‘डोकलाम’ मे चीन से लष्करी मूलभूत सुविधा का निर्माण – रक्षामंत्री सीतारामन की लोकसभा मे जानकारी

नई दिल्ली : ‘डोकलाम’ में चीन हेलीपॅड के साथ बड़ी तादाद में लष्करी मूलभूत सुविधा निर्माण कर रहा है और चीनने फिर एक बार इस भाग में सैनिकों की तैनाती बढ़ाने की जानकारी रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने लोकसभा में दी है। तथा पाकिस्तान में चीन के गतिविधियों पर भी बारीकी से नजर होकर सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ऐसा रक्षामंत्री सीतारामन ने स्पष्ट किया है।

पिछले वर्ष भारत एवं चीन की सेना ‘डोकलाम‘ में जिस भाग में एक दूसरों के सामने खड़ी थी, उसके पास ही होनेवाले भाग में चीन ने अपने लष्करी गतिविधियां शुरू करने की बात सीताराम ने कही है। पिछले वर्ष भारत और चीन ने इस जगह से अपनी सेना वापस लौटी थी तथा सैनिकों की संख्या भी कम की थी, पर चीन ने फिर एक बार सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। ठंड के मौसम में भी चीन ने अपने सैनिक इस भाग में तैनात किए थे, ऐसा रक्षामंत्री ने कहा है।

तथा चीन के इस भाग में हेलीपॅड सैनिकों के लिए बनाना एवं बंकर के निर्माण के साथ अन्य मूलभूत लष्करी सुविधा निर्माण करने का काम कर रहा है। इस भाग में चीन से सुरक्षा चौकियां निर्माण हो रही है, ऐसी जानकारी सीतारमन ने लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए दी है।

पिछले महीने में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, लष्कर प्रमुख जनरल बिपीन रावत एवं विदेश सचिव विजय गोखले ने डोकलाम के प्रश्न पर चर्चा करने के लिए भूतान को भेंट दी थी। इससे पहले तिबेट और डोकलाम में चीन ने सैनिक की गतिविधियां बढ़ाने के दावे हुए थे तथा चीन से जुड़े हुए सीमा पर ध्यान केंद्रित करने का समय आया है, ऐसा लष्कर प्रमुख जनरल रावत ने कहा था। तथा कुछ दिनों पहले चीन के लष्करी विश्लेषकों ने दोनों देशों में फिर डोकलाम जैसा संघर्ष हो सकता है, ऐसा कहकर भारत उसके लिए तैयार रहें, ऐसा इशारा दिया था। इस पृष्ठभूमि पर रक्षा मंत्री सीतारामन ने यह जानकारी लोकसभा में दी है।

पाकिस्तान में चीन अपना लष्करी निर्माण करने के वृत्त पर रक्षा मंत्री से प्रश्न पूछे गए थे। भारत सरकार की उन गतिविधियों पर कड़ी नजर होकर, देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जाएंगे, ऐसा सीतारमन ने स्पष्ट किया है। तथा हिंद महासागर में चीन के गतिविधियों के बारे में सरकार को संपूर्ण जानकारी है। दोनों देशों के स्वतंत्र विदेश धारणा है। इसकी वजह से दोनों देशों को अन्य देशों के साथ विकसित होने वाले संबंधों पर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा रक्षा मंत्री सीतारामन ने कहा है।

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