पूरे ‘माउंट एवरेस्ट’ पर चीन ने किया दावा – नेपाल से हुआ विरोध

नई दिल्ली  – दुनिया में सबसे अधिक उँचाईवाले ‘माउंट एवरेस्ट’ के पूरे क्षेत्र पर चीन ने दावा किया है। चीन के सरकारी चैनल ‘चायना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क’ (सीजीटीएन) ने शनिवार के दिन ‘माउंट एवरेस्ट’ के कुछ फोटो प्रकाशित किये और उनके नीचे ‘चीन के तिब्बत इस स्वायत्त प्रांत में स्थित दुनिया का सबसा उँचा पर्वत’ ऐसी फोटो कैप्शन लिखीं। इसे तिब्बत और माउंट एवरेस्ट पर अपना दावा मज़बूत करने की चीन की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। नेपाल से अब इसके विरोध में आवाज़ उठने लगी है।

कुछ दिन पहले चीन ने नेपाल को सूचित किए बिना ही एवरेस्ट की उँचाई नापने के लिए मुहिम हाथ में ली थी। साथ ही, चीन की हुवेई कंपनी ने हाल ही में एवरेस्ट पर तीन ज़गहों पर 5-जी मोबाईल टॉवर स्थापित किए हैं। वहाँ के दुर्गम माहौल में हायस्पीड़ नेटवर्क प्रदान करना, सिर्फ़ इतना ही उद्देश्‍य इसके पीछे ना होने की बात अभ्यासक कह रहें हैं। इस प्रावधान की लष्करी अहमियत भी है और इस तकनीक का लाभ चीन उठा सकता है, यह दावा चीन से संबंधित विशेषज्ञ कर रहे हैं।

शनिवार के दिन माउंट एवरेस्ट की फ़ोटो के नीचे चीन की सरकारी चैनल ने लिखी कैप्शन को, माउंट एवरेस्ट पर चीन का दावा मज़बूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लिखी यह पोस्ट हालाँकि सीजीटीएन ने बाद में हटाई है, लेकिन फिर भी चीन की सरकार के आदेश हुए बिना चिनी सरकारी चैनल ने यह पोस्ट नहीं लिखी होगी, यह बात स्पष्ट होती है। अपनी सीमा का विस्तार करने के लिए चीन की ‘सलामी स्लायसिंग’ नीति का यह हिस्सा साबित होता हैं, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं।

इस पर्वत की उँचाई नापने के लिए, नेपाल को सूचित किए बिना ही चीन ने शुरू की हुई मुहिम, एवरेस्ट पर लगाए 5-टॉवर और अब एवरेस्ट पर अप्रत्यक्ष किया यह दावा, आनेवाले समय में चीन और नेपाल के संबंधों में दरारें बढ़ा सकता है, यह बात भी विश्‍लेषक कर रहे हैं। माउंट एवरेस्ट यह नेपाल और तिब्बत में विभाजित हुआ है। लेकिन, अधिकांश पर्यटक माउंट एवरेस्ट देखने के लिए नेपाल की यात्रा करते हैं। साथ ही, अधिकांश पर्वतारोही, नेपाल से ही एवरेस्ट पर चढ़ाई करते हैं। क्योंकि तिब्बत से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करना काफ़ी कठीन हैं। एवरेस्ट का ज़िक्र चीन ‘माउंट चोमोलुंगमा’ ऐसा करता हैं। नेपाल में चीन की इन हरकतों का विरोध शुरू हुआ है। साथ ही, ‘माउंट चोमोलुंगमा का तिब्बत की ओर का हिस्सा’ यह लिखकर सीजीटीएन अपनी गलती सुधारें, यह बात नेपाल के लेखक कनक मणी दीक्षित ने कही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.