी इस क्षेत्र से पीछे हटने से इन्कार करने पर चीन को सभी स्तर और मोर्चों पर बड़ा नुकसान भुगतना पड़ेगा, यह बात स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रही है।

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