ऑस्ट्रेलिया को पश्‍चिमी देशों से अलग करने की चीन की कोशिश – अमरिकी वरिष्ठ अधिकारी का आरोप

वॉशिंग्टन/कैनबेरा/बीजिंग – चीन ‘ऑस्ट्रेलिया को समविचारी पश्‍चिमी देशों के गुट से अलग करने की कोशिश कर रहा हैं’, ऐसा अमरीका का विचार है। ऑस्ट्रेलिया पर इसका क्या असर पड़ेगा और क्या ऑस्ट्रेलिया के नज़रिये में इससे बदलाव आता है, यही उद्देश्‍य इसके पीछे है’, यह आरोप ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र के लिए नियुक्त अमरीका के समन्वयक कर्ट कैम्पबेल ने लगाया। इसके साथ ही कैम्पबेल ने यह गवाही भी दी कि, चीन कितनी भी कोशिश कर ले तो भी अमरीका कभी भी ऑस्ट्रेलिया को अलग-थलग होने नहीं देगी। कैम्पबेल के इस बयान पर चीन ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और चीन अन्य देशों के अंदरुनि मामलों में दखलअंदाजी नहीं कर रहा है, यह खुलासा चीन के विदेश मंत्रालय ने किया है। 

चीन की ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े व्यापारी भागीदार देश के तौर पर पहचान है। वर्ष २०१९ में ऑस्ट्रेलिया के कुल व्यापार में चीन का हिस्सा २९ प्रतिशत था। लेकिन, बीते दो वर्षों में चीन और ऑस्ट्रेलिया के संबंध तेज़ी से बिगड़ रहे हैं। चीन ने ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ाया है और इसके बलबूते पर काफी दखलअंदाज़ी करने लगा है। यह दखलअंदाज़ी रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और सरकार ने आक्रामक निर्णय करने का सिलसिला शुरू किया है। ऑस्ट्रेलिया की संसद में चीन के खिलाफ कई विधेयक पारित किए गए हैं और इसमें चीन से बन रहे खतरों का स्पष्ट ज़िक्र किया गया है। मॉरिसन सरकार की इस कार्रवाई की वजह से चीन काफी बेचैन है और अपनी आर्थिक और व्यापारी ताकत का इस्तेमाल करके ऑस्ट्रेलिया पर दबाव ड़ालने की कोशिश कर रहा है।

चीन के अन्य देशों के साथ भी विवाद हैं, फिर भी ऑस्ट्रेलिया को अधिक आक्रामकता से लक्ष्य करने की बात दिख रही है। इस पर अपनी भूमिका रखते हुए कर्ट कैम्पबेल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी हरकतों के पीछे चीन के उद्देश्‍य अलग ही होने का दावा किया। लेकिन, चीन की कार्रवाई का उल्टा असर पड़ रहा है और ऑस्ट्रेलिया एवं अमरीका की नज़दीकियाँ अधिक बढ़ने की बात कैम्पबेल ने स्पष्ट की। ऑस्ट्रेलिया की मॉरिसन सरकार और अमरीका का बायडेन प्रशासन सिर्फ समविचारी नहीं हैं, बल्कि उनके उद्देश्‍य भी समान हैं, यह बयान अमरिकी अफसर ने किया। 

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन ने ‘क्वाड’ के लिए की हुई पहल का ज़िक्र करके उनकी कोशिशों से ही अमरीका ने पैसिफिक और एशिया की गतिविधियों को गति प्रदान की है, यह दावा भी कैम्पबेल ने किया। कैम्पबेल के इस बयान की पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया के वित्तमंत्री ने भी चीन के संबंधों को लेकर आक्रामक भूमिका अपनाई है।

अर्थमंत्री जोश फ्रायडनबर्ग ने चीन के संबंधों का विचार करके ऑस्ट्रेलिया सदैव राष्ट्रीय हितों को अधिक अहमियत देगा, यह गवाही दी है। साथ ही चीन द्वारा ऑस्ट्रेलिया में हो रहा निवेश मात्र आर्थिक स्तर का नहीं है बल्कि इसके पीछे रणनीतिक उद्देश्‍य होने का दावा भी उन्होंने किया। इस दौरान फायडनबर्ग ने दोनों देशों के संबंध पहले जैसे नहीं रहे, यह बात भी मानी है।

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