चीन ने परमाणु हथियारों का निर्माण गतिमान किया – अमरिकी अभ्यासगुट की रपट

china-build-nuclear-weapons-1वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरीका और रशिया के परमाणु हथियारों की संख्या सीमित रखने के लिए जारी कोशिशों का हिस्सा होने से इन्कार करनेवाले चीन ने वास्तव में बड़ी मात्रा में परमाणु हथियारों का निर्माण शुरू करने की जानकारी सामने आ रही है। अमरिकी अभ्यासगुट ‘फेडरेशन ऑफ अमरीकन सायंटिस्टस्‌’ ने इससे संबंधित नई रपट हाल ही मे जारी की है। इसमें चीन के झिंजियांग प्रांत के पूर्वीय क्षेत्र में परमाणु हथियारों के लिए आवश्‍यक लगभग ११० ‘सिलोस’ का निर्माण शुरू होने की बात कही गई है। इस अभ्यासगुट ने चीन की इन गतिविधियों के सैटेलाईट से प्राप्त फोटो भी प्रसिद्ध किए है।

हमला करने के लिए तैयार परमाणु हथियारों के लिए निर्माण किए जानेवाले भूमिगत चेंबर्स को ‘सिलो’ कहा जाता है। इस महीने के शुरू में ‘जेम्स मार्टिन सेंटर फॉर नॉनप्रोलिफरेशन स्टडिज्‌’ नामक अभ्यासगुट ने साझा की हुई रपट में चीन ने अपने गान्सु प्रांत के रेतीले हिस्से मे नए परमाणु हथियारों के लिए यंत्रणा का निर्माण करने की तेज़ गतिविधियाँ शुरू करने की यह जानकारी साझा की थी। इसके बाद दुसरें प्रांत में भी परमाणु हथियारों के लिए यंत्रणा का निर्माण होने की बात ‘फेडरेशन ऑफ अमरीकन सायंटिस्टस्‌’ की रपट से सामने आ रही है। गान्सु प्रांत के ‘युमेन’ के वायव्य दिशा में करीबन ४०० किलोमीटर्स दूरी पर स्थित ‘हामी’ शहर के करीब नई यंत्रणाओं का निर्माण शुरू हुआ हैं। ‘सिलोस’ का निर्माण कार्य मार्च २०२१ से शुरू होने का दावा अमरिकी अभ्यासगुट ने किया है।

china-build-nuclear-weapons-2हामी के करीबन निर्माण हो रहें ‘सिलोस’ में से १४ ‘सिलोस’ पर ‘डोम’ आकार के ‘शेल्टर्स’ का निर्माण किया गया हैं। इसके अलावा १९ ‘सिलोस’ के लिए ज़मीन को ठीक करके आरेखन किया गया हैं। इसके इर्द-गिर्द की जगह और तैयारी से इस क्षेत्र में करीबन ११० ‘सिलोस’ का निर्माण किया जाएगा, ऐसा दावा अमरिकी अभ्यासगुट ने अपनी रपट में किया है। युमेन और इसके बाद हामी में निर्माण हो रही यंत्रणा चीन की अपने परमाणु हथियारों के बेड़े में बढ़ोतरी करने की सबसे बड़ी मुहीम होने का दावा ‘फेडरेशन ऑफ अमरिकन सायंटिस्टस्‌’ ने किया है।

चीन ने बीते तीन महीनों के दौरान तीन अलग अलग हिस्सों में परमाणु हथियारों के लिए बड़ी मात्रा में यंत्रणाओं का निर्माण कार्य शुरू किया होने की जानकारी सामने आयी हैं। इनर मंगोलिया प्रांत के ‘जिलांताई’ क्षेत्र में १२ से १४ ‘सिलोस’ का निर्माण जारी हैं। इसके बाद वर्तमान महीने में ‘युमेन’ और ‘हामी’ में ‘सिलोस’ का निर्माण कार्य शुरू होने की जानकारी स्पष्ट हुई हैं। इन तीनों ठिकानों पर कुल मिलाकर २४० से भी अधिक ‘सिलोस’ का निर्माण कार्य चीन कर रहा हैं। मौजूदा प्राप्त जानकारी के अनुसार चीन के पास फिलहाल २० ‘सिलोस’ कार्यरत हैं। लेकिन इन तीनों ठिकानों पर यंत्रणा का निर्माण होने पर इन्हीं ‘सिलोस’ की संख्या २६० से अधिक हो जाएगी।

इन सभी ‘सिलोस’ में चीन ने अपने परमाणु हथियार रखें तो चीन के परमाणु हथियारों की संख्या ४०० से ९०० के बीच होने की संभावना होगी, ऐसा इशारा अमरिकी अभ्यासगुट ने दिया हैं। इतनी बड़ी मात्रा में परमाणु हथियारों का निर्माण करने के पीछे ‘न्यूक्लियर स्ट्राईक’ की क्षमता बढ़ाना, अमरिकी हमलों पर प्रत्युत्तर देने की तैयारी रखना, शत्रु देशों पर दबाव बनाने जैसें कारण हो सकते हैं, इस ओर ‘फेडरेशन ऑफ अमरिकन सायंटिस्टस्‌’ ने अपनी रपट के माध्यम से ध्यान आकर्षित किया है। चीन बीते कुछ वर्षों से जागतिक महासत्ता होने की कोशिश में जुटा हैं और महासत्ता होने का चित्र खड़ा करना भी इस परमाणु हथियारों का निर्माण कार्य गतिमान करने का उद्देश्‍य हो सकता हैं, ऐसा दावा इस अमरिकी अभ्यासगुट ने किया हैं।

जून महीने में ‘स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इन्स्टिट्यूट’ (सिप्री) नामक अभ्यासगुट ने जारी की हुई रपट में चीन के बेड़े में ३५० परमाणु हथियार होने की बात कही गई थी। चीन अपने परमाणु हथियारों की संख्या तेज़ बढ़ा रहा हैं और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी जारी होने की बात ‘सिप्री’ की रपट में साझा की गई थी।

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