चिनी कंपनियों पर रोक लगाने के लिये निविदा नियमों में परिवर्तन – अधिक चिनी अ‍ॅप्स पर पाबंदी लगाई जायेगी   

नई दिल्ली – भारत सरकार ने चिनी कंपनियों को सरकारी काँट्रॅक्ट से दूर रखने के लिये, निविदा नियमों में परिवर्तन करके चीन को एक और झटका दिया है। साथ ही और भी अन्य चिनी अ‍ॅप्स पर पाबंदी लगाकर चीन को दोहरा झटका देने की तैयारी सरकार ने की होने की ख़बरें हैं। उसी समय अ‍ॅपल जैसी नामांकित कंपनी ने अपने नये आयफोन मॉडेल का उत्पादन भारत में करने का फैसला किया होने की खबर है। यह भी चीन के लिये बड़ा झटका माना जाता है।

निविदा

कोरोनावायरस की वजह से कमज़ोर हुए भारतीय उद्योगों की स्थिति का गलत फायदा चिनी कंपनियाँ ना लें, भारतीय कंपनियों का अधिग्रहण करने की साज़िश चिनी कंपनियाँ ना करें, इसके लिए अप्रैल महिने में भारत सरकार ने ठेंठ विदेशी निवेश (एफ़डीआय) के नियमों में परिवर्तन किया था। पड़ोसी देशों को किसी भी निवेश के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य की गई थी। हालाँकि ‘पड़ोसी देश’ ऐसा उल्लेख किया गया था, लेकिन फिर भी मुख्य लक्ष्य चीन के मौक़ापरस्त निवेश को रोकना था।

इसी धर्ती पर अब सरकार ने निविदा नियम भी बदले हैं और भारतीय बाज़ार में चिनी कंपनियों के लिये एक और फिल्टर लगाया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का विचार करके जनरल फायनान्शियल अधिकार क़ानून में सुधार किये हैं। चीन, पाकिस्तान, नेपाल, बांगलादेश तथा भूटान की कंपनियों को सरकारी खरीद के लिये दिये जानेवाले काँट्रॅक्ट मिलना अब उतना आसान नहीं होगा। केंद्र सरकार ने निविदा नियमों में बदल किये गये है। अब तक सार्वजनिक खरीद के काँट्रॅक्ट को पाने में चिनी कंपनियों का बोलबाला था। इस कारण, निविदा नियम चिनी कंपनियों को सरकारी काँट्रॅक्ट मिलने से रोखने के लिये बदले जाने की बात स्पष्ट होती है।

निविदा

कानून में किये सुधारों के अनुसार, डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री अँड इंटर्नल ट्रेड (डीपीआयआयटी) विभाग की ओर से सक्षम प्राधिकरण की स्थापना की जायेगी। इस अथॉरिटी के पास दर्ज़ की हुई पड़ोसी देशों की कंपनियाँ ही सार्वजनिक सेवा तथा वस्तुओं की आपूर्ति के लिये टेंडर भर सकतीं हैं। लेकिन इस रेजिस्ट्रेशन के लिए विदेश मंत्रालय एवं गृहमंत्रालय की सुरक्षा के संदर्भ में मंज़ुरी मिलना आवश्यक होगा।

सार्वजनिक उपक्रम की सभी कंपनियाँ, बँक, स्वायत्त संस्था, यहाँ तक कि सार्वजनिक और निजी साझेदारी की योजनाओं के लिए भी यह नियम लागू होगा। साथ ही, संविधान की जिस धारा में कानून में सुधार किया गया है, उसके अनुसार राज्य सरकार के उपक्रमों के लिए भी ये नियम लागू होंगे।

निविदा

इसी दौरान, ५९ चिनी अ‍ॅप्स पर पाबंदी लगाने के बाद अब कुछ और चिनी अ‍ॅप्स पर सरकार पाबंदी लगायेगी, ऐसी खबर है। इससे पहले पाबंदी लगाये हुए चिनी अ‍ॅप्स का लाईट वर्जन गुगल प्ले स्टोअर तथा अ‍ॅपल अ‍ॅप्स स्टोअर पर उपलब्ध थे। उन्हें भी सरकार के कहने पर हटाया गया है।

उसी समय अ‍ॅपल ने अपने ‘आयफोन११’ इस वर्जन का उत्पादन भारत में करने का फैसला किया है। चिनी वस्तुओं के विरोध में भारतीयों के मन में होनेवाली विरोध की भावना को ध्यान में रखते हुए अ‍ॅपल ने यह फैसला किया ऐसा कहा जाता है। इससे पहले आयफोन का बड़े पैमाने पर उत्पादन चीन में किया जाता था और वहीं से उसे भारत में आयात किया जाता था। लेकिन चीन में तैयार आयफोन की बिक्री अब भारत में ना करके, उल्टा भारत में ही उसका उत्पादन करने का फैसला अ‍ॅपल ने करने की खबर है। साथ ही, भारत में उत्पादन किये हुए आयफोन की निर्यात करने के बारे में कंपनी सोच रही है, ऐसा खबर में दावा किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.