अमरीका और इस्रायल ने ‘5-जी’ को लेकर किए निर्णय पर चीन हुआ गुस्सा

बीजिंग/वॉशिंग्टन – ‘5-जी’ मोबाईल टेलिकॉम नेवटर्क की होड़ से चीन को बाहर करने के मुद्दे पर अमरीका और इस्रायल के बीच हुई चर्चा से चीन काफी बेचैन हुआ है। इस्रायल का यह निर्णय काफी निंदनीय और कृतघ्नता का होगा, ऐसी आलोचना करना चीन के सरकारी मुखपत्र ने शुरू किया है। साथ ही इस निर्णय की वजह से चीन और इस्रायल के आर्थिक, व्यापार संबंधों पर असर होगा, यह इशारा भी चीन के मुखपत्र ने दिया है। इससे पहले विश्‍व के प्रमुख देशों ने भी चीन के ‘5-जी’ नेटवर्क को पीठ दिखाई है।

5G-huaweiइस्रायल के समाचार पत्र ने अमरिकी अधिकारी के दाखिले से प्रदान की हुई जानकारी के अनुसार इस महीने के शुरूआत में अमरीका और इस्रायल के बीच अहम चर्चा हुई। मोबाईल टेलिकॉम नेटवर्क की प्रगत सेवा के तौर पर जानी जा रही ‘5-जी’ सेवा को लेकर इस दौरान चर्चा हुई। इस सेवा के लिए इस्रायल भरोसेमंद नेटवर्क का चयन करे, यह सुझाव अमरीका ने रखा है। राष्ट्रीय हितसंबंध और निजी जानकारी की गोपनियता की सुरक्षा के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से संबंधित कंपनियों के साथ इस्रायल सहयोग ना करे, इस मुद्दे पर अमरीका और इस्रायल के बीच समझौता होने का दावा वर्णित अख़बार ने किया है। इस्रायल की सरकार ज़ल्द ही इससे संबंधित बड़ा ऐलान करने की उम्मीद होने की बात इस समाचार पत्र ने की है।

इस्रायली समाचार पत्र में प्रसिद्ध हुई इस ख़बर पर चीन से तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। चीन के सरकारी मुखपत्र के साथ अन्य माध्यमों ने भी अमरीका-इस्रायल के बीच हुए इस समझौते पर फटकार लगाई है। ‘5-जी’ नेटवर्क के निर्माण में चीनी उत्पादनों को अलग रखने का इस्रायल का निर्णय निंदनीय है, यह आलोचना करके चीनी माध्यम इस्रायल को अतीत में हुए सहयोग की याद दिला रहे हैं। दूसरे विश्‍वयुद्ध के दौर में चीन के शांघाय शहर ने 30 हज़ार ज्यू धर्मियों को पनाह दी थी, इस ओर चीनी माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। साथ ही चीनी कंपनियों के साथ ‘5-जी नेवटर्क’ से संबंधित सहयोग तोड़कर इस्रायल कृतघ्न हो रहा है, यह आरोप भी चीनी माध्यम कर रहे हैं।

trump-jinping-netanyahuतभी अमरीका और इस्रायल के बीच हुए इस समझौते की वजह से चीन और इस्रायल के आर्थिक, व्यापारी सहयोग और इस्रायल में हुई निवेश पर असर होगा, यह इशारा चीन के अंग्रेजी मुखपत्र ने दिया है। साथ ही अमरीका अन्य देशों के कारोबार में दखलअंदाज़ी कर रही है, यह आरोप भी चीन के सरकारी अख़बार ने किया है। अमरीका और इस्रायल के इस समझौते पर चीन के विदेश मंत्रालय से प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है और चीन ने सीर्फ अमरीका को लक्ष्य किया है। भरोसेमंद नेटवर्क के नाम से अमरीका अपनी कंपनियों को इस्रायल में व्यापार के अवसर उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है, यह आरोप चीन के विदेश मंत्रालय ने किया।

इसी बीच बीते वर्ष से चीन की ‘5-जी नेवटर्क’ से संबंधित हुवेई कंपनी से विवाद हो रहा है और इस सेवा के तहत चीनी कंपनी जासूसी कर रही है, यह आरोप अमरीका कर रही है। चीन की इन कंपनियों से कारोबार करने से बचने के लिए अमरिकी विदेश मंत्रालय ने ‘डिजिटल ट्रस्ट स्टैण्डर्ड्स’ तय किए हैं। विश्‍व के 30 प्रमुख देशों के साथ यूरोपिय महासंघ और नाटो ने अमरीका की इस भूमिका का स्वागत किया है। ज़ेक प्रजासत्ताक, पोलैण्ड और स्लोवेनिया ने हाल ही में अमरीका के साथ इसीसे संबंधित समझौते किए हैं। तभी चीन के ‘5-जी’ के विरोध में ब्रिटेन ने ‘डी-अलायन्स’ का प्रस्ताव रखा है। इनमें ‘जी-7’ देशों के साथ भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया का भी समावेश है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.