ऑस्ट्रेलियन ऐंकर की गिरफ्तारी पर चीन-ऑस्ट्रेलिया के तनाव में बढ़ोतरी

कॅनबेरा/बीजिंग – ऑस्ट्रेलियन न्यूज़ ऐंकर चेंग लेई को किसी भी पुख्ता कारण दिए बिना चीन ने नज़रबंद किया गया है और इस मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच तनाव और भी बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। लेई चीन की सीजीटीएन नामक सरकारी समाचार चैनल के लिए काम कर रही हैं और वे ऑस्ट्रेलियन नागरिक हैं। बीते महीने में चीनी यंत्रणा ने उन्हें हिरासत में लिया और उनकी जाँच शुरू कर दी है। अब यकायक लेई की गिरफ्तारी की जानकारी साझा की गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए कोई भी कारण नहीं दिया गया है। लेई की गिरफ्तारी का ऑस्ट्रेलिया ने निषेध व्यक्त किया है और उन्हें हर तरह की कानूनन सहायता प्रदान करने की कोशिश करेंगे, ऐसा कहा है।

Australia-chinaबीते कुछ वर्षों से चेंग लेई चीनी समाचार चैनल सीजीटीएन की अंग्रेज़ी आवृत्ति के लिए काम कर रही थी। चीन की यंत्रणा ने अगस्त महीने में यकायक ही उन्हें हिरासत में ले लिया था। १४ अगस्त के दिन इससे संबंधित जानकारी साझा की गई। लेकिन, लेई के साथ राजनीतिक एवं कानूनन स्तर पर किसी भी तरह से संपर्क स्थापित करने से चीन ने इन्कार किया है, ऐसा ऑस्ट्रेलिया ने कहा है। लेई की जाँच या गिरफ्तारी के लिए कोई कारण नहीं दिया गया है। जासूसी की आशंका से यह कार्रवाई की गई होगी, यह दावा सूत्रों ने किया है।

बीते वर्ष से चीनी वंशी ऑस्ट्रेलियन नागरिक के विरोध में चीन की यंत्रणा ने कार्रवाई करने की हुई यह दूसरी घटना है। कुछ महीने पहले चीन ने डॉ.यांग हेंगजून नामक ऑस्ट्रेलियन नागरिक को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ़ जासूसी करने का आरोप लगाया था। चीन की इस कार्रवाई पर ऑस्ट्रेलिया ने तीव्र निषेध भी दर्ज़ किया था। इसके बाद अब कोई भी कारण दिए बिना लेई के खिलाफ़ कार्रवाई होने से ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच निर्माण हुआ तनाव और भी बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

Australia-chinaलेई के खिलाफ़ कार्रवाई की प्रक्रिया जारी थी, तभी ऑस्ट्रेलिया की संसद में चीन के साथ अन्य विदेशी हुकूमतों के साथ किए समझौतों को लेकर पुनर्विचार करने के प्रावधान वाला विधेयक दाखिल किया गया। इस विधेयक पर चीनी प्रसारमाध्यमों में तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई है। चीन के सरकारी मुखपत्र के तौर पर जाने जा रहे ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने २४ घंटों के दौरान दो एड़िटोरियल लिखकर इस विधेयक के खिलाफ कड़ी आलोचना की है। अमरीका के निर्देशों पर ही ऑस्ट्रेलिया चीन विरोधी नीति पर अमल कर रहा है और इसी राह पर चलते रहे तो यह देश जल्द ही एशिया-पैसिफिक का सबसे गरीब देश के तौर पर जाना जाएगा, ऐसी फटकार इस लेख में लगाई गई है।

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