चीन ‘अझहर’ एवं ‘बरुआ’ के विरोध में सहयोग करें – भारत का आवाहन

नई दिल्ली: भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में रक्तपात फैलाने वाले उल्फा एक आतंकवादी संघटना के नेता परेश बरुआ इनपर चीन कार्रवाई करें, ऐसी मांग भारत ने की है। आतंकवाद एवं नशीले पदार्थ की तस्करी के अपराध बरुआ पर होकर फिलहाल वह म्यानमार चीन के सीमा रेखा पर छुपकर बैठने की बात कही जा रही है। इसके पहले भारत ने जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मसूद अझहर पर कार्रवाई करने के लिए चीन सहायता करें, ऐसा आवाहन किया था। चीनने यह मांग ठुकरा के अझहर के बारे में अपनी भूमिका नहीं बदलेगी ऐसा सूचित किया था।

चीन, अझहर, बरुआ, विरोध, सहयोग, भारत, आवाहनहालही में भारत एवं चीन में अंतर्गत रक्षा के बारे में करार संपन्न हुआ है। चीन के अंतर्गत रक्षा मंत्री जाऊं केझी ने अपने भारत भेंट के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। पर इस भेंट में इस करार पर हस्ताक्षर हुए हैं। आतंकवाद विरोधी तथा संगठित अपराध के विरोध में कार्रवाई या एवं नशीले पदार्थ के व्यापार पर नियंत्रण और मानव तस्करी के विरोध में सहयोग करने की बात मंजूर करके दोनों देशों ने यह करार किया था। इससे पहले भारत एवं चीन में इस स्वरूप का रक्षा विषयक करार नहीं हुआ था। इसका दाखिला देकर विश्लेषकों ने दोनों देशों का यह करार मतलब महत्वपूर्ण स्तर होने का दावा किया था।

पर उस समय संपन्न हुए चर्चा की जानकारी अब माध्यमों के सामने उजागर हो रही है। चीन के प्रतिनिधि से चर्चा करते हुए भारत ने मसूद अझहर एवं परेश बरुआ के बारे में चीन को सहायता करने का आवाहन किया था। जैश-ए-मोहम्मद इस संगठन का प्रमुख अझहर ने भारत में आतंकवादी हमले किए हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुरक्षा परिषद में अझहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिये भारत के प्रयत्न शुरू है। सुरक्षा परिषद के अन्य सभी देशों ने इस विषय का प्रस्ताव मंजूर किया था। पर चीन ने तांत्रिक वजह बता कर अझहर पर कार्रवाई के लिए नकार अधिकार की सहायता से इस प्रस्ताव को मंजूर होने नही दिया था।

चीन, अझहर, बरुआ, विरोध, सहयोग, भारत, आवाहनभारत ने समय समय पर मांग करने पर भी चीन ने इस बारे में अपनी भूमिका नहीं बदलेगी, ऐसा सूचित किया था। भारत ने इस बारे में फ़िर से मांग करने के बाद भी चीन ने अझहर के बारे में अपनी भूमिका बदलेगी नही ऐसा घोषित किया था। तथा उल्फा आतंकवादी संगठन का प्रमुख नेता प्रकाश बरूआ यह भी चीन के संरक्षण मै है, और उस पर कार्रवाई करने की भारत की मांग भी चीन से नामंजूर होने की गहरी आशंका है।

उत्तर पूर्वी राज्यों में अनेक बार रक्तपात करने वाला परेश बरुआ पहले बांगलादेश से सूत्र नियंत्रित कर रहा था और बांगलादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना इनकी सरकार सत्ता पर आने के बाद बरुआ वहां से भाग निकला था। वह चीन में होने की चर्चा शुरु थी। पर वह म्यानमार एवं चीन के सीमा भाग में छुपा होने की बात उजागर हुई है तथा परेश बरुआ लगातार चीन को भेंट देता है, ऐसी जानकारी दी जा रही है।

मसूद अझहर एवं परेश बरुआ पर कार्रवाई से इंकार करके चीन भारत के साथ सुरक्षा विषयक करार में गंभीर न होने के संकेत दे रहा है।

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