दूसरे विश्वयुद्ध पश्चात् के दौर में स्वतंत्रता, जनतंत्र और अमरिकी सुरक्षा के लिए चीन सबसे बड़ा ख़तरा – अमरीका के गुप्तचर प्रमुख की चेतावनी

वॉशिंग्टन/बीजिंग – ‘अमरीका को मात देकर चीन पूरी दुनिया पर आर्थिक, लष्करी तथा तंत्रज्ञान की दृष्टि से इकतरफ़ा वर्चस्व पाना चाहता है। चीन के कारनामें ये केवल अमरिकी सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि जागतिक जनतंत्र तथा स्वतंत्रता के लिए दोसरे विश्वयुद्ध पश्चात् का सबसे बड़ा ख़तरा साबित होता है’, ऐसी चेतावनी अमरीका के गुप्तचर प्रमुख जॉन रॅटक्लिफ ने दी। दुनिया पर सत्ता जमाने की ईर्ष्या से चीन सभी नैतिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहा होने का दोषारोपण करके, चिनी जवानों को ‘सुपर सोल्जर’ बनाने के लिए उनपर जैविक परीक्षण शुरू होने का खलबलीजनक दावा भी अमरिकी गुप्तचर प्रमुखांनी केला.

अमरिकी न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में, तथा ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ इस अग्रसर दैनिक में लिखे लेख में गुप्तचर प्रमुख रॅटक्लिफ ने चीन के विरोध में ज़ोरदार हमला किया। ‘चीन अमरीका के खिलाफ़ खुलेआम संघर्ष की तैयारी कर रहा है और उसका मुक़ाबला करना हमारा कर्तव्य है। चीन की चुनौती यह अमरीका की विद्यमान पीढी के सामने होनेवाली सबसे बड़ी तथा निर्णायक चुनौती है। अमरीका ने फॅसिझम से लेकर फ़ौलादी पर्दे खींचने तक कई चुनौतियों को दृढ़तापूर्वक मात दी है। चीन पूरी दुनिया का हुलिया बदलकर उसे अपने जैसा बनाने की जानतोड़ कोशिश कर रहा है। अमरीका को पीछे छोड़कर दुनिया की एकमात्र महासत्ता बनने पर चीन ने अपना ध्यान केंद्रित किया है। ऐसे चीन को विद्यमान पीढ़ी कैसे रोकती है, उसपर आगे का भविष्य निर्भर है’, ऐसा रॅटक्लिफ ने जताया।

दुनिया पर वर्चस्व पाने के लिए चीन की हुक़ूमत किसी भी प्रकार की नैतिक मर्यादाओं का पालन नहीं करती, यह आरोप भी गुप्तचर प्रमुख ने किया। चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग, चीन के लष्कर को दुनिया का सबसे ताकतवर एवं सामर्थ्यशाली लश्कर बनाना चाहते हैं और इसके लिए अमरिकी तंत्रज्ञान चुराने से लेकर अन्य किसी भी हद तक जाने की उनकी तैयारी होने का दोषारोपण रॅटक्लिफ ने रखा। चीन अपने जवानों को ‘सुपर सोल्जर’ बनाने के लिए उनकी शारिरीक क्षमताएँ बढ़ाने के परीक्षण किअर रहा होने की जानकारी अमरिकी यंत्रणाओं के पास है, ऐसा खलबलीजनक दावा भी उन्होंने किया। पिछले साल अमरीका के कुछ संशोधकों ने, चीन द्वारा जैवतंत्रज्ञान का इस्तेमाल करके ‘सुपर सोल्जर’ बनाने की कोशिशें जारी होने की बात पर ग़ौर फ़रमाया था। गुप्तचर प्रमुख के आरोपों से उसकी पुष्टि हुई दिखाई दे रही है।

चीन अमरीका की राजनीतिक व्यवस्था पर प्रभाव जमाने के लिए गतिविधियाँ कर रहा होकर, पिछले सालभर में ऐसे क़ारनामें तेज़ हुए हैं, इसका एहसास अमरीका के गुप्तचर प्रमुख ने कराया। चीन की यंत्रणाएँ अमरिकी संसद सदस्यों पर रिश्वत अथवा ब्लॅकमेल के रूप में दबाव बनाने की कोशिशें कर रहा है, ऐसा दावा रॅटक्लिफ ने किया। चीन द्वारा जारी इन कोशिशों की जानकारी अमरीका की संसद को भी दी गयी है, इसपर भी उन्होंने ग़ौर फ़रमाया। चुनाव ख़त्म हुए हैं। अब अमरीका के राजनीतिक नेतृत्व ने चीन को लेकर ठोस तथा दृढ़ भूमिका अपनाने का समय आया है, ऐसे शब्दों में गुप्तचर प्रमुख रॅटक्लिफ ने अन्त में जताया।

गुप्तचर प्रमुख ने चीन के विरोध में अपनाई आक्रामक भूमिका पर चीन की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया आई है। ‘रॅटक्लिफ का बयान ग़ैरवाजिब है और सच्चाई से दूर भागनेवाला है। अमरीका अभी भी शीतयुद्धकालीन मानसिकता को ही पकड़े हुए है। कुछ अमरिकी अधिकारी पूर्वग्रहदूषित विचारधारा से चीन पर हमलें कर रहे हैं’, ऐसा दोषारोपण अमरीकास्थित चिनी दूतावास के प्रवक्ता ने किया है।

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