चीन दुनिया भर में अड्डों का निर्माण कर रहा है – अमरिकी रक्षा मुख्यालय का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – ‘चीन दुनिया भर में अपने अड्डों का निर्माण कर रहा है| इसके लिए पारंपिरक मित्रदेश चीन की सहायता कर रहे है और उनके भी हितसंबंध चीन के साथ जुडे है’, यह इशारा अमरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने दिया है| चीन के नीति के तहेत उसके सहयोगी बने देशों का दाखिला देकर पेंटॅगॉन ने पाकिस्तान का उदाहरण सामने रखा है| इसके साथ ही खाडी क्षेत्र के देश और पश्‍चिमी पैसिफिक समुद्री क्षेत्र में भी चीन की लष्करी गतिविधियां शुरू है और अमरिका के लिए यह बात गंभीर साबित होती है, ऐसा इशारा ‘पेंटॅगॉन’ने दिया है| आर्क्टिक क्षेत्र में चीन की पनडुब्बीयों की गतिविधियां भी खतरनाक बनने का तर्क पेंटॅगॉन ने अपने अहवाल में दर्ज किया है|

अमरिकी कांग्रेस के सामने रखे वार्षिक अहवाल में पेंटॅगॉन ने यह दिखाया है की, चीन की सेना और सुरक्षा विषय की गतिविधियां तेजीसे बढ रही है| यूरोप, खाडी और अफ्रीकी देशों का समावेश होनेवाली ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) परियोजना की सुरक्षा के लिए चीन अपनी लष्करी गतिविधियां कर रहा है, यह दावा पेंटॅगॉन ने किया है| ‘रेड सी’ और ‘एडन की खाडी’ के मध्यस्थान पर रहनेवाले अफ्रीका के ‘जिबौती’ इस देश में चीन ने निर्माण किया लष्करी अड्डा इसी का हिस्सा है, ऐसा पेंटॅगॉन ने अपने अहवाल में कहा है|

‘ओबीओआर’ की सुरक्षा के लिए चीन धारणा के नुसार सहयोगी रहे देशों का इस्तेमाल कर रहा है| पाकिस्तान जैसे देश चीन की सेना अपने देश में तैनात करने के लिए तैयार है और चीन इस तरह पश्‍चिमी पैसिफिक क्षेत्र के देशों में अपने अड्डों का निर्माण करने की कोशिश कर रहा है| इसमें से ‘साउथ चाइना सी’ में बनाए कृत्रिम द्विपों पर चीन ने निर्माण किए लष्करी अड्डों का भी जिक्र पेंटॅगॉन ने किया है| इस वजह से अमरिका ने चीन की इन गतिविधियों की ओर गंभीरता से देखने की जरूरत है, यह पेंटॅगॉन ने दर्ज किया है|

‘ओबीओआर’ के अलावा उत्तर गोलार्ध में आर्क्टिक महासागर के क्षेत्र में भी चीन की नौसेना ने गतिविधियां बढाई है, यह बात अमरिकी रक्षा मुख्यालय ने सामने रखी है| ईंधन, गैस से भरे आर्क्टिक सागरी क्षेत्र के लिए अमरिका, रशिया, कनाडा, नॉर्वे इन देशों में पहले ही विवाद है, ऐसे में चीन इस क्षेत्र में परमाणु अस्त्र वाहक पनडुब्बी तैनात करने की तैयारी में होने की चेतावनी पेंटॅगॉन ने दी है| पिछले वर्ष जून महीने में चीन ने अपने रक्षा विषयक ‘व्हाईट पेपर’ में आर्क्टिक से जुडी अपनी नीति का जिक्र किया था, इसकी याद पेंटॅगॉन ने करवाई है|

इस दौरान, पिछले वर्ष हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण करने के बाद चीन ने ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेल गन’ और ‘डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स’ के निर्माण के लिए तेजीसे कोशिश शुरू की है, यह चिंता पेंटॅगॉन ने व्यक्त की है|

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