विदेशमंत्री के आवाहन को नज़रअंदाज करके भारत को सबक सिखाने के लिए, ब्रह्मपुत्रा पर नया बांध बनाने की चीन की घोषणा

बीजिंग – ‘भारत और चीन ने एक दूसरे को शक की निगाह से देखना बंद करना चाहिए। चीन भारत का शत्रु नहीं है’, ऐसी भावपूर्ण गुहार लगाकर चीन के विदेश मंत्री वँग ई ने भारतीयों को सहयोग का आवाहन किया था। अपने विदेश मंत्री के इस आवाहन के चौबीस घंटे के भीतर ही, चीन ने इसमें अंशमात्र भी तथ्यांश नहीं है, यह साबित कर दिखाया है। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों की जीवनवाहिनी होनेवाली ब्रह्मपुत्रा नदी पर नया बांध बनाने का फैसला चीन ने किया है। इसके जरिए भारत को सबक सिखाने की तैयारी चीन द्वारा की जा रही है। इससे चीन यही दर्शा रहा है कि उसे भारत के साथ मित्रता और सौहार्द अपेक्षित नहीं है।

india-china-brahmaputra-damचीन की संसद ने २०२१-२०२५ सालों के लिए पंचवार्षिक योजना घोषित की होकर, उसमें ब्रह्मपुत्रा पर बांध बनाने की योजना को मंज़ुरी दी गई है। यह बांध तिब्बत से बहनेवाले ब्रह्मपुत्रा के नीचले प्रवाह पर बांधा जानेवाला होकर, इस इलाक़े से ही यह नदी भारत में प्रवेश करती है।

इस कारण उसके बड़े परिणाम भारत के नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों को तथा बांग्लादेश को सहने पड़ सकते हैं। भारत और बांगलादेश इन दोनों देशों ने चीन के पास लगातार निषेध व्यक्त किया था। लेकिन उसे अनदेखा करके चीन ने यह बांध बनाने के लिए प्राथमिकता दी है, ऐसा नए फैसले से दिखाई दे रहा है।

चीन द्वारा ब्रह्मपुत्रा नदी पर ६० गिगावॅट्स इतनी प्रचंड क्षमता के जलविद्युत प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाने वाला है, यह बात सामने आ रही है। यह प्रोजेक्ट दुनिया का सबसे बड़ा जलविद्युत प्रोजेक्ट साबित होगा, यह भी बताया जा रहा है। चीन के इन प्रोजेक्ट्स को प्रत्युत्तर देने के लिए भारत ने भी अपने इलाके में ब्रह्मपुत्रा नदी पर बांध बनाने की तैयारी की है।

ब्रह्मपुत्रा नदी पर चीन बना रहा जलविद्युत प्रोजेक्ट यानी भारत के अधिकार पर अतिक्रमण साबित होता है, ऐसा भारत ने कुछ दिन पहले ही जताया था। भारत के जलशक्ति मंत्रालय ने, चीन अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करें, ऐसा आवाहन किया था। वहीं, दो महीने पहले हॉंगकॉंगस्थित अखबार में छपे एक लेख में यह चेतावनी दी गई थी कि ब्रह्मपुत्रा नदी पर बांध का निर्माण करके चीन भारत के साथ जलयुद्ध छेड़ रहा है।

‘लद्दाख की एलएसी पर भारत और चीन का लष्कर एक-दूसरे के सामने खड़ा है, ऐसे में चीन यह दिखा देने की कोशिश कर रहा है कि ब्रह्मपुत्रा नदी पर बांध का निर्माण करके भारत के नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों को वह बेहाल कर सकता है। लेकिन इसके गंभीर परिणाम चीन को सहन करने पड़ेंगे। इससे भारत और चीन में जल युद्ध भड़केगा’, ऐसा दावा बर्टिल लिंटनर इस अभ्यासक ने किया था।

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