सेनाप्रमुख द्वारा सियाचीन में युद्धतैयारी की समीक्षा

लद्दाख – लद्दाख की ‘एलएसी’ पर स्थित गोग्रा, हॉट स्प्रिंग और देप्सांग से अभी भी चीनी सेना ने वापसी नहीं की है। इस पृष्ठभूमि पर भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकूंद नरवणे ने लद्दाख का दौरा किया। जनरल नरवणे ने पूर्वीय लद्दाख और सियाचीन का दौरा करके वहां युद्ध की तैयारी की समीक्षा की। सेनाप्रमुख का यह लद्दाख और सियाचीन का दौरा चीन को जरूरी संदेश देने के लिए था, ऐसे स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

सियाचीन

भारत में कोरोना संक्रमण के बावजूद चीन ने बीते वर्ष लद्दाख की ‘एलएसी’ पर घुसपैठ करने की कोशिश की थी। अब भी देश में कोरोना की दूसरी लहर उठी है और यह संक्रमण चिंताजनक स्तर पर बढ़ रहा है। इसका लाभ उठाकर ‘एलएसी’ पर उकसानेवाली हरकत करने की साज़िश चीन कर सकता है। लेकिन, भारतीय सेना पूरी तरह से मुस्तैद है और चीन की प्रत्येक हरकत पर भारतीय सेना की कड़ी नज़र है। ऐसी स्थिति में सेनाप्रमुख ने लद्दाख और सियाचीन का दौरा करना काफी अहमियत रखता है।

चीन से जुड़ी सीमा की सुरक्षा का ज़िम्मा भारतीय सेना के ‘१४ कोर’ के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल पी.जी.के.मेनन के हाथों में है। उन्होंने लद्दाख के ‘एलएसी’ की सुरक्षा के नज़रिये से संवेदशील क्षेत्रों की जानकारी सेनाप्रमुख के सामने रखी। इस दौरान सेनाप्रमुख ने वहां पर तैनात सैनिकों से मुलाकात की। काफी कठिन स्थिति में देश की सुरक्षा करने के लिए वहां पर चट्टान की तरह ड़टे हुए सैनिकों के मनोबल और हौसले की सेनाप्रमुख ने खुले दिल से सराहना की।

सेनाप्रमुख नरवणे ने सियाचीन में तैनात सैनिकों के साथ भी मुलाकात की। जनरल नरवणे बुधवार के दिन भारत के दौलत बेग ओल्डी यानी की ‘डीबीओ’ हवाई अड्डे की यात्रा कर रहे हैं। भारत के इस हवाई अड्डे से बड़ा खतरा होने का अहसास चीन रखता है। इस हवाई अड्डे से पाकिस्तान और चीन में विकसित किए गए ‘इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ को भारत आसानी से लक्ष्य कर सकता है, यह ड़र चीन को सता रहा है। ऐसे में भारत ने ‘डीबीओ’ को विकसित करने के लिए तेज़ी से कदम उठाना शुरू किया है और वहां पर तैनाती बढ़ाकर चीन को बेचैन किया हुआ दिख रहा है। इस वजह से सेनाप्रमुख जनरल नरवणे ने ‘डीबीओ’ की यात्रा करने का निर्णय करके चीन की चिंता बढ़ाई होने की बात दिख रही है।

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